‘जनता से किए गए वादों को पूरा करने में असफल रही है तेलंगाना सरकार’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 10 अक्टूबर को आंबेडकर ग्राउंड करीमनगर में विशाल जनसभा को संबोधित किया और तेलंगाना की टीआरएस सरकार के वादाखिलाफियों और कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा तेलंगाना की जनता के साथ किये गए अन्याय को लेकर टीआरएस और कांग्रेस पार्टी पर जमकर प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में तेलंगाना के विधानसभा चुनाव होने ही थे, लेकिन समय से पहले चुनाव कराकर केसीआर और टीआरएस ने एक छोटे राज्य को दो बड़े चुनावों का खर्च सहने को विवश कर दिया है। तेलंगाना की जनता पर इतना खर्च क्यों थोपा गया? इसका क्या कारण है? उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मानती है कि सिर्फ और सिर्फ निहित राजनीतिक स्वार्थ को साधने के लिए ही केसीआर और टीआरएस ने करोड़ों रुपये का अतिरिक्त खर्च तेलंगाना की जनता पर थोपा है। केसीआर को डर था कि उस समय चुनाव होने पर श्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के आगे वे टिक नहीं पाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना में तेलुगु अस्मिता और तेलुगु गौरव की बात करने वाले लोगों ने प्रतिवर्ष 17 सितंबर को आयोजित होने वाली ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ का उत्सव बंद कर दिया। तेलुगु अस्मिता पर इससे बड़ा आघात कुछ और हो नहीं सकता। वोट बैंक और तुष्टिकरण के कारण ऐसा किया गया। क्या हम आज तेलंगाना को आज के रजाकारों के हाथ में सौंपना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता को तय करना है कि क्या उन्हें ऐसी सरकार चाहिए जो तेलुगु अस्मिता और तेलुगु संस्कृति पर कुठाराघात कर रही है ?

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी तेलगु देशम के साथ मिलकर टीआरएस का विकल्प बनना चाहती है, लेकिन ये दोनों दल कभी भी रजाकारों का विरोध नहीं कर सकते हैं। विफल टीआरएस का एकमात्र विकल्प भारतीय जनता पार्टी ही है न कि भ्रष्ट कांग्रेस-तेलगुदेशम का गठबंधन। आज भी तेलांगना की जनता को याद है कि किस तरह से यहां के महान सपूत और कांग्रेस पार्टी ने अपने ही नेता पूर्व प्रधानमंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव के साथ क्या व्यवहार किया था। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं करने दिया और न ही कांग्रेस कार्यालय श्रद्धांजलि देने के लिए खोला गया।

श्री शाह ने कहा कि टीआरएस और कांग्रेस पार्टी परिवारवाद, वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, वह तेलंगाना का विकास नहीं कर सकती। परिवारवाद लोकतंत्र की मूल परिकल्पना पर आघात करती है, लोकतंत्र को निर्बल बनाती है, लेकिन तेलंगाना में केवल और केवल अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए विधान सभा चुनाव समय से पूर्व ही राज्य की जनता पर थोपा गया है।

भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि आखिर कांग्रेस पार्टी किस अधिकार से तेलंगाना की जनता के पास वोट मांगने जायेगी? जबकि, तेलंगाना और तेलंगाना की जनता के साथ अन्याय करने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भारतीय जनता पार्टी ने बिना किसी भेदभाव के संघीय ढांचे की भावना को मजबूत करते हुए तेलंगाना को विकास के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई है।

श्री शाह ने कहा कि टीआरएस सरकार पिछले विधानसभा चुनाव के समय तेलंगाना की जनता से किये गए वादों को पूरा करने में असफल रही है। तेलंगाना आंदोलन के 1200 शहीदों के शोकग्रस्त परिवारों को रोजगार देने का वादा भी आधा-अधूरा पड़ा है। शिक्षकों एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति भी अटकी पड़ी है। सरकारी स्कूलों के लिए किये गए वादे भी पूरे नहीं हुए। सिंचाई की एक भी परियोजना की शुरुआत नहीं की गई । जिला मुख्यालयों पर 100 बेड और मंडल मुख्यालयों पर 30 बेड के अस्पताल का निर्माण करने का वादा किया गया था, लेकिन इस पर कोई भी काम नहीं हुआ है। गरीबों के लिए दो लाख डबल बेड रूम वाले घरों का निर्माण कराने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें इसे कितने डबल बेड रूम बने, किसी को इसका पता नहीं है। यहां तक कि केंद्र सरकार से आवास के लिए दी गयी राशि भी खर्च नहीं की गयी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने टीआरएस सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि नए घोषणापत्र में ये वादे फिर से शामिल किये जायेंगे या नहीं, इस पर टीआरएस को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने पिछले चुनाव के समय जो भी वादे तेलंगाना की जनता से किये थे, उसमें से एक को भी पूरा नहीं किया गया है। उस समय दलित मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

श्री शाह ने कहा कि साढ़े चार सालों में तेलंगाना में किसानों की स्थिति बद से बदतर हुई। एक आंकड़े का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अबतक यहां साढ़े चार हजार किसान आत्महत्या करने को विवश हुए हैं, राज्य की जनता इसका हिसाब मांग रही है। वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने देश भर के किसानों को उनकी फसल पर लागत मूल्य का डेढ़ गुना या इससे भी ज्यादा समर्थन मूल्य दे रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों अर्थात् लगभग 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने का निर्णय लिया है जिससे स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में देश के गरीबों को आसानी होगी, लेकिन तेलंगाना सरकार ने इसे लागू नहीं कर यहां की जनता को इस लाभ से वंचित कर घोर अन्याय किया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने फसल की क्षति से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा लेकर आई, लेकिन तेलंगाना में केवल 15% किसान ही इस योजना का लाभ उठा पाए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना को राज्य में जानबूझ कर लटकाया जा रहा है। तेलंगाना सरकार मिशन इन्द्रधनुष, एनटीपीसी और मलेरिया के फंड का केवल 38% ही उपयोग कर पाई है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में चार साल पहले तीन फ़ूड पार्कों के लिए केंद्र सरकार ने 165 करोड़ आवंटित किये, लेकिन अब तक ये फ़ूड पार्क पूरे नहीं हुए और कृषि बाजारों को जोड़ने की योजना भी तेलंगाना में अधूरी है। मोदी सरकार की लोक-कल्याणकारी योजनाओं को जानबूझ कर तेलंगाना सरकार द्वारा लटका कर रखा जा रहा है, ताकि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की योजनायें राज्य की आम जनता तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग में ग्राम पंचायतों के लिए जो राशि आवंटित हुई है, वह भी गांवों तक अभी नहीं पहुंची है जिससे गांवों का विकास सही से हो नहीं पाया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में जब सोनिया-मनमोहन की कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार थी, तब 13वें वित्त आयोग में तेलंगाना को शेयर इन सेन्ट्रल टैक्स, केन्द्रीय अनुदान सहायता, रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट, आपदा राहत फंड और लोकल बॉडीज ग्रांट के तौर पर केवल 16,597 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी जबकि मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग में राज्य के लिए इन पांच सेक्टरों में 1,15,605 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। तेलंगाना में केंद्र सरकार की ओर से एम्स, ट्राइबल यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, श्रीकोंडा लक्ष्मण तेलंगाना बागवानी विश्वविद्यालय प्रो जयशंकर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और पी वी नरसिम्हा राव वेटरनिटी यूनिवर्सिटी दी गई है। इसके अलावा कॉटन रिसर्च सेंटर और स्पाइस रिसर्च सेंटर को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल इन हैदराबाद और सेंटर फॉर इनोवेशन फॉर डिफेन्स एक्सिलेंस, हैदराबाद को मान्यता दी गई है।

श्री शाह ने बताया कि तेलंगाना में मुद्रा बैंक के 18 लाख लाभार्थियों को 15 हजार करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है। स्मार्ट सिटी के लिए 124 करोड़ रुपये, वारंगल हृदय योजना के लिए 40 करोड़ रुपये, अमृत मिशन के लिए 833 करोड़ रुपये, अर्बन ट्रांसपोर्टेशन हैदराबाद के लिए 158 करोड़ रुपये, मेट्रो के लिए 661 करोड़ रुपये, अलग-अलग रेलवे परियोजनाओं के लिए 19,902 करोड़ रुपये, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के लिए 1150 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के 145 प्रोजेक्ट के लिए 1221 करोड़ रुपये, 9 पिछड़े जिले के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 40800 करोड़ रुपये, महिला एवं बाल विकास के लिए 1055 करोड़ रुपये, कृषि सिंचाई एवं पशुधन विकास के लिए 915 करोड़ रुपये, उर्वरक प्लांट के लिए 5200 करोड़ रुपये, एम्स तेलंगाना के लिए 1200 करोड़ रुपये, सर्व शिक्षा अभियान के लिए 1353 करोड़ रुपये और नक्सल प्रभावित जिलों के लिए 400 करोड़ रुपये अलग से दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में तेलंगाना को 115000 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं। इस तरह से तेलंगाना को केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कुल 2,30,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जो कांग्रेस सरकार के दौरान 13वें वित्त आयोग में दी गई राशि से लगभग 20 गुना अधिक है।

तेलंगाना की जनता को भरोसा दिलाते हुए श्री शाह ने कहा कि हम पूरी मजबूती के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेलंगाना के विकास के लिए गांव-गांव जाने के लिए तैयार हैं। हमारे कार्यकर्ता राज्य के हर बूथ तक पहुंच चुके हैं। उन्होंने तेलंगाना के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य को पूर्ण विकसित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की तथा 2019 के आम चुनाव में केंद्र में सर्वप्रिय नेता श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने का संकल्प लें।
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने हैदराबाद में महाराज अग्रसेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।