केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क सेवा ‘पीएम वाणी’ को दी मंजूरी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 9 दिसंबर को टेलीकॉम विभाग को देशभर में पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिए सार्वजनिक रूप से वाई-फाई सेवा प्रदान करने का नेटवर्क तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। ऐसी कंपनियों से वाई-फाई और ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा।

इससे देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी, जो लोगों के लिए रोजगार और आमदनी बढ़ाने का जरिया बनेगा।

विशेषताएं
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क सेवा ‘पीएम वाणी’ के नाम से जानी जाएगी। इसे सार्वजनिक टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जैसाकि निम्न उल्लेख किया गया है:
 पब्लिक डेटा आफिस (पीडीओ): यह केवल पीएम वाणी के तहत आने वाले वाई-फाई सेवा स्थलों को स्थापित करने, रखरखाव करने और संचालित करने का काम करेंगे और उपभोक्ताओं को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेंगे।
 पब्लिक डेटा आफिस (पीडीओ): यह पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण और लेखा खातों के रखरखाव का काम करेंगे।
 ऐप प्रदाता: यह पंजीकृत ग्राहकों के लिए मोबाइल ऐप विकसित करेंगे और वाई-फाई वाले हॉट स्पाट इलाकों में ये पीडीओ पीएम वाणी सेवा की उपलब्धता का पता लगाने के बाद उसके अनुरुप ऐप में इसकी जानकारी डालेंगे, ताकि ग्राहक अपने मोबाइल पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकें।
 सेंट्रल रजिस्ट्री: यह ऐप सेवा प्रदाता पीडीओ और पीडीओएएस की जानकारी रखेगा। सेंट्रल रजिस्ट्री का रखरखाव शुरुआती स्तर पर टेलीकॉम विभाग द्वारा किया किया जाएगा।

उद्देश्य

पीडीओ और ऐप प्रदाताओं को इसके लिए अपना कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा। ये लोग सरल संचार; (https://saralsanchar.gov.in) वेबसाइट पर टेलीकॉम विभाग में ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन करने के सात दिनों के भीतर पंजीकरण हो जाएगा।

यह व्यवस्था कारोबार के लिए बहुत ही सहज और अनुकूल होगी, खासकर ऐसे समय में जबकि कोविड महामारी के कारण इस समय तेज गति वाली ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा की देशभर में बहुत सारे ग्राहकों को काफी जरूरत है। इसके जरिए सार्वजनिक वाई-फाई सेवा उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि छोटे और मझौले कारोबारियों के पास खर्च करने के लिए कुछ अधिक पैसा भी जमा हो सकेगा, जिससे देश की जीडीपी में बढ़ोतरी में मदद मिलेगी।