भाजपा ने कैसे ओडिशा में पैठ बनाई

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अरुण सिंह

2014 के आम चुनावों में भाजपा को 21.5% मत प्रतिशत के साथ ओडिशा में केवल एक लोकसभा सीट से ही संतोष करना पड़ा। यहां तक कि राज्य में साथ ही हुए विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। इसलिए पार्टी ने तत्काल प्रभाव से ओडिशा में संगठन के पुनर्गठन की आवश्यकता को महसूस किया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने भी इस मिशन में रुचि ली और राज्य में भविष्य की रणनीति का खाका तैयार किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने स्वयं ओडिशा से पार्टी की सक्रिय सदस्यता लेकर इस प्रक्रिया को प्रारंभ किया।

संगठनात्मक बदलाव

पार्टी ने अपने रोडमैप का खुलासा करते हुए मंडल समितियों की संख्या 450 से बढ़ाकर 1001 करने का निर्णय लिया और हर मंडल में चुनाव करवाए। इसी तरह हमने जिला समितियों और बूथ समितियों का गठन किया। राज्य नेतृत्व का सर्वसम्मति से एक बात पर पूर्ण विश्वास था कि राज्य में बेहतर परिणामों के लिए सभी संसाधनों के साथ एक मजबूत संगठन बेहद आवश्यक है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अक्सर राज्य का दौरा किया और मिशन की शुरुआत से लेकर हर घटनाक्रम की बार-बार समीक्षा की।

इन प्रयासों को जारी रखते हुए हमनें बूथ समिति की सूची, मतदाता सूची, मोटरसाइकिल रखने वाले पूर्णकालीन कार्यकर्ताओं की सूची, पन्ना प्रमुख की सूची और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार करने में सफलता हासिल की। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी के पूर्णकालीन कार्यकर्ताओं ने पिछले तीन वर्षों में जमीनी स्तर पर दिन-रात काम किया है।

इस अवधि के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने लगातार हमारा मार्गदर्शन किया, हमारे लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया और समय-समय पर संगठन की हर गतिविधि की समीक्षा करते रहे। व्यक्तिगत रूप से उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं और बूथ समिति के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने ओडिशा में “मेरा बूथ सबसे मजबूत” अभियान की शुरुआत की। इस दौरान श्री शाह ने विभिन्न घरों का दौरा किया और स्वयं दीवार पर पोस्टर भी लगाए। उन्होंने विभिन्न जिलों में दलित और गरीब परिवारों के घर जाकर उनके साथ बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।

इन सभी प्रयासों में सफलता पाने के बाद पार्टी ने जनता से जुड़े मुद्दों और राज्य के समग्र विकास के लिए अपनी आवाज बुलंद करते हुए राज्य के हर जिले में आंदोलन किए, जिसमें बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को अपनी ताकत का ऐहसास हुआ और संगठनात्मक ताकत को बढ़ाने का मिशन पूरा हुआ।

मोदी सरकार का विकास मंत्र

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी कई बार ओडिशा का दौरा किया और भारी बजटीय आवंटन के साथ उचित कार्यान्वयन द्वारा लोगों की दीर्घकालिक चिंताओं का समाधान तलाशने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने राज्य के बरगढ़ से फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया। जब मोदी सरकार ने केंद्र में तीन साल पूरे किए, तो प्रधानमंत्री ने बालासोर में लोगों के साथ इस अवसर को मनाया और राज्य के पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों का दौरा किया ताकि आदिवासी भाइयों और बहनों को विश्वास हो सके कि सरकार उनके साथ है और उनके विकास के लिए प्रतिबंध हैं।

मोदी सरकार में गरीबों को केंद्र में रखकर विभिन्न योजनाओं का सफल कार्यान्वयन किया गया जैसे उज्ज्वला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना, स्वछता मिशन के तहत स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित करना, आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना, 2022 तक सभी को आवास प्रदान करना, देश के अंतिम गांव तक बिजली प्रदान करना, ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क को तैयार करना, जन धन योजना के तहत बैंक खाते खुलवाना शामिल है, इन योजनाओं ने ओडिशा के लोगों को आश्वस्त किया कि भाजपा राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे टीकाकरण योजना, मुद्रा योजना, बैंक खातें, उज्ज्वला योजना, फासल बीमा, नीम कोटेड यूरिया और विशेष रूप से गरीबों, किसानों एवं महिलाओं को ध्यान में रखकर जो कार्य किए गए उससे बहुत से लोगों को लाभ मिला और ये लोग भाजपा के समर्थन में एक जुट हुए और पार्टी के लिए एक बड़ा समर्थन आधार तैयार हुआ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की लोकप्रियता, प्रदर्शन, करिश्मा और विकास के लिए उनके समर्पित कार्यों ने आखिरकार राज्य के लोगों को आश्वस्त किया और उनके दिलों पर जीत हासिल की। इन सभी संगठनात्मक मजबूती और जमीनी स्तर पर विकास कार्यों ने ओडिशा में पार्टी के सफल प्रदर्शन के लिए जमीन तैयार की।

अंतत:, कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और यह लोकसभा चुनावों में परिलक्षित हुआ, जिसमें भाजपा को सफलता मिली। पार्टी का मत प्रतिशत 21.5% से बढ़कर 38.5% जा पहुंचा और पार्टी ने राज्य में आठ लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की।

भविष्य की रणनीति

पार्टी ने ओडिशा विधानसभा चुनावों के लिए 120+ का लक्ष्य निर्धारित किया, लेकिन हम लोकसभा चुनावों के साथ हुए विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। हालांकि वोट प्रतिशत की बात करें तो हमारा प्रदर्शन ज्यादा बुरा नहीं था, फिर भी हम केवल 23 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित कर पाए। हालांकि, पार्टी ओडिशा विधानसभा के लिए अपने 120+ मिशन को नहीं छोड़ेगी, और एक बार फिर हमने काम शुरू कर दिया है। इसके तहत हमारे सभी विधायक, सांसद और नेता अगली बार इस लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।

दूसरी बात, बीजेपी का वोट शेयर बीजेडी से सिर्फ 3.5% ही कम रहा। हम पार्टी मशीनरी को मजबूत करने के साथ ही राज्य में अंतिम व्यक्ति तक अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कर अगले चुनावों में अपना लक्ष्य हासिल करने का पूरा प्रयास करेंगे।

राज्य में अच्छे प्रदर्शन के लिए हाल ही में श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री प्रताप चंद्र सारंगी जैसे दो सक्षम नेताओं को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नए मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शामिल किया है। यह राज्य में पार्टी को और मजबूत करेगा।

ओडिशा के लगभग एक करोड़ लोगों ने इस बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर अपना विश्वास प्रकट किया है और इसलिए भाजपा के आठ सांसदों को लोकसभा में भेजा है। यह विश्वास ही हमारी ताकत है। हम 120 प्लस मिशन तक पहुंचने और ओडिशा में सरकार बनाने के लिए आने वाले दिनों में कड़ी मेहनत करेंगे।

(भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री अरुण सिंह से कमल संदेश के एसोसिएट एडिटर राम प्रसाद त्रिपाठी की बातचीत पर आधारित)