‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ बनाने की दिशा में हम बढ़ रहे हैं: रामलाल

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भाजपा के 37 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कमल संदेश के कार्यकारी संपादक डा.  शिव शक्ति बक्सी ने भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) श्री रामलाल से संगठन से संबंधित विषयों तथा हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिले  प्रचंड जनादेश के संदर्भ में आगामी कार्य-योजना पर चर्चा की। प्रस्तुत है मुख्य अंश:

हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को जबर्दस्त जनादेश मिला। इस जनादेश का पार्टी एवं कार्यकर्ताओं के लिये क्या संदेश है?

निश्चित ही पांच राज्यों के चुनावों में बहुत बड़ी सफलता मिली है। 4 राज्यों में हमने सरकार बनाई है। हमारे विधायक और वोट दोनों ही बढ़े हैं। सभी वर्गों का वोट मिला है। विशेष रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरीब समर्थक नीतियों, योजनाओं से देश के गरीब वर्ग में केन्द्र सरकार के प्रति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतृत्व के प्रति जो विश्वास पैदा हुआ है, वह पार्टी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। इससे जाति, वर्ग सम्प्रदाय की राजनीति से ऊपर उठकर लोगों ने वोट दिया है, उसे समझने की आवश्यकता है।

अभी तक चुनाव में छोटे-छोटे स्थानीय मुद्दे प्रभावी हो जाते थे। अब देश की जनता सुशासन, विकास व लोक कल्याण की राजनीति की तरफ बढ़ रही है। यह लोकतंत्र की मजबूती हेतु भी शुभ लक्षण है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में तीन-चौथाई से अधिक बहुमत मिलना अपने आप में कीर्तिमान है। 2014 के तुरंत बाद से ही संगठनात्मक तैयारी, अनेक प्रकार के कार्यक्रमों की योजना, परिवर्तन यात्राओं आदि के माध्यम से जहां कार्यकर्ता खड़ा हुआ, वहीं जनता का भी मन बना। कार्यकर्ता उत्साहित हो, संगठन व्यवस्थित हो, नेतृत्व पर जनता का भरोसा हो तथा चुनाव प्रबंधन चुस्त-दुरुस्त हो तो मन को मत में बदलना तथा उसे पोलिंग बूथ तक पहुंचाना आसान हो जाता है। यही हुआ भी है। गोवा व मणिपुर मंे सीटें कम मिलीं, किन्तु सर्वाधिक वोट भाजपा को जनता ने दिया। इसलिए स्थिर सरकार बनाने का प्रयास हमारी राजनैतिक जिम्मेदारी थी, जिसे निभाने में पार्टी नेतृत्व सफल रहा। राजनीति में सोने वालों को सफलता नहीं मिलती, सतत् जागरूक लोग ही सफल होते हैं।

इन राज्यों में सफलता पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने 12 मार्च को जो कहा वह बहुत महत्वपूर्ण है कि पेड़ में ज्यादा फल लगते हैं तो वह झुका हुआ रहता है। विनम्रता के साथ सफलता। हमें किसी भी तरह की सफलता को अंतिम पड़ाव मानकर संतोष मानने की आवश्यकता नहीं। प्रेरणा लेकर नए उत्साह के साथ और आगे बढ़ने की दिशा में प्रयास करना यही भाजपा के कार्यकर्ताओं का मूल पिंड है। 2014 की सफलता के पश्चात् हमने प्रारम्भ से ही आगे की तैयारी प्रारम्भ की है। जिन राज्यों में हमारा ढांचा कमजोर रहा है, वहां मजबूती के विशेष प्रयास हुए हैं। परिणामस्वरूप असम में आज भाजपा के नेतृत्व की सरकार है तथा उड़ीसा में भी पंचायत चुनावों में अच्छी सफलता मिली है। जो वातावरण बना है उसका लाभ निश्चित रूप से संगठन विस्तार, सुदृढ़ता तथा चुनावी राजनीति में भी प्रभाव बढ़ाने में मिलेगा।

अब भाजपा ‘पार्टी आॅफ गवर्नेंस’ बन गई है, जिससे कार्यकर्ताओं का दायित्व भी कई गुणा बढ़ गया है। बदले हुए परिप्रेक्ष्य में कार्यकर्ता अपने दायित्व का पालन कैसे करें?

आपने कहा भाजपा ‘पार्टी आॅफ गवर्नेंस’ बन गई है। यह एकदम ठीक बात है। हर पार्टी की अपनी पहचान बनती है। डा. मुखर्जी का बलिदान राष्ट्र की एकता-अखंडता की रक्षा के लिये हुआ, आपातकाल के समय लोकतंत्र की रक्षा के लिये हजारों कार्यकर्ता जेल गये तथा कई बलिदान हुए, भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिये संघर्ष (लालकृष्ण आडवाणी जी द्वारा यात्रा), राष्ट्रीय गौरव की रक्षा हेतु डा. मुरली मनोहर जोशी द्वारा तिरंगा यात्रा तथा एनडीए-1 में अटलबिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में पोखरण विस्फोट आदि।

एनडीए-1 से विकास की जो यात्रा प्रारम्भ हुई उसे भाजपा शासित प्रांतों ने बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ाया। विशेष रूप से गुजरात प्रदेश नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सुशासन व विकास का प्रतीक बन गया। आज भी प्रदेश सरकारों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो अधिकांश विषयों  में प्रथम पांच में भाजपा शासित राज्य ही रहेंगे।

2014 में केन्द्र में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनने के पश्चात् तो नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सुशासन व विकास के तथा गरीब कल्याण के नाते पहचान बनाने तथा लोगों का विश्वास जीतने में सफल हुई है। यह सरकार कड़े फैसले, राष्ट्र हित में फैसले, निर्णायक सरकार के रूप में जानी जाती है। देश के बहादुर सैनिकों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी, नीम कोटेड यूरिया, फसल बीमा योजना, मुद्रा योजना के अंतर्गत 6.6 करोड़ लोगों को ऋण, उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक 2 करोड़ गैस कनेक्शन, 27.97 करोड़ जन धन खाते, बाबा साहब के सम्मान में भीम एप का शुभारम्भ, अभी तक 2 करोड़ भीम एप डाउनलोड, आसान कर-प्रणाली ‘जीएसटी’ का पारित होना, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा, स्किल इंडिया, सस्ती जेनेरिक दवाओं की दुकानें, उजाला योजना के तहत 21.8 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण, 12586 गांवों को पहली बार िबजली से जोड़ा जाना और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

पार्टी का पूरे देश में विस्तार की योजनाएं बनीं जिसका परिणाम भी सामने आने लगा है। आगामी वर्षों में किस प्रकार की संगठनात्मक योजना है?

हमने पार्टी के विस्तार की दृष्टि से सदस्यता अभियान चलाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन तथा सभी कार्यकर्ताओं की एकजुट मेहनत का परिणाम है कि भाजपा देश ही नहीं दुनिया की सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी बन गई।
हमने कमजोर राज्य, जिले व मंडल चिह्नित करके उनके लिये विशेष कार्य-योजना बनाई, मंडल तक प्रशिक्षण अभियान चल रहा है। आगे भी यह गति निरंतर बढ़ती रहे यही प्रयास होगा। विभिन्न प्रदेश इकईयां बूथ तक संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने व मजबूत करने मंे लगी है। बूथ पर छह कार्यक्रमों की रचना भी बनी है, जिससे बूथ इकाई की सक्रियता व उससे संवाद बना रहे।

अन्य पार्टियों से यदि तुलना करें तो भाजपा का निरंतर विस्तार हुआ है। संसद में 2 से 282 सीटों तक की यात्रा को आप कैसे देखते हैं?

आपने पूछा है 2 से 282 सांसद होने की यात्रा के बारे में। 1984 में केवल दो सांसद जीतना एक कठिन समय था। ऐसे समय निराशा में डूबकर बैठा जा सकता था या हिम्मत के साथ चुनौती को स्वीकार करके आगे बढ़ने काे सोचा जा सकता था। नेतृत्व ने आगे बढ़ने का रास्ता चुना। नेताओं के प्रवास, संगठनात्मक कार्यक्रम, विभिन्न आंदोलन, जनता से संवाद के द्वारा कार्य प्रारम्भ हुआ तो 1989 में ही उसका परिणाम आ गया। 2004 व 2009 को छोड़ दें तो हम निरंतर बढ़ते रहे। आज भाजपा के सबसे अधिक सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री हैं। 16 राज्यों में भाजपा सरकार में है। एनडीए से 17 राज्य जुड़े हैं। भारत का लगभग 60 प्रतिशत भू-भाग भाजपा शासन से जुड़ा है। यह यात्रा कठिन थी, संघर्षपूर्ण थी, किन्तु सभी ने चुनौती को अवसर मान कर कार्य किया, परिणामस्वरूप इतना बड़ा रूप सामने है। हमारा प्रयास है इसी मानसिकता से तथा जीत से उत्साह लेकर हम और आगे बढ़ेंगे।

हाल ही में पार्टी में 19 विभागों एवं कई प्रकल्पों का गठन हुआ है। इससे पार्टी कार्य को किस प्रकार की दिशा एवं गति मिली है?

पार्टी का कार्य समाज के सभी घटकों तक पहुंचे तथा कुछ निश्चित विषयों पर विशेष ध्यान रहे इस दृष्टि से प्रकोष्ठ, विभाग व प्रकल्पों की रचना की गई है। इससे focused area व विषय विशेष की ओर ठीक प्रकार से कार्य होता है। कार्यालय निर्माण, कार्यालय आधुनिकीकरण, पुस्तकालय आदि विषयों में ठीक दिशा में कार्य प्रारम्भ हुआ है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, नमामि गंगे विषय भी आगे बढ़े हैं। इससे अनेक नये लोग जुड़ रहे हैं तथा नये क्षेत्रों में भी प्रवेश हो रहा है।

पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष पार्टी किस प्रकार से मना रही है?

पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष हेतु जिलों से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर संचालन समितियां बनी हैं। सरकारें अपने-अपने ढंग से कार्यक्रम कर रही हैं। संगठन के स्तर पर भी कार्य की दिशा स्पष्ट है- दीनदयाल जी के व्यक्तित्व, विचार, व्यवहार की चर्चा, समाज कल्याण विशेष रूप से अंत्योदय (गरीब कल्याण) हेतु सभी कार्यकर्ताओं द्वारा निजी रूप से एक शुभ संकल्प लेना, संगठन के विस्तार व कार्यकर्ताओं के विकास की योजना। एक विशेष योजना बनी है- पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कार्य विस्तार योजना। इसके अंतर्गत 6 माह से 1 वर्ष तक के लिये शताब्दी विस्तारक निकलेंगे। साथ ही बड़ी संख्या में (1 लाख तक) 15 दिन के लिये शताब्दी अल्पकालीन विस्तारक निकलेंगे। हर प्रांत 6 अप्रैल से 6 जुलाई के मध्य 15 दिन का समय निश्चित करके महा-सम्पर्क की योजना करने वाला है। हर घर तक दीनदयाल जी का चित्र, स्टिकर व एक फोल्डर (विचार और व्यक्तित्व को लेकर) पहुंचे तथा केन्द्र व प्रदेश सरकारों की उपलब्धियां व पार्टी के विचार को भी घर-घर तक पहुंचाने की योजना बनी है। अन्य विभिन्न कार्यक्रम प्रांतों की योजनानुसार होंगे।

भाजपा स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2017 के अवसर पर आपका पार्टी कार्यकर्ताओं के लिये क्या संदेश है?

6 अप्रैल पार्टी का स्थापना दिवस है। 37 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इन वर्षों में कई तरह के उतार-चढ़ाव पार्टी ने देखे हैं, फिर भी आगे बढ़ने का संकल्प निरंतर बना रहा। जनसंघ से लेकर आज तक नेतृत्व से लेकर साधारण कार्यकर्ताओं के त्याग, तपस्या, बलिदान से यह पार्टी खड़ी हुई है। अकेले केरल के 1 जिला (कन्नूर) में ही अब तक अनेक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। आज हम संकल्प लें कि राष्ट्र व समाज के लिये समर्पण भाव से कार्य करेंगे। हमारे लिये राष्ट्र प्रथम, पार्टी द्वितीय तथा स्वयं आखिर में रहेगा। हमारी प्रेरणा एकात्म मानव दर्शन तथा अंत्योदय होगी। हमारी सोच में सबका साथ-सबका विकास रहेगा। एक भारत- श्रेष्ठ भारत हमारी दिशा रहेगी। हमारे हाथ से वही कार्य होगा जिस कार्य से भारत की मान प्रतिष्ठा बढ़े और हो ‘भारत माता की जय’।