भाजपा को राज्य में पिछले पांच वर्षों के दौरान सुशासन, पारदर्शी और स्थिर सरकार देने का लाभ मिलेगा : ओपी माथुर

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झारखंड विधानसभा चुनाव एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड चुनाव प्रभारी श्री ओम माथुर से नई दिल्ली स्थित उनके निवास पर कमल संदेश के विपुल शर्मा ने बातचीत की। श्री माथुर का कहना है कि झारखंड में भाजपा की ईमानदार और पारदर्शी सरकार के चलते पार्टी को विशाल जनसमर्थन मिला रहा है। वहीं, उनका मानना है कि मोदी सरकार की योजनाओं ने बड़े स्तर पर लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। ऐसे ही राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर देश मजबूत हुआ है और राज्य में नक्सल समस्या पर भी लगाम लगा है, लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। प्रस्तुत है इस बातचीत के मुख्यांश :

झारखंड की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर आपका क्या आकलन है ?

झारखंड राज्य कुल 5 परिमंडलों में विभाजित है और इन पांचों परिमंडलों की सांस्कृतिक भिन्नता को साफ देखा जा सकता। हर परिमंडल सामाजिक, राजनीतिक और भौगोलिक दृष्टि से अलग है। तो इस बात को ध्यान में रखकर हमें अपनी चुनावी रणनीति का निर्माण करना पड़ा। अभी जो पहले चरण का चुनाव हुआ है, उसमें 13 सीटों के लिए मतदान हुआ है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हम पिछली बार से ज्यादा सीटें लेकर इस चरण के चुनावों में सफल होने जा रहे हैं। पहले चरण के चुनाव पूर्ण होने के बाद जो आंकड़ें सामने आ रहे है उसमें लोकसभा चुनावों के दौरान हुए मतदान प्रतिशत में 1.44 प्रतिशत वृद्धि देखी जा रही है। यह सीधा संकेत है कि हमने बूथ स्तर पर जो कार्य किया, उसकों जनता का सीधा समर्थन मिल रहा है।

दूसरे चरण का चुनाव कोलहान परिमंडल में होना है। पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी को सबसे कम सीटें इसी परिमंडल में मिली थी। उसको ध्यान में रखकर हमनें कड़ी मेहनत की है और हमकों पूर्ण विश्वास है कि पार्टी इस बार यहां पर अच्छा प्रदर्शन करेगी। इसके अतिरिक्त हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की रैलियों का आयोजन राज्य की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए किया है। अब तक राज्य में हमारी चार रैलियां हो चुकी हैं और इन रैलियों के दौरान मिलने वाला जनसमर्थन हमारी सोच से भी बढ़कर रहा है।

आपने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने के लिए कौन से कदम उठाए ?

हमने झारखंड चुनावों को लेकर अपनी रणनीति पर बहुत पहले से ही कार्य करना आरंभ कर दिया था। जैसाकि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की योजना बनायी थी, उसी को आगे बढ़ते हुए हमने राज्य के लगभग 29400 बूथ पर बूथ प्रमुख और टीम का गठन किया। इसमें संबंधित इलाके की भौगोलिक और सामाजिक स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया। दूसरी बात, इस बार राज्य में पन्ना प्रमुख स्तर पर भी काफी बेहतर काम हुआ है और सभी विधानसभाओं की कोर टीम बनी है। इन चुनाव की सारी व्यूह रचना को संगठन टीम के अनुरूप ही किया गया है। हमनें चुनावी रणनीति को दो हिस्सों में बांटा था, जिसमें एक इसका तकनीकी पक्ष था और दूसरा इसका राजनीतिक पक्ष था। तकनीकी पक्ष का दायित्व विशुद्ध रूप से संगठन के जिम्मे होता है और इसकी पहुंच सीधे मतदाता तक होती है, जिसमें सामाजिक समीकरणों के आधार पर टिकटों का बंटवारा, सामाजिक समीकरणों के आधार पर लोगों के प्रवास सुनिश्चित करना और हर लोकसभा एवं विधानसभा सीटों पर प्रभारियों की नियुक्ति इसकी प्रमुख गतिविधयों में शामिल है और हम निरंतर अपने काम की समीक्षा करते रहे।

भाजपा राज्य में एक स्थिर सरकार देने में कामयाब रही है। क्या इसका चुनावी लाभ पार्टी काे आगामी चुनावों में मिलेगा ?

झारखंड को अस्तित्व में आए 19 साल हुए और इस दौरान राज्य राजनीतिक अस्थिरता का शिकार रहा है। यह पहली बार है कि भाजपा के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार राज्य की सत्ता में आयी जिसने 5 साल का अपना कार्यकाल पूर्ण किया है। जनता पर इस बात का भी गहरा प्रभाव पड़ा है और हमें पूरी उम्मीद है कि इस बात का लाभ चुनावों में भाजपा को निश्चित तौर पर मिलेगा।

केंद्र सरकार की योजनाओं का कितना असर आप इन चुनावों में देख रहे हैं ?

मेरी नजर में झारखंड इस मामले में पिछले पांच सालों में बेहद सौभाग्यशाली रहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा सरकार रहीं और इस डबल इंजन वाली सरकार का लाभ राज्य की जनता को पूर्ण रूप से मिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गांव, गरीब और किसानों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई, उनका लाभ झारखंड की जनता को भी मिला। हमने लगभग सभी विधानसभाओं में इन योजनाओं के लाभार्थियों का सम्मेलन आयोजित किया और ऐसा देखा गया कि इन योजनाओं का लाभ उठाने वालों में लगभग 90 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं है, जो बेहद हर्ष का विषय है। उज्ज्वला योजना, राज्य सरकार द्वारा फ्री सलेंडर रीफिल योजना, आवास योजना, किसान निधि और जनधन, सड़क निर्माण जैसी योजनाओं का लाभ भी प्रदेश की जनता तक पहुंच रहा है।

पिछले पांच सालों में भाजपा विकासपरक सरकार देने में कामयाब रही है, राज्य सरकार की उपलिब्धयों को आप कैसे देखते हैं ?

पिछले पांच सालों के दौरान भाजपा सरकार नक्सल समस्या पर बहुत हद तक लगाम लगाने में सफल रही है। देखा जाए तो इस दौरान नक्सलवाद की कुल चार या पांच बड़ी घटनाएं हुई हैं। तो नक्सलवाद पर लगाम का आम मतदाता पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार 38 लाख किसानों को सालाना 31 हजार रुपये की सहायता राशि दे रही है, 28 लाख किसानों को नि:शुल्क मोबाइल मिले है, महिलाओं के नाम पर 50 लाख तक की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री मात्र एक रुपए में की जा रही है, राज्य में पहली बार अनुसूचित जाति विकास निगम का गठन किया गया, आदिवासी गांवों में आदिवासी विकास समिति के माध्यम से 5 लाख तक के कार्य करने का अधिकार इन समितियों को दिया गया। यह कुछ ऐसी योजनाएं हैं जो राज्य में विकास को एक नया आयाम दे रही हैं और इनका लाभ सीधे जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहा है।