जम्मू और कश्मीर में सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति लाभ

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 फरवरी को संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू होने के लिए) संशोधन आदेश, 2019 के माध्यम से संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू होने के लिए) आदेश, 1954 में संशोधन के संबंध में जम्मू और कश्मीर सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी।

इससे राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 370 की धारा (1) के अंतर्गत जारी संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू होने के लिए) संशोधन आदेश, 2019 द्वारा संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम, 1955 तथा संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 से संशोधित भारत के संविधान के प्रासंगिक प्रावधान लागू होंगे।
अधिसूचित होने पर यह आदेश सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों को पदोनत्ति लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा और जम्मू और कश्मीर में सरकारी रोजगार में वर्तमान आरक्षण के अतिरिक्त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत तक आरक्षण का लाभ प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम 1955 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 की धारा 4 के बाद धारा (4ए) जोड़कर लागू किया गया। धारा (4ए) में सेवा में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को पदोन्नति लाभ देने का प्रावधान है। संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम 2019 देश में जम्मू और कश्मीर को छोड़कर लागू किया गया है और जम्मू और कश्मीर तक अधिनियम के विस्तार से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा।

मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर सरकार के जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को राष्ट्रपति द्वारा जारी करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दी। इसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एएलओसी) के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की तरह आरक्षण के दायरे में लाने के लिए जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधनों का प्रावधान हैं।

अध्यादेश जारी होने से अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को वास्तविक नियंत्रण के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की तरह आरक्षण की परिधि में लाने का मार्ग प्रशस्त्र होगा।