अराजकता, अस्थिरता को नहीं पसंद करते हैं युवा : नरेन्द्र मोदी

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                    कम-से-कम दो-तीन साल, हम स्थानीय उत्पाद खरीदने के आग्रही बनें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 दिसंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में कहा कि नई पीढ़ी को अराजकता पसंद नहीं है और आने वाला दशक निश्चित तौर पर युवाओं और उनके सामर्थ्य के साथ देश के विकास का दशक होगा।

आकाशवाणी पर प्रसारित वर्ष 2019 के आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा, ‘‘आने वाला दशक दशक न केवल युवाओं के विकास का होगा, बल्कि, युवाओं के सामर्थ्य से देश का विकास करने वाला भी साबित होगा और भारत आधुनिक बनाने में इस पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।”

उन्होंने कहा कि खास बात ये है कि आज के युवा व्यवस्था को पसंद करते हैं, हालांकि कभी-कभी वे बैचैन भी होते हैं। श्री मोदी ने कहा, “युवा व्यवस्था का अनुसरण भी करना पसंद करते हैं और कभी कहीं व्यवस्था ठीक ढंग से प्रत्युत्तर न करें, तो वे बैचेन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ व्यवस्था से सवाल भी करते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे अच्छा मानता हूं। हमारे देश के युवाओं को अराजकता से नफरत है। अव्यवस्था, अस्थिरता से भी उनको बड़ी चिढ़ है। वे परिवारवाद, जातिवाद, अपना-पराया, स्त्री-पुरुष, इन भेद-भावों को पसंद नहीं करते हैं।”

उन्होंने कहा, “भारत को इस पीढ़ी से बहुत उम्मीद हैं। इन्हीं युवाओं को देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है।” श्री मोदी ने कहा कि तीन दिन के भीतर हम नए वर्ष के साथ ही नए दशक में भी प्रवेश करेंगे और इस दशक में देश के विकास को गति देने में वो लोग सक्रिय भूमिका निभायेंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कन्याकुमारी देश और दुनिया के लिए एक आकर्षण का केंद्र बना है। राष्ट्रभक्ति से भरे हुए आध्यात्मिक चेतना को अनुभव करना चाहने वाले हर किसी के लिए ये एक तीर्थ-क्षेत्र बना हुआ है, श्रद्धा-केंद्र बना हुआ है। स्वामीजी के स्मारक ने हर पन्थ, हर आयु वर्ग के लोगों को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित किया है। ‘दरिद्र नारायण की सेवा’ के मन्त्र को जीने का रास्ता दिखाया है। जो भी वहां गया, उसके अन्दर शक्ति का संचार हो, सकारात्मकता का भाव जगे, देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हो- ये बहुत स्वाभाविक है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारे माननीय राष्ट्रपति महोदय जी भी पिछले दिनों इस पचास वर्ष निर्मित रॉक मेमोरियल का दौरा करके आए हैं और मुझे खुशी है कि हमारे उप-राष्ट्रपति जी भी गुजरात के कच्छ के रण में, जहां एक बहुत ही उत्तम रणोत्सव होता है, उसके उद्घाटन के लिए गए थे। जब हमारे राष्ट्रपति जी, उप-राष्ट्रपति जी भी, भारत में ही ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर जा रहे हैं, देशवासियों को उससे जरुर प्रेरणा मिलती है – आप भी जरुर जाइये।

उन्होंने कहा कि हम अक्सर ये बात कहते हैं कि जब देश का हर नागरिक एक कदम आगे बढ़ता है, तो ये देश 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है। ऐसी बातें जब समाज में प्रत्यक्ष रूप में देखने को मिलती हैं तो हर किसी को आनंद आता है, संतोष मिलता है और जीवन में कुछ करने की प्ररेणा भी मिलती है। एक तरफ, जहां बिहार के बेतिया में पूर्व-छात्रों के समूह ने स्वास्थ्य-सेवा का बीड़ा उठाया, वहीं उत्तर प्रदेश के फूलपुर की कुछ महिलाओं ने अपनी जीवटता से पूरे इलाके को प्रेरणा दी है। इन महिलाओं ने साबित किया है कि अगर एकजुटता के साथ कोई संकल्प ले तो फिर परिस्थितियों को बदलने से कोई रोक नहीं सकता।

देशवासियों से श्री मोदी ने अपील की कि क्या हम संकल्प कर सकते हैं कि 2022 में आज़ादी के 75 वर्ष हो रहे हैं, कम-से-कम ये दो-तीन साल हम स्थानीय उत्पाद खरीदने के आग्रही बनें? भारत में बना, हमारे देशवासियों के हाथों से बना, हमारे देशवासियों के पसीने की जिसमें महक हो, ऐसी चीजों को हम खरीद करने का आग्रह कर सकते हैं क्या? मैं लम्बे समय के लिए नहीं कहता हूं, सिर्फ 2022 तक, आज़ादी के 75 साल हो तब तक और ये काम सरकारी नहीं होना चाहिए, स्थान-स्थान पर नौजवान आगे आएं, छोटे-छोटे संगठन बनायें, लोगों को प्रेरित करें, समझाएं और तय करें- आओ, हम लोकल खरीदेंगे, स्थानीय उत्पादों पर बल देंगे, देशवासियों के पसीने की जिसमें महक हो- वही, मेरे आज़ाद भारत का सुहाना पल हो, इन सपनों को लेकर के हम चलें।