2927 अदालत परिसरों को तीव्र गति वाले वाइड एरिया नेटवर्क से जोड़ा गया

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केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 11 दिसंबर को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार ई-अदालत परियोजना के तहत देशभर के लगभग 2927 अदालत परिसरों को अभी तक तीव्र गति वाले वाइड एरिया नेटवर्क (डब्ल्यूएएन) से जोड़ा जा चुका है। परियोजना के तहत 2992 अदालत परिसरों को तीव्र गति डब्ल्यूएएन से जोड़े जाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसका 97.86 प्रतिशत हासिल किया जा चुका है। विधि विभाग बीएसएनएल के साथ मिलकर शेष अदालत परिसरों को भी संपर्क मुहैया कराने के काम में संलग्न है।

ई-अदालत परियोजना के तहत विधि विभाग ने विश्व के एक सबसे बड़े डिजिटल नेटवर्क को स्थापित करने की परिकल्पना की थी और इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के साथ मिलकर देशभर के 2992 अदालत परिसरों को तीव्र गति वाले वाइड एरिया नेटवर्क (डब्ल्यूएएन) से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था।

इन अदालत परिसरों को ऑप्टिक फाइबर केबल (ओएफसी), रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ), वैरी स्मॉल अपरचर टर्मिनल (वीसेट) इत्यादि से जोड़ा जाना था। मई, 2018 में इन सभी परिसरों को मैनेज्ड एमपीएलएस–वीपीएन सेवा से जोड़ने का कार्य बीएसएनएल को सौंपा गया था, जिसके पास आधुनिकतम स्टेट ऑफ द आर्ट प्रौद्योगिकी के साथ ही अत्याधुनिक दूरसंचार अवसंरचना और ट्रांसमिशन उपकरण हैं और जिसकी देशभर में उपस्थिति है।

ई-अदालत परियोजना के तहत आने वाले बहुत से अदालत परिसर ऐसे दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं जहां संपर्क उपलब्ध कराने के लिए स्थलीय केबल का उपयोग नहीं किया जा सकता। ऐसे इलाकों को तकनीकी तौर पर नहीं जुड़ने योग्य (टीएनएफ) कहा जाता है और विधि विभाग ने इस डिजिटल डिवाइड को समाप्त करने के लिए इन टीएनएफ स्थलों पर आरएफ और वीसेट आदि जैसे वैकल्पिक माध्यमों से संपर्क उपलब्ध कराया।