ट्रम्प का भारत दौरा

| Published on:

विजय चौथाईवाले

मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 24-25 फरवरी, 2020 के बीच पहली भारत यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू था, फिर बात रक्षा या सुरक्षा मामलों की हो, ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी हो, प्रौद्योगिकी सहयोग, वैश्विक संपर्क, व्यापार संबंध या दोनों देशों के लोगों के संबंधों की हो। हालांकि श्री ट्रम्प भारत का दौरा करने वाले सातवें अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, लेकिन इस दौरे के बाद वह अपने पहले कार्यकाल में भारत आने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए। श्री ट्रम्प की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों को प्रदर्शित करती है।

इस यात्रा में राष्ट्रपति ट्रम्प का पहला पड़ाव अहमदाबाद में था, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने साबरमती आश्रम का दौरा किया, जहां महात्मा गांधी 13 साल तक रहे। यहां से यह दोनों नेता अहमदाबाद के नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम में भाग लेने गए। स्टेडियम में एक लाख से अधिक उत्साहित भारतीयों ने उनका स्वागत किया।

राष्ट्रपति ट्रम्प का स्वागत करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंधों को अब केवल एक सामान्य साझेदारी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह अब कहीं अधिक और घनिष्ठ साझेदारी में बदल चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी की बात को आगे बढ़ाते हुए विदेशी धरती पर अपनी सबसे बड़ी रैली कर रहे राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि ‘एक अविश्वसनीय व्यापार सौदा’ और ‘इस धरती पर सबसे शक्तिशाली सैन्य उपकरण’ हम भारत को देने का वादा कर रहे हैं। ट्रम्प अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अत्यधिक उदार रहे, और उन्हें ‘एक असाधारण नेता’, ‘भारत का चैंपियन’, ‘महान प्रधानमंत्री’, ‘जबरदस्त, सफल नेता’, ‘कठिन वार्ताकार’ एवं दुनियां में किसी भी चुनावों में इतनी बड़ी जीत हासिल करने वाला बताया। उनका भाषण महान भारतीय विरासत, संस्कृति, खेल, बॉलीवुड और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत प्रगति की प्रशंसा से भरा रहा।

भारत में ट्रम्प के भाषण के तीन मुख्य बिंदु रहे। पहला, जिसमें उन्होंने एक शक्ति के रूप में भारत की निरंतर बढ़ती व्यापकता को माना और कुछ अपवादों के साथ, लोकतंत्र के रूप में भारत के उदय के लिए उन्होंने भारत की एकतरफा प्रशंसा की है। ट्रम्प ने अपने भाषण में कहा, “एक समृद्ध राष्ट्र के रूप में भारत का उदय दुनिया के हर देश और सदी की उत्कृष्ट उपलब्धियों में से एक है।” “यह प्रेरणादायक बात है क्योंकि भारत ने इस उपलब्धि को एक लोकतांत्रिक देश के रूप में हासिल किया है, साथ ही एक शांतिपूर्ण देश के रूप में भारत अपनी सहिष्णु परंपराओं को स्थापित किए हुए है और भारत ने इसे एक महान और स्वतंत्र देश के रूप में हासिल किया है।”

दूसरा, जैसाकि अनुमान था, ट्रम्प ने भारत के आंतरिक मुद्दों पर भी अपनी बात रखी, जिसमें पिछले साल जम्मू और कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का मुद्दा और नागरिकता बिल, जो आलोचकों के निशाने पर है- जिसमें भारत के पड़ोसी देशों से आने वाले गैर—मुस्लिम प्रवासी के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण के लिए, ट्रम्प ने अपनी टिप्पणी में भारत की बहुलतावादी राजनीति और विविधता का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत की प्रशंसा इसलिए की जानी चाहिए, क्योंकि यहां लाखों हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, और यहूदियों एक साथ अपनी संस्कृति और धर्म का अनुसरण करते हैं।

ट्रम्प के भाषण का अंतिम पड़ाव अमेरिकी और पाकिस्तान के संबंधों पर था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लडाई में अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और भारत और अमेरिका मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करेंगे। उन्होंने यह सब उस समय कहा, जब ट्रम्प प्रशासन पाकिस्तान की सहायता से अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति समझौता करने की कगार पर खड़ा है।

दोनों देशों ने प्रशांत क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही और रक्षा क्षेत्र में क्रेता-विक्रेता संबंध से परे अपने संबंधों को आगे ले जाने की बात पर जोर दिया। संयुक्त बयान में दोनों देशों ने ‘उन्नत रक्षा घटकों, उपकरणों और प्लेटफार्मों के सह-विकास और उत्पादन’ और रक्षा उद्योग के बीच साझेदारी का उल्लेख किया गया है।

संयुक्त समझौता

भारत और अमेरिका ने 3 बिलियन डॉलर के रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ”आज हमने अपाचे और एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों सहित 3 बिलियन डॉलर से अधिक दुनिया में बेहतरीन और उन्नत अमेरिकी सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए भारत के साथ समझौत कर अपने रक्षा सहयोग का विस्तार किया है। ये हमारी संयुक्त रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएंगे। जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका ने आतंकवाद का समर्थन करने वालों के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने का संकल्प किया है, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “हम कट्टर इस्लामिक आतंकवाद से निपटने और अपने नागरिकों की रक्षा करने में सहयोग करने के लिए सहमत हुए हैं। हम पाकिस्तान की धरती पर आतंकी गतिविधियों को खत्म करने के लिए संकल्पित हैं।”

इस यात्रा के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुए समझौते को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें दोनों देशों ने उद्योग और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ाने के साथ ही संबंधों का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने ‘न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच होने वाले समझौते को आगे बढ़ाने की बात की, जिसके माध्यम से भारत में जल्द से जल्द छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए तकनीकी-व्यावसायिक सहयोग के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

अमेरिका ने भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति और ब्लू डॉट इनिशिएटिव को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के खिलाफ वैश्विक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उच्च गुणवत्ता, विश्वसनीय मानकों को बढ़ावा देने के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाना है। इंडो-पैसिफिक रणनीति के मुख्य आधार के रूप में ‘यूएस-जापान-इंडिया-ऑस्ट्रेलिया’ की चौकड़ी को स्थापित किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के तौर पर इस इस इलाके का विस्तार करना है। संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग पूरे भारत-प्रशांत क्षेत्र की समृद्धि और सुरक्षा में कारगर साबित होगा।

अमेरिका और भारत ने स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अपने सुरक्षा संबंधों को गहरा बनाने की घोषणा की, जिसमें समुद्री और अंतरिक्ष डोमेन जागरूकता, सहयोग बढ़ाने, सैन्य आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, रक्षा उद्योग सहयोग, सुरक्षित 5 जी सुरक्षित नेटवर्क, स्थायी अवसंरचना निवेश, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने जैसे मुद्दों को लेकर सहयोग करने की बात शामिल है।

संयुक्त पत्रकार सम्मेलन बेहद शानदार रहा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी, व्यापार, आतंकवाद, ऊर्जा, उद्योग 4.0, नवाचार, उद्यम, शिक्षा, भारत-प्रशांत क्षेत्र और दोनों देशों की जनता के बीच संबंधों पर बात करते हुए इन मुद्दों पर एक व्यापक वैश्विक साझेदारी बनाने की बात पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि कारोबार को लेकर कानूनी पेचीदगियों को कम कर ‘एक बड़े व्यापार सौदे’ पर बातचीत को अंतिम रूप दिया जाए।

ट्रम्प ने भारत यात्रा को ‘बेहद कामयाब’ बताया, जिसमें 3 बिलियन डॉलर के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर हुए, कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का उल्लेख हुआ, अमेरिका ने पाकिस्तान को ‘उसकी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों’ को लेकर चेताया के साथ ही 5G नेटवर्क और उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया। ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत में अमेरिकी निर्यात में 60% की वृद्धि और ऊर्जा निर्यात में 500% वृद्धि का उल्लेख किया।

इस विशाल यात्रा को श्रीमान ट्रम्प के उन शब्दों के लिए याद किया जाएगा, जिनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया था: ‘अमेरिका भारत से प्यार करता है, अमेरिका भारत का सम्मान करता है और अमेरिका हमेशा भारतीय लोगों के प्रति वफादार और सच्चा दोस्त रहेगा।’ इस यात्रा में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग के साथ अफगानिस्तान में शांति के लिए एक रोडमैप, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण, व्यापार और वाणिज्य का विस्तार, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल व्यापार आदि में उभरते अवसरों का लाभ उठाने की बातों पर जोर दिया गया। भारत की यात्रा दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों की गवाह बनी। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विवादास्पद मुद्दों का हल निकाले की उनकी प्रतिबद्धता को इंगित करती है।

लेखक भाजपा विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी हैं