सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए हैं तैयार

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                             27 दलों के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले 17 नवंबर को बुलायी गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है। 27 दलों के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

श्री जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र भी पिछले सत्र जितना ही फलदायी होना चाहिए। उन्होंने श्री मोदी को यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘‘सरकार सदनों के नियमों और प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि संसद में रचनात्मक चर्चा नौकरशाही को भी सतर्क रखती है। इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह और कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया।

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने 16 नवंबर को सभी राजनीतिक दलों से सदन के सुचारू संचालन के लिए सहयोग की अपील की। बैठक के बाद श्री बिरला ने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं ने अलग अलग मुद्दों का उल्लेख किया, जिन पर वे 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सार्थक चर्चा करना चाहते हैं।

उत्तम से उत्तम बहस हो यह आवश्यक है : नरेन्द्र मोदी

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 18 नवंबर को मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने देश को प्रगति के मार्ग पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राज्यसभा की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि 2019 का यह आखिरी सत्र है और यह बहुत महत्वपूर्ण सत्र भी है, क्योंकि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है। 250 सत्रों की अपनी यात्रा का बहुत ही प्रेरक स्मृतियों के साथ राज्यसभा का 250वां सत्र प्रारंभ हो रहा है। उसी प्रकार से इसी सत्र के दरमियान 26 तारीख को हमारा संविधान दिवस है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान के 70 साल हो रहे हैं। यह संविधान देश की एकता, अखंडता, भारत की विविधता, भारत के सौंदर्य को अपने में समेटे हुए है और देश के लिए वे चालक ऊर्जा शक्ति है। संविधान के 70 साल अपने आप में, इस सदन के माध्यम से देशवासियों के लिए भी एक जागृति का अवसर बन सकता है।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले दिनों करीब-करीब सभी दल के नेताओं से मिलने का मौका मिला है और यह सत्र भी जैसे पिछली बार नई सरकार बनने के बाद सभी दलों के सहयोग के कारण, सभी माननीय सांसदों के सहयोग के कारण हर किसी की सक्रिय सकारात्मक भूमिका के कारण गत सत्र अभूतपूर्व सिद्धियों से भरा हुआ था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मुझे सार्वजनिक रूप से गर्व से कहना चाहिए कि ये सिद्धि सरकार की नहीं होती है, ये सिद्धि ट्रेजरी बेंच की नहीं होती है, ये सिद्धि पूरे सदन की होती है और सभी सांसद उसके हकदार होते हैं और इसलिए मैं फिर एक बार सकारात्मक सक्रिय भूमिका के लिए सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं और आशा करता हूं ये सत्र भी देश के विकास की यात्रा को, देश को गति देने में, दुनिया जिस तेजी से आगे बढ़ रही है उसके साथ कदम मिलाने का सामर्थ्य हम हमारी संसद से भी प्रकट करें।

उन्होंने कहा कि हम सभी मुद्दों पर खुलकर के चर्चा चाहते हैं। उत्तम से उत्तम बहस हो ये आवश्यक है। वाद हो, विवाद हो, संवाद हो, हर कोई अपनी बुद्धि शक्ति का प्रचुर मात्रा में उपयोग करे और सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने में योगदान दें। उससे जो अमृत निकलता है वो देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम आता है। तो इन सभी सांसदों को शुभकामनाएं देते हुए आप सबका भी बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।