‘जम्मू-कश्मीर के साथ पूरा देश खड़ा है’

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लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर हुई चर्चा का विस्तार से उत्तर दिया। उन्होंने धारा 370 के निरस्त होने के पश्चात जम्मू-कश्मीर में हुए व्यापक विकास कार्य, लोकतांत्रिक संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण एवं सफलतापूर्वक हुए चुनाव, वंचित वर्गों को संवैधानिक अधिकार, केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक सुलभ करने जैसे विषयों का विस्तृत विवरण सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने विपक्ष के सभी आशंकाओं को निर्मूल कर आधारहीन प्रश्नों को अपने सारगर्भित तर्कों से खारिज कर दिया। उनके उत्तर के प्रमुख बिंदु निम्नवत हैं:

उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को मिलेगा ‘स्टेटहुड’

विपक्ष ने कहा कि यह बिल लाने का मतलब ही है कि अब जम्मू-कश्मीर को ‘स्टेटहुड’ नहीं मिलेगा। मैंने इसी सदन में कहा है और फिर से कहता हूं कि इस बिल का जम्मू-कश्मीर के स्टेटहुड से कोई लेना-देना नहीं है। उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दिया जाएगा।
•• यह कह रहे हैं कि स्टेटहुड ही देना है तो ‘एगमुट’ (AGMUT) में क्यों लेकर आए? जरा ‘एगमुट’ कैडर को ही समझ लेते हैं। क्या अरुणाचल राज्य नहीं है, क्या गोवा राज्य नहीं है, मिजोरम राज्य नहीं है? ये सारे राज्य हैं और ‘एगमुट’ कैडर के अंदर हैं।
•• विपक्ष ने कहा कि 2-जी से 4-जी विदेशियों के दबाव में किया है। यह नरेन्द्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस देश के फैसले यह देश करता है। इस देश के फैसले इस देश की संसद करती है। कोई हम पर दबाव नहीं कर सकता।
•• कांग्रेस हमें ही 2-जी और 4-जी पूछ रहे हैं। आपने तो मोबाइल ही बंद कर दिए थे और 20 साल तक बंद कर दिए थे। ‘2-जी’, ‘4-जी’ छोड़ो, मोबाइल सर्विस ही बंद कर दी थी। उस वक्त सारे अधिकार कहां गए थे?

कोई बाहर का नहीं, सब भारत मां की संतान

•• पक्ष ने कहा कि लोकल ऑफिसरों का अधिकार चला जाएगा। मुझे भला कोई समझाए, देश भर में आईएएस व आईपीएस ऑफिसर भेजे जाते हैं तो क्या लोकल आफिसरों का अधिकार चला जाता है? जम्मू-कश्मीर में कैसे चला जाएगा?
•• जम्मू-कश्मीर में ‘चीप पोपुलेरिटी’ के लिए यह कहना कि अस्सी प्रतिशत ऑफिसर बाहर के हैं। कोई बाहर का नहीं है, सभी भारत माता की संतान हैं और इसी भारत में जन्मे हुए हैं, बाहर का क्या होता है?
पंचायती राज की शुरुआत
• जब देश का संविधान लिखा गया तो डॉ. अम्बेडकर ने कहा था- राजा अब रानी के पेट से पैदा नहीं होंगे, गरीब, दलित और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे, जबकि कश्मीर में अब तक राजा, रानी के पेट से ही पैदा हुए। ये तीन परिवार के लोग ही शासन करते थे, इसीलिए उनको धारा 370 ‘सूट’ करती थी।
•• जिला पंचायत चुनाव में सबने भय रहित होकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान किया है। जिन्होंने धारा 370 वापस लाने के आधार पर चुनाव लड़ा था, वे साफ हो गए। उनके साथ कश्मीर की जनता को मैंडेट भी नहीं रहा, वे चुनाव हारे हैं।
•• दिसंबर, 2018 में पंचायत के चुनाव में 74 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ। कुल 4,483 सरपंच निर्वाचन क्षेत्रों में से 3,650 सरपंच निर्वाचित हुए। 35,029 क्षेत्रों में से 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा रानी के पेट से नहीं जन्म लेंगे, मत पत्र से लेंगे।

पंचायतों को अधिकार

•••• हम चुनाव कराकर नहीं रुके, उनको अधिकार दिया, उनको बजट दिया गया। पहले 5,000 रुपये भी सरपंच को सरकार से मांगने पड़ते थे, ऐसी स्थिति थी। आज हमने उनको स्थिरता प्रदान की है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है।
•• वहां पर अफसर भेजे जा रहे हैं। एडमिनिस्ट्रेशन के पूरे के पूरे 21 विषयों को पंचायतों के हवाले कर दिया है। उनके बैंक एकाउंट में लगभग 1,500 करोड़ रुपये सीधे डालकर जम्मू-कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है।

लोकतंत्र का विकेंद्रीकरण

•• पहले जम्मू और कश्मीर, जिसकी राजधानी श्रीनगर थी, वहां पर सारे अधिकार ‘सेंट्रलाइज्ड’ थे। अफसरान कभी गांव में नहीं जाते थे। हमने सारे राजपत्रित अधिकारियों को आवंटित पंचायत के अंदर दो दिन और एक रात का निवास करना अनिवार्य कर दिया है।
•• उन्हें पंचायत को सशक्तिकरण करने का काम दिया गया है। प्रत्यक्ष रूप से वहां यह अभियान दो बार चला है। उसमें से लगभग 20 हजार छोटे-मोटे काम सामने आए हैं। उनमें से 18 हजार कामों के लिए स्वीकृति दे दी गई है।
•• 50 हजार परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर कर दिया गया है। रोजगार के अंदर लगभग 10 हजार युवाओं को कवर किया गया है और छह हजार नए काम शुरू किए गए।

प्रधानमंत्री विकास पैकेज

•• प्रधानमंत्री विकास पैकेज ‘पीएम योजना’ के तहत 58,627 करोड़ रुपये के परिव्यय की 54 योजनाएं थीं। बाद में उसको 26 परसेंट और बढ़ाया गया।
•• 20 परियोजनाएं, जिनमें से सात केंद्र की थीं और 13 संघ राज्य की थीं। ये काफी हद तक पूरी हो चुकी हैं। 54 में से 20 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएंगी। इस प्रकार हमने 54 में से 28 परियोजनाओं को पूरा करने काम कर दिया है।

जल विद्युत क्षमता का विकास

•• जम्मू-कश्मीर राज्य में हाइड्रो पावर की बहुत बड़ी संभावनाएं थीं। वहां लगभग 14,867 मेगावाट की जल विद्युत क्षमता तलाशी गई है। उसमें से 70 सालों में 3,504 मेगावाट का दोहन किया गया है और सिर्फ 17 महीनों में 3,490 मेगावाट का काम हम शुरू कर चुके हैं। आपकी चार पीढ़ियों ने जो काम किया है, हमने डेढ़ साल के अंदर वह काम किया है।
•• हमने ‘सौभाग्य योजना’ के तहत जम्मू-कश्मीर के शत-प्रतिशत लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। 3,57,405 ऐसे लोग थे, जिनको 70 सालों से बिजली नहीं मिली थी, हमने इन 17 महीनों में उनको बिजली देने का काम किया है।

पाइप द्वारा घर में जलापूर्ति

•• सितंबर, 2022 तक सभी 18.16 लाख परिवारों को पाइप के द्वारा घर में पानी पहुंचाने की योजना पूरी कर ली जाएगी। अभी चार जिलों के शत-प्रतिशत घरों में पानी पहुंचाने का काम हम पूरा कर चुके हैं। वर्ष 2022 तक हम बाकी के जिलों का काम पूरा करेंगे।
•• हमने यह तय किया है कि वर्ष 2020-21 के अंदर ही 5,300 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण होगा, जिसमें 700 किलोमीटर सड़क कश्मीर में और 4,600 किलोमीटर की सड़क जम्मू में बनेगी। हर गांव को वर्ष 2022 यानी आज़ादी के 75 साल तक सड़क से जोड़ने का काम भी हम जम्मू-कश्मीर में पूरा कर देंगे।

स्वास्थ्य योजना एवं ‘सेहत-योजना’

•• ये हमेशा आर्टिकल 370 और 35ए जैसे झुनझुने पकड़ाते थे। न बिजली की बात करते थे, न पानी की बात करते थे, न नौकरियों की बात करते थे, न स्वास्थ्य की बात करते थे।
•• नरेन्द्र मोदी सरकार के कालखण्ड में और 17 महीनों में हमने जम्मू-कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की राशि भेज दी है, जिसमें से 754 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है। 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और वर्ष 2022 तक 39 परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।
•• प्रधानमंत्री जी जम्मू-कश्मीर के लिए ‘सेहत-योजना’ को लेकर आए। उसके तहत जम्मू-कश्मीर में कोई करोड़पति हो, रोडपति हो, सड़क पर रहने वाला हो या बड़े से बड़े महल में रहने वाला हो, हर एक को पांच लाख तक की सुविधा आरोग्य के लिए देने का काम किया है।

एम्स एवं मेडिकल कॉलेजों का निर्माण

•• हमने एम्स की स्थापना की है। दो एम्स बनाने का काम किया है और लगभग 4 हजार करोड़ रुपये एम्स के लिए भारत सरकार ने यहां पर भेजे हैं।
•• 7 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हुई है। 70 साल में तीन थे और 17 महीने में 7 कालेज हैं। अनंतनाग, बारामुला, राजौरी, डोडा, कठुवा, हंदवाड़ा और उधमपुर में 7 नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत हुई है।

केन्द्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन

•• केन्द्र सरकार ने अलग-अलग लगभग 115 योजनाएं नरेन्द्र मोदी जी के शासन में आने के बाद इस देश के दलित, गरीब, पिछड़े, आदिवासी लोगों के लिए बनाई हैं, मगर उनका वहां पर इम्प्लीमेंटेशन नहीं होता था।
•• ‘पीएम उज्ज्वला योजना’ के तहत 12 लाख 60 हजार 685 माताओं को गैस का सिलेंडर देने का काम हमने पूरा कर दिया है।
•• ‘उजाला योजना’ के तहत 79 लाख 54 हजार लाभार्थियों के घर में उजाला करने का काम हमने किया है।
•• ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत 100 प्रतिशत, शत-प्रतिशत घरों को आज ‘ओडीएफ डिक्लेयर’ कर दिया गया है। स्वच्छ भारत अभियान का शत-प्रतिशत इम्प्लीमेंटेशन हो गया है।

उद्योगों के लिए भूमि

•• जम्मू-कश्मीर के उद्योग के लिए सबसे बड़ी बाधा यह थी कि यदि वहां कोई भी उद्योगपति उद्योग लगाना चाहे तो उसे भूमि नहीं मिल सकती थी। अनुच्छेद 370 हटाई, उसके बाद जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति बनी है कि जम्मू-कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएं।
•• वहां उद्योग को आने के लिए सबसे अच्छा प्रोत्साहन पैकेज नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में भारत सरकार ने मंजूर किया है।
•• हम जो पैकेज योजना लाए हैं, इसके अंदर 28,400 करोड़ रुपये का वर्ष 2037 तक की पूरी योजना रखी गई है। इससे लगभग 4.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
•• जो उद्योग लगाएंगे, जो पूंजी लगाएंगे, जो उनकी वर्किंग कैपिटल होगी, उनको पांच सौ करोड़ रुपये तक के ऋण को 6 प्रतिशत ब्याज पर भारत सरकार देगी।

युवाओं के लिए नौकरी एवं उद्यमों को बढ़ावा

•• युवाओं की नौकरियों के लिए त्वरित भर्ती अभियान भी चालू कर दिया है। वर्ग चार में दस हजार रिक्तियां चिह्नित की गई हैं और 8,575 रिक्तियां सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से विज्ञापित कर दी गई हैं।
•• सारी नौकरियों को सेवा चयन बोर्ड द्वारा ही विज्ञापन देकर भरने का निर्णय किया है। जो क्लास थ्री और क्लास फोर है, उसमें मेरिट के आधार पर ही नौकरी मिलेगी, कोई इंटरव्यू नहीं होगा।

डोमिसाइल सर्टिफिकेट से सालों का अन्याय समाप्त

•• अधिवास प्रमाण पत्र, डोिमसाइल सर्टिफिकेट, इसके लिए भी बहुत हो-हल्ला हुआ था कि नागरिकता चली जाएगी, बहुत लोग बाहर से यहां घुस जाएंगे। अब तक 30.44 लाख व्यक्ति और परिवारों को प्रमाण पत्र दे दिए गए हैं। कहीं से कोई कम्प्लेन नहीं है और न कोई लाइन लगी है।
•• मैं विशेष उल्लेख करना चाहता हूं कि पाकिस्तान से आए हुए रिफ्यूजी, पश्चिम पाकिस्तान के रिफ्यूजी, पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर से आए हुए रिफ्यूजी और 2,642 वाल्मीकि परिवार, 792 गोरखा परिवार एवं 43 अन्य परिवार को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट देकर उनके साथ सालों से जो अन्याय हुआ है, हमने उसको समाप्त कर दिया।

भ्रष्टाचार पर रोक, विस्थापितों/वंचितों को आरक्षण

•• ‘रोशनी’ जैसे कानून को रद्द कर दिया गया है। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो रही है। ये पूछ रहे हैं न कि धारा 370 क्यों हटी है, क्योंकि वहां पर रिज़र्वेशन नहीं था, वहां महिलाओं को अधिकार नहीं था, बाल्मिकी लोगों को अधिकार नहीं था, ट्राइबल्स को अधिकार नहीं था, ओबीसी को अधिकार नहीं था, भ्रष्टाचार पर रोक नहीं थी, देश के ढेर सारे अच्छे कानून वहां लागू किए गए।
•• पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के लगभग 26,319 विस्थापित, युद्ध के समय आए हुए 5,300 विस्थापित, छम्ब के 10,065 विस्थापित, पश्चिमी पाकिस्तान के 5,764 विस्थापित, विस्थापित कश्मीरी पंडितों की संख्या 44 हजार है।
•• यही नरेन्द्र मोदी जी के शासन में कश्मीरी पंडितों के हर परिवार को, जिनके पास राहत-कार्ड है, उनको 13 हजार रुपए प्रति माह सरकार देती है।
•• हम तीन हजार लोगों को नौकरियां दे चुके हैं। हमने छह हजार लोगों को घर बनाने की योजना के लिए जमीन भी आवंटित कर दी है और बजट का आवंटन भी हो गया है।

लद्दाख अब त्वरित विकास की राह पर

•• हम कितना भी भेजें, वह लद्दाख पहुंचता ही नहीं था। 2014 से 2019 के बीच में 4,164 करोड़ रुपए और 3 मार्च, 2019 से धारा 370 निरस्त होने तक 3,518 करोड़ रुपए हम भेज चुके हैं। जो पांच साल में मिलता था, वह लद्दाख वालों को 17 महीने में मिला है।
•• दो नए डिग्री कॉलेज, नए एयरपोर्ट टर्मिनल और जिला अस्पताल के अपग्रेडेशन का काम शुरू हो गया है।
•• पांच नए टूरिस्ट सर्किट, पांच नए ट्रैकिंग-रूट्स, सुदूर क्षेत्रों में सब्सिडाइज़्ड हैलिकॉप्टर्स की व्यवस्था शुरू।
•• लगभग 7,500 MW की क्षमता वाला देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा यंत्र लगाने की कार्यवाही भी शुरू।
•• लद्दाख में एक सेंट्रल यूनिवर्सिर्टी का अनुमोदन।
•• सभी राज्यों का जैसे गुजरात भवन, यूपी भवन, बिहार सदन होता है, लद्दाख को भी 70 वर्षों के बाद अपना भवन और यहां पर अपना सदन मिला है।
•• भारत सरकार की कई योजनाएं वहां थीं, उनमें लगभग 80 प्रतिशत कवरेज कर दिया गया है।
•• रोड कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 11 पुलों और 578 किलोमीटर रोड्स का काम हाथ में लिया गया है।