विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी

| Published on:

अमित शाह

केन्द्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री

विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी। मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा। संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ और आज के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए।
इस मानसून सत्र से देशवासियों की ढ़ेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं। देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब व वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। कल सर्वदलीय बैठक और आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी प्रधानमंत्रीजी ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को स्वयं आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्रीजी द्वारा केंद्रीय मंत्रिपरिषद् का विस्तार किया गया जिसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो मोदी जी द्वारा महिलाओं और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं। ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या ख़ुशी मिलती है? अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और ना ही आश्चर्यजनक। कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र एवं विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है इसलिए वो संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर सम्भव कोशिश कर रही है।

आज जब प्रधानमंत्री जी लोकसभा और राज्यसभा में अपने नये मंत्रिपरिषद् का परिचय कराने के लिए उठे, जो संसद की एक पुरानी व समृद्ध परंपरा है, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों के वेल में आकर सदन की कार्यवाही की बाधित किया। क्या वो हमारे लोकतंत्र के मंदिर और उसकी गरिमा का ऐसे ही सामान करते हैं? यही व्यवहार उन्होंने तब भी जारी रखा जब सूचना एवं प्रसारण मंत्री इस मुद्दे पर बोलने के लिए आये।

इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं- इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान…आप क्रोनोलोजी समझिये!

यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालों की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है। कुछ विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं। ये अवरोधक भारत के वो राजनीतिक षड्यंत्रकारी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति कर आत्मनिर्भर बने। भारत की जनता इस क्रोनोलोजी और रिश्ते को बहुत अच्छे से समझती है।

मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है – ‘राष्ट्रीय कल्याण’ और हम इसकी सिद्धि के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे चाहे कितनी भी बाधाएं आयें।