उत्तर प्रदेश में ‘माफिया राज’ का अंत : प्रधानमंत्री मोदीजी का सुझाव उपयोगी साबित हुआ

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मोदी स्टोरी                                                              — योगी आदित्यनाथ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अपराध और अपराधियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति तभी से स्पष्ट हो गयी थी, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अब भारत के प्रधानमंत्री के रूप में वह इसी नीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

उनकी शून्य-सहिष्णुता की नीति का ऐसा ही एक उदाहरण उत्तर प्रदेश से आता है जो 2017 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले व्यापक रूप से फैले माफिया राज के लिए बदनाम था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बताते हैं कि कैसे श्री मोदी के सुझाव ने उन्हें माफिया राज के खतरे को रोकने में मदद की।

योगी आदित्यनाथ को मार्च, 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उत्तर प्रदेश में उनकी सबसे बड़ी चुनौती माफिया राज, महिलाओं की सुरक्षा और निरंतर अंतराल पर होने वाले दंगे थे, जो राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए दुःस्वप्न थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बैठक में उन्होंने इन समस्याओं पर प्रधानमंत्रीजी के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उनसे राज्य की दैनिक कार्यप्रणाली के बारे में पूछा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की स्थिति पर गंभीरता से विचार करने के बाद सुझाव दिया कि पुलिस द्वारा ‘फुट पेट्रोलिंग’ आम लोगों के बीच सरकार और सिस्टम पर भरोसा बढ़ाने का एक माध्यम हो सकता है। लोग धीरे-धीरे व्यवस्था में विश्वास विकसित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब पुलिस की ‘फुट पेट्रोलिंग’ के दौरान पुलिस और जनता के बीच दोस्ताना संवाद शुरू होगा, तो माफियाओं के सामने सबसे पहली चुनौती सिस्टम का ही डर होगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह सुझाव उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ। ‘फुट पेट्रोलिंग’ से न केवल माफिया राज के खतरे पर अंकुश लगा, बल्कि इसने पुलिस और आम आदमी के बीच एक सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित किया।

मुख्यमंत्री योगी कहते हैं, “मैंने उत्तर प्रदेश में ‘फुट पेट्रोलिंग’ लागू की। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर एक सिपाही तक, सभी ने ‘फुट पेट्रोलिंग’ में भाग लिया और आम आदमी से दोस्ताना बातचीत की और उनसे पूछा कि क्या उन्हें कोई समस्या है। इसका परिणाम यह हुआ कि समय बीतने और इस अभ्यास के साथ उत्तर प्रदेश की कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ।”