4.58 लाख अधूरे फ्लैटों के लिए 25,000 करोड़ रुपए की मंजूरी

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          1,600 रुकी परियोजनाओं को पूरा करने में मिलेगी मदद

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 नवंबर को 4.58 लाख अधूरे फ्लैटों को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपए का वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) बनाने की मंजूरी दे दी। 10 हजार करोड़ रुपए सरकार देगी और 15 हजार करोड़ रुपए भारतीय स्टेट बैंक एवं एलआईसी देंगे।

यह कोष उन डेवलपर्स को राहत प्रदान करेगा, जिन्हें अपनी अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। इसके परिणामस्वरूप घर खरीदने वालों को घरों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। दरअसल, रियल एस्टेट उद्योग आंतरिक रूप अनेक अन्य उद्योगों के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र के विकास से भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार, एसबीआई, एलआईसी वैकल्पिक निवेश कोष के लिए 25,000 करोड़ रुपए देंगी।’

वित्त मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक वित्तपोषण व्यवस्था से कुल 4.58 लाख आवास इकाइयों वाली 1,600 रुकी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस 25,000 करोड़ रुपए के कोष से अटकी परियोजनाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से धन उपलब्ध कराया जाएगा। चरण पूरा होने के बाद राशि जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन चुकी आवासीय परियोजनाएं या फिर दिवाला समाधान के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में भेजी जा चुकी आवासीय परियोजनाओं के लिए भी इस कोष से धन लिया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि वैकल्पिक निवेश कोष से सस्ते घरों की परियोजनाओं या मध्यम वर्ग के लिए बनाए जाने वाले घरों की परियोजनाओं के लिए भी धन उपलब्ध कराया जाएगा।

गौरतलब है कि माननीय वित्तमंत्री ने 14 सितंबर, 2019 को यह घोषणा की थी कि किफायती और मध्यम-आय वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए एक स्पेशल विंडो स्थापित की जाएगी, जो रूकी पड़ी सभी आवासीय परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण उपलब्ध कराएगी।

परिणामस्वरूप आवासीय वित्त कंपनियों, बैंकों, एनबीएफसी, निवेशकों और रियल एस्टेट डेवलपर्स सहित आवास उद्योग के साथ अंतर-मंत्रालयी परामर्श और अनेक हितधारक परामर्शों का आयोजन किया गया। घर क्रेताओं, डेवलपर्स, लेंडर्स और निवेशकों के सामने आने वाली समस्याओं का पता लगाया गया और उनका स्पेशल विंडो के माध्यम से समाधान किया जा सकता है।