‘साइबर सुरक्षा के बिना भारत के विकास की कल्पना करना संभव नहीं’

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त 20 जून को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन (साइबर अपराध से आज़ादी– आज़ादी का अमृत महोत्सव) को संबोधित किया।

श्री शाह ने कहा कि आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना भारत के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इनीशिएटिव से ही आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। अगर हम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो हमारी यही ताक़त हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2017 में गृह मंत्रालय में साइबर और सूचना सुरक्षा (सीआईएस) प्रभाग बनाया गया और वहां से साइबर सुरक्षा की दिशा में बहुत सारे कदम उठाए गए।

श्री शाह ने कहा कि I4C और सीआईएस डिवीजन के तहत सात स्तंभों में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए काम चल रहा है— राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला।

उन्होंने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए भी I4Cने काफ़ी काम किया है। CyTrain पोर्टल के ज़रिए देशभर के पुलिसबलों के 16,000 से ज्यादा अफ़सरों का इस पोर्टल पर प्रशिक्षण हो चुका है और 6,000 लोगों को सर्टिफिकेट भी दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ साइबर अपराध फॉरेंसिक जांच में भी राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला के साथ-साथ नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में भी अनुसंधान का काम चल रहा है।

श्री शाह ने कहा कि देश और दुनिया में कहीं पर भी साइबर फ्रॉड या साइबर अटैक का नए प्रकार का हमला होता है तो नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी इसका संज्ञान लेकर और इस पर शोध कर इससे बचाव और सुरक्षा की प्रणाली विकसित करने के लिए काम कर रही है।