खुले में शौच से मुक्त हुआ ग्रामीण भारत : नरेन्द्र मोदी

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ब ग्रामीण भारत खुले में शौच से मुक्त हो गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में 2 अक्टूबर को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया। उन्होंने कहा कि केवल शौचालयों का निर्माण ही काफी नहीं है, बल्कि इनके इस्तेमाल को आदत का हिस्सा बनाना भी जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के अभियान के चलते देश की उत्पादकता भी बढ़ी है।

देश भर के 20 हजार सरपंचों के महासम्मेलन को अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर संबोधित करते हुए श्री मोदी ने देश के सभी वासियों से देशहित में एक एक संकल्प लेने का भी आह्वान किया।
महात्मा गांधी पर डाक टिकट तथा सिक्का जारी करने और स्वच्छ भारत मिशन के पुरस्कार वितरित करने के बाद श्री मोदी ने अपने संबोधन से पहले सभी सरपंचों को मंच से झुककर नमन किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का स्वच्छता का सपना साकार करने में उनके योगदान के लिए वह ऐसा कर रहे हैं। देश को खुले में शौच से मुक्त करना 130 करोड़ देशवासियों के प्रयासों से संभव हुआ है न कि केवल सरकार के चलते।

श्री मोदी ने कहा कि आज जब देश खुले में शौच मुक्त घोषित हुआ है, उन्होंने महात्मा गांधी के आश्रम जाकर एक नयी ऊर्जा का अनुभव किया है। उन्हें यह भी लगा कि जैसे इतिहास अपने आप को दोहरा रहा हो। जैसे बापू के आह्वान पर लाखों भारतवासी आजादी के लिए निकल पड़े थे, उसी तरह स्वच्छता के उनके आह्वान पर लाखों भारतवासियों ने दिल से सहयोग किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जिस शौचालय की बात करने में झिझक होती थी, वह आज देश की सोच का अहम हिस्सा हो गया है। 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक आबादी को शौचालय की सुविधा देना, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण सुनकर विश्व अचंभित है। इससे कई लाभ हुए हैं। माताओं, बहनों को अंधेरे के इंतजार की पीड़ा से मुक्ति मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान जीवनरक्षक भी सिद्ध हो रहा है और जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम भी कर रहा है। यूनीसेफ के एक अनुमान के अनुसार बीते पांच वर्षों में स्वच्छ भारत से भारत की अर्थव्यवस्था पर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इससे 75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर भारत में बने हैं, जिनमें से अधिकतर गांवों के बहन-भाइयों को मिले हैं।

उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी हासिल हुआ वह काफी नहीं है और एक पड़ाव भर है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने अभी जो साढ़े तीन लाख करोड़ का जल जीवन मिशन शुरू किया है उससे इसमें मदद मिलने वाली है।

इस मौके पर श्री मोदी ने एकल प्रयोग प्लास्टिक से मुक्ति की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीते तीन सप्ताह में स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान करीब 20 हजार टन प्लास्टिक कचरा इकट्ठा हुआ है और प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल तेजी से घट रहा है। ऐसा होना जरूरी है।

श्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत के हमारे मॉडल से दुनिया सीखना चाहती है। तीन देशों इंडोनेशिया, नाइजीरिया और माली के प्रतिनिधि यहां उपस्थित हैं। भारत अपने अनुभव को दूसरे देशों से साझा करने के लिए तैयार है। गांधीजी भी स्वच्छता को सर्वोपरि मानते थे। आज हम भी स्वच्छ समर्थ सशक्त नये भारत के निर्माण में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बापू भी मानते थे कि राष्ट्रवादी हुए बिना अंतरराष्ट्रीयवादी नहीं हुआ जा सकता। नये भारत में स्वच्छता, सुरक्षा, भेदभाव से मुक्ति होगी।

स्वेच्छा, स्व-प्रेरणा और जन-भागीदारी से चल रहा स्वच्छ भारत अभियान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज ग्रामीण भारत ने, वहां के लोगों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। स्वेच्छा, स्व-प्रेरणा और जन-भागीदारी से चल रहे स्वच्छ भारत अभियान की ये शक्ति भी है और सफलता का स्रोत भी है। मैं हर देशवासी को, विशेषकर गांवों में रहने वालों को, हमारे सरपंचों को, तमाम स्वच्छाग्रहियों को आज हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि अभी हमने शौचालयों का निर्माण किया है, शौचालय के उपयोग की आदत की तरफ लोगों को प्रोत्साहित किया है। अब हमें देश के एक बड़े वर्ग के व्यवहार में आए इस परिवर्तन को स्थाई बनाना है। सरकारें हों, स्थानीय प्रशासन हो; ग्राम पंचायतें हों; हमें सुनिश्चित करना है कि शौचालय का उचित उपयोग हो। जो लोग अब भी इससे छूटे हुए हैं, उन्हें भी इस सुविधा से जोड़ना है।

बापू के सपनों का भारत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बापू के सपनों का भारत- जहां हर नागरिक सुरक्षित महसूस करेगा। बापू के सपनों का भारत- जो भेदभाव से मुक्त, सद्भावयुक्त होगा।

बापू के सपनों का भारत- जो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, इस आदर्श पर चलेगा। बापू के राष्ट्रवाद के ये तमाम तत्व पूरी दुनिया के लिए आदर्श सिद्ध होंगे, प्रेरणा के स्रोत बनेंगे।

साल 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साल 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य हमें हासिल करना है। बीते तीन हफ्ते में स्वच्छता ही सेवा के माध्यम से पूरे देश ने इस अभियान को बहुत गति दी है।

उन्होंने कहा कि मुझे ये भी जानकारी है कि आज देशभर में करोड़ों लोगों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प लिया है। यानी वो प्लास्टिक जिसका हम एक बार उपयोग करते हैं और फिर फेंक देते हैं, ऐसे प्लास्टिक से हमें देश को मुक्त करना है। इससे पर्यावरण का भी भला होगा, हमारे शहरों की सड़कों और सीवेज को ब्लॉक करने वाली बड़ी समस्या का समाधान भी होगा और हमारे पशुधन की, समुद्री जीवन की भी रक्षा होगी।

प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधीजी की शांति, सौहार्द एवं भाईचारे के प्रति प्रतिबद्धता अटूट रही। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की, जहां गरीब से गरीब व्यक्ति सशक्त हो। उनके आदर्श हमारे मार्गदर्शक हैं।