1250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ

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36 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 16 फरवरी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया और दीनदयाल उपाध्याय स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों-वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ने वाली तीसरी कार्पोरेट ट्रेन–महाकाल एक्सप्रेस को भी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने 430 बिस्तरों वाले सुपर-स्पेशल्टी सरकारी अस्पताल सहित 36 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 14 विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक केंद्र में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के स्मारक स्थल के साथ स्वयं को जोड़कर आज यह क्षेत्र अपने नाम ‘पड़ाव’ के महत्व को और ज्यादा मजबूती प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यह स्थान ऐसे मंच के रूप में विकसित होगा, जहां सेवा, बलिदान, न्याय और जनहित सब एक स्थान पर होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्मारक स्थल और उपवन और यहां स्थापित भव्य प्रतिमा भावी पीढ़ियों को नैतिकता और दीनदयाल जी के विचारों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी ने हमें अंत्योदय का मार्ग दिखाया, जो समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विचार से प्रेरणा पाकर 21वीं सदी का भारत अंत्योदय के लिए काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इस पवित्र अवसर पर लगभग 1250 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है, जो वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल को लाभान्वित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘ये सभी परियोजनाएं काशी सहित समूचे पूर्वांचल में पिछले पांच वर्ष से जारी पुनरुद्धार के संकल्प का भाग हैं। इन वर्षों में वाराणसी जिले में 25 हजार करोड़ रुपये मूल्य के विकास कार्यों को पूर्ण किया गया है या वे प्रगति पर हैं।’

ढांचागत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता

श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने सड़कों, राजमार्गों, जलमार्गों, रेलवे, विशेषकर ढांचागत सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, ‘ये विकास कार्य न सिर्फ राष्ट्र को आगे ले जा रहे हैं, बल्कि रोजगार के अवसरों, विशेषकर पर्यटन आधारित रोजगार के अवसरों का भी सृजन कर रहे हैं, जिनकी काशी और आसपास के क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति यहां आए थे और वह यहां के दिव्य वातावरण से मंत्रमुग्ध हो गए थे।
उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर बाबा विश्वनाथ के शहर को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर के साथ जोड़ने वाली महाकाल एक्सप्रेस को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। बीएचयू में 2016 की दूसरी छमाही में जिस सुपर-स्पेशल्टी अस्पताल का शिलान्यास किया गया था, उसका अब उद्घाटन किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘मात्र 21 महीनों में यह 430 बिस्तरों वाला अस्पताल काशी और पूर्वांचल की जनता की सेवा करने के लिए तैयार है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं के केंद्र में आत्मनिर्भरता और आत्म-सहायता होने संबंधी दीनदयाल जी के विचारों के अनुरूप, सरकारी योजनाओं और सरकार की संस्कृति में इन विचारों को शामिल करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए उस तक पहुंच बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “अब परिस्थिति बदल रही है और अब समाज के अंतिम व्यक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।”

‘काशी एक रूप अनेक’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी को वाराणसी के बड़ा लालपुर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यापार सुविधा केंद्र में आयोजित ‘काशी एक रूप अनेक’ कार्यक्रम में भाग लिया। समारोह के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों और काशी के बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

उन्होंने एक जिला एक उत्पाद के अन्तर्गत हथकरघा, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने, चंदौली ब्लैक राइस, कन्नौज के इत्र, मुरादाबाद के धातु शिल्प, आगरा के चमड़े के जूते, लखनऊ की चिकनकारी और आज़मगढ़ की ब्लैक पॉटरी का न केवल निरीक्षण किया, अपितु शिल्पकारों के साथ वार्तालाप भी किया। उन्होंने विभिन्न शिल्पों से जुड़े शिल्पियों और दस्तकारों को किट और वित्तीय सहायता भी प्रदान की।

श्री मोदी ने कहा कि पारंपरिक हस्तशिल्प दस्तकारों, शिल्पियों और एमएसएमई को सुविधा उपलब्ध कराने और मजबूत करने से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए अधिक अवसर पैदा करने और कई योजनाओं के तहत बुनकरों और हस्तशिल्पियों को मशीन, ऋण जैसे आवश्यक अवसर प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना की।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निर्णय लेना जारी रखेगी।

एक जिला एक उत्पाद

श्री मोदी ने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों जैसे एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के कारण पिछले 2 वर्षों में उत्तर प्रदेश से निर्यात निरंतर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को उत्तर प्रदेश के उत्पादों से न सिर्फ लाभ होगा, बल्कि यह ऑनलाइन बाजार के माध्यम से दुनिया अन्य हिस्सों तक भी पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक जिले की पहचान कुछ अनोखे उत्पादों जैसे रेशम, मसाले आदि की विभिन्न किस्मों से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और एक जिला एक उत्पाद जैसे विचारों के पीछे ऐसी ही व्यापक प्रेरणा कार्य करती है और यह एक सकारात्मक विकास की ओर ले जाने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में 30 जिलों के 3500 से अधिक शिल्पी बुनकरों को यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (यूपीआईडी) के द्वारा समर्थित किया गया है। 1000 से अधिक शिल्पियों को टूलकिट भी प्रदान किए गए। उन्होंने बुनकरों, शिल्पियों, हस्तशिल्पियों आदि को समर्थन देने के लिए यूपीआईडी के प्रयासों की सराहना की।

21वीं सदी की मांग के अनुसार भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पारंपरिक उद्योगों को संस्थागत, वित्तीय सहायता के साथ नवीन तकनीक और विपणन जैसी सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों से हम इस दिशा में निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि हम एक ऐसे नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहे हैं जो देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। उद्योगों और धन सृजनकर्ताओं की सुविधा के लिए किए गए कई उपायों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में विनिर्माण और व्यापार सुलभता पर काफी जोर दिया गया है।

राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन को 1500 करोड़ रुपये का आवंटन

श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन को 1500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रक्षा गलियारे के लिए 3700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस कॉरिडोर से छोटे उद्योगों को फायदा होगा और इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

उन्होंने उल्लेख किया कि जीईएम (सरकार ई-मार्केटप्लेस) ने छोटे उद्यमों के लिए सरकार को माल बेचना आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि एकीकृत क्रय प्रणाली के निर्माण से सरकार को एक ही मंच पर छोटे उद्योगों से वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि देश में पहली बार राष्ट्रीय रसद नीति तैयार की जा रही है, जो एकल खिड़की ई-लॉजिस्टिक्स का निर्माण करेगी, जिससे छोटे उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के समापन पर सभी से भारत को एक विनिर्माण ऊर्जा क्षेत्र बनाने के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया।

श्रीसिद्धान्त शिखामणि ग्रंथ’ का 19 भाषाओं में अनुवाद

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी को वाराणसी में जंगमबाड़ी मठ में जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ‘श्री सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ’ के 19 भाषाओं में अनुवादित संस्करण का विमोचन भी किया। उन्होंने ‘श्रीसिद्धान्त शिखामणि ग्रंथ’ मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री मोदी ने कहा कि यह इत्तेफाक है कि शताब्दी समारोह का आयोजन नए दशक के आरंभ में हो रहा है और यह दशक 21वीं सदी के ज्ञान-विज्ञान में भारत की भूमिका को विश्व पटल पर फिर प्रतिष्ठापित करने वाला है।

उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप के माध्यम से ‘श्रीसिद्धान्त शिखामणि ग्रंथ’ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के साथ उसके संबंधों को और मजबूत बनाएगा तथा उनके जीवन को प्रेरित भी करेगा। प्रधानमंत्री ने इस मोबाइल ऐप के माध्यम से ग्रंथ से संबंधित विषयों पर वार्षिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि 19 भाषाओं में इस ग्रंथ के अनुवाद से इसकी पहुंच व्यापक जनता तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी।

श्री मोदी ने कहा कि नागरिक के रूप में हमारा आचरण भारत के भविष्य का निर्धारण करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि संतों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए हमें अपने जीवन के संकल्प पूरे करने हैं और राष्ट्र निर्माण में भी अपना पूरा सहयोग देना है।

प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और स्वच्छता मिशन को देश के कोने-कोने तक ले जाने में जनता के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने जनता से भारत में निर्मित उत्पादों का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने जल-जीवन मिशन को कामयाब बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से उसमें भाग लेने को कहा।

नमामि गंगे के अंतर्गत 7,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी

श्री मोदी ने कहा कि गंगा नदी को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा केवल जनभागीदारी के कारण संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 7,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जबकि 21,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में राम मंदिर के निर्माण के लिए ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह ट्रस्ट श्री राम मंदिर के निर्माण की देख-रेख करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 67 एकड़ जमीन इस ट्रस्ट को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।