फिर बेनकाब हुए राहुल गांधी

| Published on:

क बार फिर से राहुल गांधी का झूठ पकड़ा गया। बार–बार झूठ, फरेब और धोखाधड़ी की राजनीति में देश को उलझाने के प्रयास विफल हो रहे हैं। इस बार तो देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ही राहुल गांधी को माफी मांगने के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, राहुल इस प्रकरण में केवल ‘खेद’ जताकर न्यायालय को गच्चा देना चाहते थे, परन्तु उनकी एक न चली। सर्वोच्च न्यायालय का झूठा नाम लेकर राहुल गांधी ‘चौकीदार चोर है’ के अपने शिगूफे से जनता को भरमाना चाहते थे, परन्तु न्यायालय ने इस बार कड़ाई से इस तरह की राजनीति को अस्वीकार कर दिया और ‘खेद’ की जगह माफी मांगने पर उन्हें मजबूर कर दिया। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि ‘राफेल’ पर उठाये गये सवाल न केवल आधारहीन है, बल्कि झूठ–फरेब की राजनीति का एक घटिया उदाहरण है। यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि बार–बार झूठ–फरेब एवं धोखाधड़ी की राजनीति के बेनकाब होने के बाद भी कांग्रेस इसी तरह की राजनीति का सहारा लेकर सत्ता में आना चाहती है। इससे न केवल देश के राजनैतिक वातावरण में गिरावट आई है, बल्कि कांग्रेस की विश्वसनीयता अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। राजनीति में कितने हद तक गिरा जा सकता है, इस संबंध में नये–नये मानदंड स्थापित करना अब शायद राहुल गांधी की आदत बन चुकी है।

यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने न्यायालय में माफी मांगी है। इसके पूर्व भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विरुद्ध दुर्भावनापूर्ण झूठा बयान देने पर उन्होंने न्यायालय में माफी मांगी थी, परंतु बाद में राजनैतिक कारणों से पीछे हट गए। यह मामला अभी भी न्यायालय में चल रहा है और इसमें आश्चर्य नहीं होगा कि एक दिन वे इसी प्रकार न्यायालय में पुन: क्षमा याचना करेंगे। यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी राहुल गांधी झूठ एवं फरेब की राजनीति में लगे हुए हैं तथा अनर्गल बयानबाजी कर जनता को निरंतर दिग्भ्रमित करने के प्रयास में लगे रहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि अभी वे जमानत पर हैं और इस तरह का आचरण कभी भी उनके लिए महंगा सौदा बन सकता है।
इन दिनों कांग्रेस केवल ‘मी–टू’, ‘मी–टू’ की राजनीति कर देश की जनता को भरमाना चाहती है। यह अति विचित्र बात है कि जब हमारे जांबाज जवानों ने दुश्मन के गढ़ों पर ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ एवं हवाई हमले किए तब तो कांग्रेस उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े कर रही थी और जब कई तरह के प्रमाण सामने आने लगे तब ‘मी–टू’–‘मी–टू’ करते हुए यह जताने लगी इसके पूर्व उसके शासन में भी ऐसे ही सैन्य कार्रवाइयां हुई थी। अब जबकि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है, कांग्रेस हास्यास्पद ढंग से कह रही है कि इसकी प्रक्रिया यूपीए शासन में शुरू हुई थी।

मोदी सरकार ने देश के हर क्षेत्र में जो अद्भुत उपलब्धियों का अंबार लगा दिया है, उस पर भी कांग्रेस का दावा है कि ये सब उसी की पहल थीं। राहुल गांधी शायद यह समझ नहीं पा रहे कि इस प्रकार की हास्यास्पद बातें कर वे जनता में कांग्रेस को मजाक का पात्र बना रहे हैं। यह कांग्रेस की सोच में उस सुविधा को दर्शाता है जिसमें एक ओर तो मोदी सरकार की सारी उपलब्धियों पर वह दावा ठोकना चाहती है, वहीं दूसरी ओर झूठ–फरेब की राजनीति कर सरकार पर मनगढ़न्त आरोपों से जनता को भरमाना चाहती है। इस प्रकार का अंतर्विरोध एवं झूठ–फरेब के राजनीति के कारण कांग्रेस की विश्वसनीयता जनता में अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और वह पूरी तरह हाशिए पर चली गई है।

लोकसभा चुनाव 2019 अपने आप में एक ऐतिहासिक चुनाव साबित हो रहा है। यह भारत के पूरे राजनैतिक परिदृश्य में जहां एक ओर नए प्रतिमान गढ़ने वाला है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में एक नए भारत के उदय का आगाज कर रहा है। साथ–ही यह इस परिवर्तन को भी रेखांकित कर रहा है कि सुशासन एवं विकास के मंत्र को जातिवाद, क्षेत्रवाद एवं मजहब के विभाजक नारों से नहीं हराया जा सकता है। यह एक आत्मविश्वास से भरे सुदृढ़ भारत के अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में उभरने का पथ प्रशस्त कर रही है, जो पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ रही है। पूरे देश में गरीब, किसान, युवा, महिला, अनु.जा., अनु.ज.जा., मध्यम वर्ग तथा लगभग पूरा देश एक सुनहरे भविष्य के लिए श्री नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपने मतों का प्रयोग कर रहा है। पूरी दुनिया के राजनैतिक पंडित इस बार के ‘प्रो–इन्कम्बेंसी’ लहर के परिणाम से अचंभित हो रहे हैं। इतना जबरदस्त समर्थन है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति कि कांग्रेस एवं इसके सहयोगी दल के पांव उखड़ चुके हैं और वे झूठ–फरेब की राजनीति में ही उम्मीद तलाश रहे हैं। परन्तु इस राजनीति का भी अब पर्दाफाश हो चुका है देश की जनता पुन: कांग्रेस को एक कड़ा पाठ पढ़ाने का मन बना चुकी है।

                                                           shivshakti@kamalsandesh.org