प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक इजराइल यात्रा

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भारत-इजराइल के बीच 7 अहम समझौते

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 4-6 जुलाई के दौरान इजराइल की ऐतिहासिक यात्रा की। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इजराइल यात्रा है। इस यात्रा के दौरान भारत और इजरायल के बीच अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। गौरतलब है कि इस वर्ष भारत और इस्राइल ने अपने राजनयिक संबंधों के 25 साल पूरे किए हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक इजराइल यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 5 जुलाई को अंतरिक्ष, कृषि और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और इजराइल ने चार करोड़ डॉलर के भारत-इजराइल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास तथा तकनीकी नवोन्मेषण कोष की स्थापना के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके आलावा भारत में जल संरक्षण, भारत में राज्य स्तर पर जल उपयोगिता सुधार, भारत-इजराइल विकास सहयोग के तहत तीन (2018 से 2022) साल के लिए भारत में कृषि से जुड़े कार्य, परमाणु घड़ियों के निमार्ण सहयोग, जियो-लियो (Geo-Leo) ऑप्टिकल लिंक तथा छोटे उपग्रहों के निर्माण के लिए बिजली संचालन शक्ति को लेकर दोनों देशों की स्पेस एजियों के बीच करार हुए।

‘आपका स्वागत है मेरे दोस्त’: बेंजामिन नेतन्याहू

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई को इजराइल पहुंचे। इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर एक भव्य स्वागत समारोह में उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हिंदी में ‘आपका स्वागत है मेरे दोस्त’ कहते हुए अपने प्रेस वक्तव्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का खुली बाहों से स्वागत किया गया है और यहां तक कि आकाश भी दोनों देशों के बीच सहयोग की सीमा नहीं है। उन्होंने एक महान नेता और एक ‘विश्व नेता’ के रूप में प्रधानमंत्री की सराहना की।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने हिब्रू में शुभकामनाएं ‘शालोम लेकुलम’ देते हुए शुरुआत की। उन्होंने हिब्रू में यह भी कहा कि ‘यहां इजराइल आकर मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है।’ उन्होंने ठीक 41 साल पहले 4 जुलाई को एंटेबे में इजराइली ऑपरेशन को याद किया जब प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बड़े भाई ने कई इजराइल बंधकों को बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि निरंतर उच्च वृद्धि और समग्र विकास की हमारी राह में भारत इजराइल को एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है।

उन्होंने कहा कि साझा आर्थिक समृद्धि के लिए साझेदारी करने के साथ-साथ हम आतंकवाद जैसे साझा खतरों से अपने समाज को सुरक्षित करने के लिए भी सहयोग कर रहे हैं।

हमारी मित्रता और गहरा करने का अवसर: नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई को एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि इस अदभुत यात्रा के दौरान मैं इजराइल आकर गौरवान्वित हुआ हूं। हालांकि, आधुनिक यात्रा में हमारे मार्ग अलग-अलग रहे हों, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक प्रगति में हमारा विश्वास एक जैसा ही रहा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा एक अवसर है: हमारी मित्रता की जड़ों को और गहरा करने के लिए; हमारे संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए और हमारे सहयोग के नए आयामों की दिशा में एक साथ आगे बढ़ने के लिए।

श्री मोदी ने कहा कि इजराइल उन प्रमुख देशों में शुमार है, जिनके पास इनोवेशन, जल और कृषि प्रौद्योगिकी में काफी विशेषज्ञता प्राप्त है। भारत के विकास में ये क्षेत्र मेरे प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। हमने इस बात पर सहमति जताई है कि जल दक्षता तथा संसाधन उपयोग; जल संरक्षण और इसका परिष्करण; कृषि में उत्पादकता में वृद्धि हमारे द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रमुख क्षेत्र हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम दोनों देशों की एक ही सोच है कि हमारे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता एक साथ मिलकर उपरोक्त क्षेत्रों में दोनों देशों के हित में सोल्यूशन विकसित, निर्मित और कार्यान्वित करेंगे।

इजराइल में सामुदायिक रिसेप्शन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई को कहा कि 70 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का आना ये अपने आप में एक खुशी का भी अवसर है और कुछ सवालिया निशान भी है|

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मानव प्रकृति है कि जब आप किसी बहुत करीबी व्यक्ति से बहुत दिन बाद मिलते हैं, तो पहला रिएक्शन होता है बहुत दिन हुए मुलाकात और फिर कहते हैं ठीक हो कैसे हो और ये जो कैसे हो, ये पहला वाक्य ही एक प्रकार से कन्फेशन के साथ जुड़ा हुआ होता है। व्यक्ति का हाल-चाल पूछने के साथ-साथ तुरंत ये भी स्वीकार कर लेता है कि बहुत दिन बाद मिले हैं। मैं आपसे मेरी बात की शुरूआत इसी कन्फेशन से करना चाहता हूं वाकई बहुत दिन बाद मिले हैं और दिन भी कहना ठीक नहीं है सच ये है कि मिलने में कई साल लग गए 10, 20, 50 नहीं 70 साल लग गए।

उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के 70 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री आज इजराइल की धरती पर आप सबसे आशीर्वाद ले रहा है। इस अवसर पर इजराइल के प्रधानमंत्री मेरे दोस्त बेंजामिन नेतन्याहू यहां उपस्थित हैं। इजराइल आने के बाद जिस तरह वो मेरे साथ रहें हैं, जैसा सम्मान उन्होंने दिया है वो भारत के सवा सौ करोड़ लोगों का सम्मान है। ऐसे सम्मान को, ऐसे प्यार को, ऐसे अपनेपन को कभी भी दुनिया में कोई भुला सकता है?

प्रधानमंत्री ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को दिया उपहार

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतन्याहू को केरल से पुरावशेष के दो सेट की प्रतिकृतियां उपहार स्वरूप भेंट की, जिन्हें भारत में यहूदियों के लंबे इतिहास में प्रमुख कलाकृतियों के तौर पर जाना जाता है। इनमें तांबे के प्लेटों के दो अलग-अलग सेट शामिल हैं। समझा जाता है कि इन पर 9-10वीं शताब्दी सी. ई. में लिखा गया होगा।

तांबे के प्लेटों का पहला सेट भारत में कोचीन यहूदियों के लिए एक महत्वपूर्ण पुरावशेष है। इसे हिंदू राजा चेरामन पेरुमल (भास्कर रवि वर्मा के रूप में चर्चित) द्वारा यहूदी नेता जोसेफ रब्बन को दिए गए वंशानुगत शाही विशेषाधिकारों और सुविधाओं का वर्णन करने वाला चार्टर माना जाता है। यहूदियों के पारंपरिक विवरणों के अनुसार, जोसेफ रब्बन को बाद में शिंघली के राजकुमार के रूप में ताज पहनाया गया था। सिंघली उस समय क्रांगानोर के समकक्ष एक स्थान था।

क्रांगानोर वही जगह है जहां यहूदियों ने कोच्चि एवं मालाबार में अन्य जगहों की ओर कूच करने से पहले सदियों तक धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वायत्तता का आनंद उठाया था। स्थानीय यहूदियों ने एक बार शिंघली/क्रांगानोर की एक मुट्ठी मिट्टी हरेक ताबूत में डाल दिया था, क्योंकि उसे एक पवित्र स्थान और ‘दूसरा यरूशलेम’ के रूप में माना जाता है। इन प्लेटों की प्रतिकृति को कोच्चि के मट्टानचेरी में परदेशी सिनेगॉग के सहयोग से तैयार किया गया है।

तांबे की प्लेटों का दूसरा सेट भारत के साथ यहूदी व्यापार के इतिहास का सबसे प्राचीन दस्तावेज माना जाता है। इन प्लेटों में स्थानीय हिंदू शासक द्वारा भूमि आवंटन एवं कर विशेषाधिकार अनुदान का वर्णन एक चर्च से किया है। साथ ही इसमें पश्चिम एशियाई एवं भारतीय व्यापारिक संगठनों को कोल्लम में व्यापार की निगरानी का भी वर्णन किया गया है। पश्चिमी एशियाई संगठनों में मुस्लिम, ईसाई, जोरोऑट्रियंस आदि शामिल हैं। साथ ही इसमें यहूदियों के एक समूह को भी शामिल किया गया है जिसने जुडियो-फारसी और संभवतः अरबी एवं पहलवी (मध्य फारसी) में भी में हस्ताक्षर किए थे। ऐसा लगता है कि इन प्लेटों पर उनके हस्ताक्षर उकेरे गए हैं, जिन्हें उस लिपि से अपरिचित किसी स्थानीय कामगार द्वारा काटा गया होगा। इन प्लेटों की प्रतिकृति को तैयार करने में केरल के तिरुवल्ला स्थित मालंकरा मार थोमा सीरियन चर्च के सहयोग उल्लेखनीय रहा।

साथ ही प्रधानमंत्री ने इजराइल के प्रधानमंत्री को एक टोरा स्क्रॉल भी भेंट किया, जिसे केरल के परदेसी यहूदी समुदाय ने दान दिया था। करीब सौ साल पहले हस्तलिखित यह स्क्रॉल कोच्चि के परदेसी सिनेगॉग को समर्पित किया गया था, जिसे 1568 में बनाया गया था। टोरा लकड़ी के एक बक्से में लकड़ी के दांतों से घिरा है जो चांदी की चादर से ढंका हुआ है और धातु का मुकुट पुष्प आभूषण की तरह सोने की चादरों से ढंका है।

भारत और इजराइल के संबंध कई शताब्दियों से हैं: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई को भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते 25 साल पुराने ही हों, लेकिन भारत और इजराइल के संबंध कई शताब्दियों से हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बताया गया है, 13वीं शताब्दी में भारतीय सूफी संत बाबा फरीद यरुशलम आए थे और उन्होंने यहां एक गुफा में साधना की थी।

प्रधानमंत्री ने भारत और इजराइल के बीच पारंपरिक, सांस्कृतिक, विश्वास और मित्रतापूर्ण संबंधों का वर्णन किया। उन्होंने भारत और इजराइल के त्योहारों में समानता का भी जिक्र किया। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने होली और पुरिम, दीवाली और हनुका का उदाहरण दिया।

प्रधानमंत्री ने इजराइल द्वारा की गई शानदार तकनीकी प्रगति और उसकी लंबी बहादुरी एवं शहादत की परंपरा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पहले विश्व युद्ध के दौरान हैफा की आजादी में भारतीय सैनिकों द्वारा निभाई गई भूमिका को याद किया। उन्होंने भारतीय यहूदी समुदाय के भारत और इजराइल दोनों के लिए किए गए योगदान का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने इजराइल की नवाचार की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इजराइल ने जियो-थर्मल पावर, सौर पैनल, एग्रो-बायोटेक्नॉलाजी और सुरक्षा के क्षेत्र में शानदार प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में भारत में किए गए सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने जीएसटी लागू करने, प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी, बीमा एवं बैंकिंग क्षेत्र के सुधार और कौशल विकास समेत कई पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में दूसरी हरित क्रांति के लिए इजराइल के साथ साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान भविष्य में भारत और इजराइल के संबंधों का आधार बन सकते हैं। प्रधानमंत्री ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में सुरक्षित बचे बच्चे मोशे होल्तजबर्ग से हुई मुलाकात को भी याद किया।

उन्होंने इजराइल में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को आश्वासन दिया कि इजराइल में अनिवार्य सैन्य सेवा करने के बावजूद उन्हें ओसीआई कार्ड दिया जाएगा। प्रधानमंत्री कहा कि इजराइल में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया जाएगा। उन्हें यह भी घोषणा की कि जल्द ही दिल्ली, मुंबई और तेल अवीव के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू कर दी जाएगी।