विभिन्न राज्यों में वनीकरण के लिए केन्द्र ने 47,436 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि जारी की

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नीकरण को बढ़ावा देने और देश के हरित उद्देश्यों की प्राप्ति को प्रोत्साहन देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने 29 अगस्त को सीएएमपीए को 47,436 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली में आयोजित राज्य के वन मंत्रियों और अधिकारियों की एक बैठक के दौरान पर्यावरण मंत्री ने कहा, “वनों के लिए राज्य का बजट अप्रभावित रहेगा और हस्तांतरित की जा रही धनराशि राज्य के बजट के अतिरिक्त होगी तथा आशा है कि सभी राज्य इस धनराशि का उपयोग वन और वृक्षों का आवरण बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए वानिकी कार्यकलापों में करेंगे, जिससे वर्ष 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के समान अतिरिक्त कार्बन सिंक (यानी वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण) होगा।” पर्यावरण मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएएमपीए कोष का उपयोग वेतन के भुगतान, यात्रा भत्ते, चिकित्सा व्यय आदि के लिए नहीं किया जा सकता।

वन संपदा और देश की पारिस्थितिकी की सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए श्री जावडेकर ने कहा, “जिन महत्वपूर्ण गतिविधियों पर इस धन का उपयोग किया जाएगा उनमें- क्षतिपूरक वनीकरण, जलग्रहण क्षेत्र का उपचार, वन्यजीव प्रबंधन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक सम्पोषण, वनों में लगने वाली आग की रोकथाम और उस पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों, वन में मृदा एवं आद्रता संरक्षण कार्य, वन्य जीव पर्यावास में सुधार, जैव विविधता और जैव संसाधनों का प्रबन्धन, वानिकी में अनुसंधान तथा सीएएमपीए कार्यों की निगरानी आदि शामिल हैं।