रामनाथ कोविंद ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ

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सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री जगदीश सिंह खेहर ने श्री रामनाथ कोविंद को देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित भव्य समारोह में 25 जुलाई को दोपहर सवा बारह बजे शपथ दिलाई। बाद में मंच पर निवर्तमान राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी और नए राष्ट्रपति के बीच कुर्सियों की अदला–बदली हुई। शपथ के बाद उन्होंने कहा कि उनका मूल मंत्र है न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व।

शपथ ग्रहण के बाद नए राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने समारोह को सम्बोधित भी किया। 71 वर्षीय श्री कोविंद इस पद पर पहुंचने वाले भारतीय जनता पार्टी से जुड़े पहले व्यक्ति है। राजग ने श्री कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था और वह 17 विपक्षी दलों की उम्मीदवार श्रीमती मीरा कुमार को भारी मतों से हराकर राष्ट्रपति चुने गए।

शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय कक्ष में राज्य सभा के सभापति श्री हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच. डी. देवगौड़ा और श्री मनमोहन सिंह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केन्द्रीय मंत्री परिषद के सदस्य, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, विदेशी दूतावासों के प्रमुख, सांसद और शीर्ष सैन्य अधिकारी मौजूद थे। शपथ के बाद नए राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल मंत्र का पालन किया जाता है और मैं इस मूल मंत्र का सदैव पालन करता रहा हूं।

श्री कोविंद संसद भवन से निकलने के बाद श्री मुखर्जी के साथ ही राष्ट्रपति भवन गए। वहां उन्होंने एक रजिस्टर में हस्ताक्षर किए। इसके बाद राष्ट्रपति बग्गी से राष्ट्रपति भवन परिसार की पोर्टिको पहुंचे, जहां पहले से ही उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, के अलावा कई केन्द्रीय मंत्री और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। वहां श्री कोविंद को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। बाद में श्री मुखर्जी को भी बग्गी से पोर्टिको लाया गया। उन्होंने भी सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियों की सलामी ली। श्री मुखर्जी ने बाद में सभी से विदाई ली और नए राष्ट्रपति उन्हें उनके नए आवास 10 राजाजी मार्ग पहुंचाने गए।