ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय का उपयोग 93 % से ज़्यादा

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विश्व बैंक समर्थित स्वच्छ भारत मिशन परियोजना के अंतर्गत एक स्वंतत्र सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा किये गए राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 -18 में ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय का उपयोग 93.4% होने की पुष्टि हुई है। अर्थात्, जिन घरों में शौचालय उपलब्ध है, उनमें से 93.4% उसका उपयोग भी करते हैं।
जिन गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित और सत्यापित किया गया है, स्वंतत्र सर्वेक्षण एजेंसी ने उनमें से 95.6 % गांवों के खुले में शौच मुक्त होने की भी पुष्टि की है। यह सर्वेक्षण मध्य-नवम्बर 2017 और मध्य-मार्च 2018 के बीच किया गया और इसके अंतर्गत 6136 गावों के 92040 घरों का स्वच्छता सम्बन्धी विषयों पर सर्वेक्षण किया गया।

सर्वेक्षण के अंतर्गत गांवों के स्कूल, आंगनवाड़ी एवं सामुदायिक शौचालयों का भी सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण का संपूर्ण कार्य कंप्यूटर सहायतित व्यक्तिगत साक्षात्कार (कैपी) नामक प्लेटफार्म के माध्यम से सम्पादित किया गया।

राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के मुख्य परिणाम निम्नवत हैं :

1. सर्वेक्षण किये गए 77 % घरों में शौचालय की सुविधा पायी गयी

2. शौचालय की सुविधा वाले घरों में से 93.4 % में शौचालय का उपयोग

3. सर्वेक्षण किये गए खुले में शौच से मुक्त घोषित एवं सत्यापित गांवों में से 95.6 % के खुले में शौच से मुक्त होने की पुष्टि

4. सर्वेक्षण किये गए गांवों में से 70 % में ठोस तथा तरल अपशिष्ट की न्यूनतम मात्रा पायी गयी

उक्त परिणाम स्वंतत्र सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रबंधन हेतु गठित एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप (EWG) के समक्ष प्रस्तुत किये गए। EWG में विश्व बैंक, यूनिसेफ, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, इंडिया सैनिटेशन कोएलिशन, सुलभ इंटरनेशनल, नॉलेज लिंक्स समेत नीति आयोग एवं सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय सदस्य हैं। EWG ने सर्वेक्षण के सफल क्रियान्वयन पर अपनी संतुष्टि ज़ाहिर की है। स्वच्छता सर्वेक्षण एजेंसी ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को अपनी अंतरिम रिपोर्ट और सर्वेक्षण से सम्बन्धी आंकड़े दिए हैं, जिसे मंत्रालय के वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन ने अब तक करोड़ों लोगों के व्यवहार परिवर्तन करने में सफलता हासिल की है। स्वच्छ भारत मिशन के प्रारम्भ से अब तक करोड़ों लोगों ने अपने शौचालय का निर्माण किया है और उसका नियमित इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक 6.5 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है और 3.38 लाख गांव और 338 ज़िले अब तक खुले में शौच से मुक्त घोषित हुए हैं। 9 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश, नामतः सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मेघालय, चंडीगढ़, दमन और दीउ एवं दादरा और नगर हवेली, खुले में शौच मुक्त घोषित किये जा चुके हैं।