प्रधानमंत्री की पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड की सफल यात्रा

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 24 जून से 27 जून तक पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड की सफल यात्रा की। इस यात्रा से इन देशों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में दि्वपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिला। साथ ही अंतरिक्ष से लेकर आतंकवाद तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं व समझौते हुए।

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धानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की लिस्बन यात्रा के दौरान 24 जून को दोनों पक्षों ने भारत-पुर्तगाल अंतरिक्ष एलायंस बनाने और मिलकर अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता पुर्तगाल के साथ भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी साझेदारी को अजोरस द्वीपसमूह-अटलांटिक इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर-पर एक अद्वितीय केंद्र की स्थापना के लिए बढ़ावा देगा।

यह केंद्र, ट्रांस अटलांटिक एव उत्तर-दक्षिण सहयोग के लिए एक अनुसंधान, नवाचार (इनोवेशन) और नॉलेज (ज्ञान) हब के तौर पर काम करेगा। अनुसंधान एवं शैक्षिक संगठनों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बनाया जाएगा। इसका लक्ष्य अनुसंधान के लिए एक साझा वातावरण तैयार करना और नई जलवायु, पृथ्वी, अंतरिक्ष एवं समुद्री शोध को बढ़ावा देना है। इसमें अंतरिक्ष के संबंध में सहयोग की उम्मीद है, जिसमें अगली पीढ़ी के नैनो एवं माइक्रो उपग्रहों का विकास और आपसी सहयोग शामिल है।

पुर्तगाल 40 लाख यूरो का संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष बनाने पर सहमत

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम दो ऐसे देश हैं जिनका गहरा ऐतिहासिक जुड़ाव और मजबूत आर्थिक एवं जन संपर्क रहा है। इसलिए, मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री ने अब तक पुर्तगाल की द्विपक्षीय यात्रा नहीं की। हालांकि, मैं इस तथ्य से संतुष्ट हूं कि छह महीने के अंदर भारत और पुर्तगाल के बीच यह दूसरी वार्ता है।
श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री कोस्टा और मैंने आज व्यापक विचार-विमर्श किया और उनकी भारत की ऐतिहासिक यात्रा के बाद से हासिल प्रगति की समीक्षा की। हमारे संबंधों का ऊपर की तरफ बढ़ना जारी है। पिछले वर्ष द्विपक्षीय व्यापार 17 प्रतिशत बढ़ा है और पुर्तगाल से भारत में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भले की कम हो, लेकिन 2016-17 में यह दोगुना हो गया है। दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच ऐसा बहुत कुछ है जो हम माल, सेवाओं, पूंजी और मानव संसाधन के प्रवाह को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। इस संबंध में, पुर्तगाल में आर्थिक बदलाव और भारत का सुदृढ़ विकास हमारे लिए एक साथ आगे बढ़ने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा सहयोग गति पकड़ रहा है। अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में सहयोग के लिए हम 40 लाख यूरो का संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष बनाने पर सहमत हुए हैं। हम नैनो तकनीक, समुद्री विज्ञान एवं ओशियेनोग्राफी के क्षेत्र में पुर्गताल की विशेषज्ञता से सीखने के लिए उत्सुक हैं। अंतरिक्ष हमारे द्विपक्षीय सहयोग का नया क्षेत्र है। यह आइडिया प्रधानमंत्री कोस्टा की इस वर्ष की शुरुआत में भारत यात्रा के दौरान सामने आया। हमें पुर्तगाल के साथ अटलांटिक इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर में काम करने का इंतजार है। इसमें अंतरिक्ष और समुद्री विज्ञान दोनों क्षेत्र आते हैं।

आतंकवाद पर भारत-अमेरिका एक साथ

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 और 26 जून अमेरिका में रहे। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के संबधों को और मजबूत बनाने तथा आतंकवाद  को मिलकर खत्म करने की बात पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा बयान में दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते बेहतर करने और नौकरियों के मौके बढ़ाने पर जोर दिया गया। जहां श्री ट्रंप ने भारत को अमेरिका का सच्चा दोस्त बताया, वहीं श्री मोदी ने भारत की विकास यात्रा में अमेरिका के साझेदार होने की बात कही। साथ ही भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों के लिए न हो।

अपने प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरी यह यात्रा तथा मेरी और आपकी आज की वार्ता हमारे दोनों देशों की सहयोग के इतिहास में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पृष्ठ होगा। श्री मोदी ने कहा मेरी आज की बातचीत हर प्रकार से अत्यंत महत्वपूर्ण रही। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह परस्पर विश्वास पर आधारित थी; क्योंकि इस के मध्य नज़र ये हमारे मूल्य, प्राथमिकताएं, चिन्ताएं और रूचियों की समानता; क्योंकि यह भारत तथा अमेरिका के बीच परस्पर सहयोग तथा सहभागिता की चरम सीमाओं की उपलब्धि पर केन्द्रित है; क्योंकि हम दोनों ग्लोबल इंजिन्स ऑफ़ ग्रोथ हैं; क्योंकि दोनों देशों तथा समाजों का चौमुखी आर्थिक विकास तथा इन की सांझी प्रगति राष्ट्रपति जी का तथा मेरा मुख्य लक्ष्य था और आगे भी रहेगा; क्योंकि आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतिया से अपने समाजों की सुरक्षा राष्ट्रपति ट्रंप तथा मेरी सर्वोत्तम प्राथमिकताओं मे से एक है।

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प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनी प्रमुखों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून को वाशिंटन डीसी में आयोजित राउंड टेबुल बैठक में अमेरिका की शीर्ष बीस कंपनियों के प्रमुखों के साथ मुलाकात कर चर्चा की। कंपनी प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया का ध्यान भारतीय अर्थव्यवस्था पर केन्द्रित होता जा रहा है। देश की युवा आबादी और तेजी से तरक्की कर रहा मध्यम वर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था में दुनिया की दिलचस्पी बढ़ा रहा है। खासतौर से यह दिलचस्पी विनिर्माण,व्यापार और वाणिज्य तथा दोनों देशों के लोगों के बीच सीधे संपर्क के क्षेत्र में देखी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में केन्द्र सरकार ने अपना सारा ध्यान लोगों की जीवन गुणवत्ता सुधारने पर केन्द्रित किया है। इसके लिए वैश्विक साझेदारी की दरकार है और इसलिए केन्द्र ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ पर काम कर रही है। उन्होंने इस अवसर पर देश में हाल में हुए सुधारों की चर्चा करते हुए कहा कि अकेले केन्द्र की ओर से 7000 हजार सुधारों की पहल की गई है। यह भारत की वैश्विक मानक तय करने की चाहत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार दक्षता, पारदर्शिता, विकास और सबके लाभ पर जोर दे रही है।

वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों के अथक प्रयास के बाद यह अब वास्तविकता बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करना एक जटिल कार्य है जो भविष्य के लिए अध्ययन का विषय हो सकता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करना यह दर्शाता है कि भारत बड़े फैसले लेने के साथ ही उन्हें तेजी से लागू करने का दम भी रखता है।

इस अवसर पर अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने नीतिगत पहलों और कारोबारी सहूलियतों के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और इस क्रम में डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, कौशल विकास, विमुद्रीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में की गई पहलों की खासतौर से प्रशंसा की। कई कंपनी प्रमुखों ने सरकार के कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में की गई पहलों में साझेदारी की इच्छा भी जताई।

उन्होंने इस मौके पर भारत में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों द्वारा महिला सशक्तिकरण, डिजिटल प्रौद्योगिकी, शिक्षा और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किए जा रहे सामाजिक कार्यों का जिक्र भी किया। बैठक में आधारभूत संरचना,रक्षा विनिमार्ण और ऊर्जा सुरक्षा जैसे मसलों पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका और भारत समान मूल्यों को साझा करते हैं। यदि अमेरिका मजबूत होगा तो स्वाभाविक रूप से इसका फायदा भारत को मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक शक्तिशाली अमेरिका पूरी दुनिया के लिए हितकारी होगा।

वाशिंगटन डीसी में भारतीय समुदाय से मिले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 जून को वाशिंगटन डीसी में भारतीय समुदाय के लोगों से मिले। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारत से जब भी कोई कोई अच्छी खबर आती है अमेरिका में बसे भारतीय प्रवासी खुशी मनाते हैं और चाहते हैं कि भारत नयी ऊंचाइयों को छुए। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान की भूमिका की सराहना भी की।
उन्हेाने कहा कि भारत के लोगों को अब अवसर और बेहतर माहौल मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही ये लोग देश में भी बड़ा परिवर्तन लेकर आएंगे। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले तीन सालो में केन्द्र सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। उन्होंने भ्रष्टाचार खत्म करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका की विशेष रुप से चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना के लाभों का विस्तार से जिक्र करते हुए कहा कि इससे जरुरतमंदों तक सब्सिडी का लाभ पहुंचाने और इसमें किसी तरह की गड़बडी को रोकने में काफी मदद मिली है।

नीदरलैंड विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत: मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 27 जून को नीदरलैंड पंहुचे। श्री मोदी ने कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच संबंध सदियों पुराने हैं और हमारे दोनों देश हमेशा से उन्हें कहीं अधिक गहराई देना और करीबी बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हम भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इसलिए यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों पर कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करें। आज की दुनिया एक-दूसरे पर निर्भर और एक-दूसरे से जुड़ी हुई दुनिया है। इसलिए यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि हमारे विचार-विमर्श में हम न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का सवाल है, हमारे दोनों देशों के विचार काफी हद तक एक जैसे हैं और नीदरलैंड की मदद से ही भारत ने पिछले साल एमटीसीआर की सदस्यता सफलतापूर्वक हासिल की और इसके लिए मैं आपको हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूं। जहां तक द्विपक्षीय निवेश का संबंध है, अब तक नीदरलैंड विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। वास्तव में पिछले तीन वर्षों के दौरान यह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इस तथ्य को दोहराने की कोई आवश्यकता है कि भारत के आर्थिक विकास में, विकास के लिए हमारी प्राथमिकताओं में, नीदरलैंड एक स्वाभाविक भागीदार है। आज हमें डच कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक करने का भी अवसर मिलेगा और मुझे उम्मीद है कि भारत के संबंध में उनका सकारात्मक दृष्टिकोण बरकरार रहेगा और मैं उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे नीदरलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से मिलने का भी अवसर मिलेगा। यहां रहने वाले भारतीय समुदाय दो देशों के बीच एक जीवंत लिंक और पुल के रूप में मौजूद हैं। लोगों से लोगों के संपर्क को और अधिक मजबूत करने का भी हमारा प्रयास है।