रक्षा अधिग्रहण परिषद् ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के लिए 70,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को दी मंजूरी

| Published on:

भारतीय नौसेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-समुद्री से संबंधित 56,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खरीद को मंजूरी दी गई, इसमें 99 फीसदी भारतीय उद्योगों से प्राप्त किया जाना है

क्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 16 मार्च, 2023 को रक्षा अधिग्रहण परिषद् (डीएसी) की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में खरीदें- भारतीय आईडीडीएम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) के तहत 70,500 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी अधिग्रहण के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी प्रदान की है। इन कुल प्रस्तावों में से भारतीय नौसेना के लिए 56,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव हैं। इनमें बड़े पैमाने पर स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणाली, यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-मैरीटाइम आदि शामिल हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की यह अतिरिक्त खरीद समुद्री हमले की क्षमताओं और एंटी-सरफेस वारफेयर ऑपरेशन को आगे बढ़ाएगी। वहीं, अतिरिक्त यूटीलिटी हेलीकाप्टर खोज व बचाव कार्यों, घायलों को बाहर निकालने, मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) आदि के क्षेत्र में भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता में बढ़ोतरी करेगा। इसी तरह, शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली दुश्मनों के किसी भी ऑपरेशनों से निपटने में नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोतों को सक्षम और आधुनिक बनाएगी।
मेक-I श्रेणी के तहत मध्यम गति समुद्री डीजल इंजन के लिए एओएन की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि पहली बार भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और उद्योगों की क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए स्वदेशी रूप से ऐसे इंजनों के विकास और निर्माण का उद्यम कर रहा है।

केंद्र सरकार ने उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ समन्वय रखने और पश्चिमी व उत्तरी मोर्चे पर दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए नए हथियारों की जरूरत और वितरण मंचों के साथ इसके एकीकरण की जरूरत महसूस की। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए डीएसी ने लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन (एलआरएसओडब्ल्यू), जिसे एसयू-30 एमकेआई विमान पर स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और एकीकृत किया जाएगा, के लिए भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

आज के प्रस्तावों सहित वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजीगत अधिग्रहण के लिए स्वीकृत कुल एओएन 2.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के हैं, जिसमें से 99 फीसदी खरीद भारतीय उद्योगों से की जाएगी। इतनी बड़ी मात्रा में स्वदेशी खरीद भारतीय उद्योगों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगी।