न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि : कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन

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आज जबकि पूरा देश जीएसटी लागू होने के एक वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहा है, मोदी सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी बढ़ोत्तरी कर किसानों को खुशियों की एक और सौगात दी है। जैसा कि बजट 2018–19 में घोषणा हुई थी, इस निर्णय से किसानों को अब अपने लागत का डेढ़–गुणा अधिक मूल्य मिलना सुनिश्चित हो गया है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक कदम है जिससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे तथा किसानों के घर खुशहाली आयेगी। यह पहली बार है कि किसानों की समस्याओं के दूरगामी समाधान के लिये गंभीर प्रयास हो रहे हैं, जिससे देश के अन्नदाताओं के मन में आत्मविश्वास बढ़ा है। एसएसपी में अब तक की सर्वाधिक बढ़ोत्तरी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट किया है तथा दशकों से उपेक्षित कृषि क्षेत्र में आशा की किरण जगायी है। ऐसा पहली बार है कि किसी सरकार ने घोषित रूप से 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिये बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए कमर कसी हो। लागत से डेढ़ गुणा ज्यादा मूल्य इस दिशा में एक बड़ी छलांग है।

कृषि हमारे समाज की रीढ़ रही है। किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से न केवल देश को खाद्य सुरक्षा दी है बल्कि इस क्षेत्र में देश का एक बड़ा हिस्सा रोजगार भी पाता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस शासन में इस क्षेत्र में प्राथमिकताओं का निर्धारण नहीं हुआ तथा निरंतर उपेक्षा एवं गलत नीतियों के कारण लोग इस क्षेत्र से पलायन को बाध्य हुए। कृषि न केवल घाटे का सौदा बनकर रह गई बल्कि इस स्थिति से लोगों को उबारने के लिये दूरगामी नीति भी नहीं बनाई गई। किसानों को भाग्य भरोसे छोड़ दिया गया।

यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय को 2022 तक दुगुनी करने के लक्ष्य से अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कृषि बीमा योजना से किसानों की ताकत बढ़ी है और अब वो किसी भी जोखिम को उठाने के लिये तैयार है और नये प्रयोग करने का साहस कर रहे हैं। ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ जैसे कार्यक्रम से किसान अब अपनी मिट्टी की प्रकृति के अनुसार फसलों का चयन करने में सक्षम हैं। ‘पर ड्रॉप–मोर क्रॉप’ की योजना से किसान अब पानी की हर बूंद का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं। बड़ी संख्या में सिंचाई परियोजनाएं जो वर्षों से अवरूद्ध थीं, अब या तो पूरी कर ली गई हैं या पूर्ण होने वाली हैं। मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत बजटों में कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश करने से कृषि क्षेत्र मजबूत हुआ है और ग्रामीण परिवेश बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है।

यह बड़ी विडम्बना है कि कुछ लोग समर्थन मूल्य की ऐतिहासिक वृद्धि पर भी आधारहीन बातों से इस कदम की भी आलोचना करने से नहीं चूकते। ये वही लोग हैं जो विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि सरकार अपने बजट के वादे को पूरा कर पायेगी, अब ये कह रहे हैं कि इससे अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ेगा। जो लोग किसानों की स्थिति पर घड़ियाली आंसू बहाते थे अब कह रहे हैं कि धान पर इतना अधिक समर्थन मूल्य देना बेमानी है। अब एक नया तर्क भी गढ़ा जा रहा है कि समर्थन मूल्य बढ़ाने से कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सकता। ये वही लोग हैं जो समस्याओं की बात तो करते हैं परन्तु यदि समाधान सामने आता है तब समाधान को ही समस्या बताने लगते हैं। इस तरह की बेतुकी आलोचनाओं से मोदी सरकार द्वारा किये गये कार्यों को जन–जन तक पहुंचने से नहीं रोका जा सकता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता से देश का हर गरीब, किसान, वंचित वर्ग पूरी तरह से परिचित है। केवल एक ईमानदार एवं प्रतिबद्ध सरकार ही समर्थन मूल्य में इतनी भारी वृद्धि कर सकती थी एवं जनकल्याण के इतने कार्यक्रम चला सकती थी। मोदी सरकार की हर योजना एवं कार्यक्रम दूरदृष्टिपूर्ण हैं तथा दूरगामी परिणाम देने वाले हैं। जिन लोगों ने जीएसटी की आलोचना की थी, आज उसके लाभ जब देश एवं हर व्यक्ति को प्राप्त हो रहे हैं, तब ये आलोचक निरूत्तर हैं। आज जो समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की आलोचना कर रहे हैं वे बाद में स्वीकारेंगे कि इस एक कदम से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए।

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