आज स्वच्छता अभियान बना एक आंदोलन : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। यह स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की तीसरी वर्षगांठ और ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़े के समापन का भी अवसर था। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है और यह एक ऐसा अवसर है जो हमें बताता है कि स्वच्छ भारत के लक्ष्य की दिशा में हम कितना सफर तय कर पाए हैं। प्रधानमंत्री ने याद किया कि भारी आलोचना के बीच तीन साल पहले कैसे स्वच्छ भारत आंदोलन शुरू किया गया। उन्होंने कहा िक वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि जो मार्ग महात्मा गांधी ने दिखाया है, वह गलत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर कुछ चुनौतियां भी हैं तो उनका अर्थ यह नहीं है कि हम उनसे दूर भाग जाएं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लोग एक स्वर में स्वच्छता के लिए अपनी इच्छा का इजहार कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छता को नेताओं और सरकारों के प्रयासों के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे समाज के प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए जन-भागीदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज स्वच्छता अभियान एक आंदोलन बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के दिन तक जो कुछ भी हासिल किया गया है, वह भारत के स्वच्छाग्रही लोगों की भी उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर स्वराज को सत्याग्रहियों द्वारा हासिल किया गया, तो श्रेष्ठ भारत को स्वच्छाग्रहियों द्वारा हासिल किया जाएगा। शहरों की स्वच्छता रैंकिंग का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा िक उन्होंने एक सकारात्मक और प्रतिस्पर्धी वातावरण को विकसित किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को भी विचारों में क्रांति की आवश्यकता है और प्रतिस्पर्धा स्वच्छता की अवधारणा के विचारों का एक मंच प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री ने उन सभी को बधाई दी जिन्होंने ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़े के दौरान योगदान दिया, लेकिन साथ ही कहा कि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय निबंध, चित्रकारी और फिल्म प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए। साथ ही डिजिटल प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।