विपुल शर्मा की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने प्रेरणादायक और अनुकरणीय विचारों के लिए जाने जाते हैं और यही बात उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग बनाती है। श्री मोदी ने पिछले 21 वर्षों में विभिन्न संवैधानिक पदों पर कार्य किया है और इन वर्षों के दौरान उन्होंने कई नई परंपराओं की शुरुआत की है। ऐसी ही एक परंपरा है सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली पर समय बिताने की और अपनी इसी परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी प्रधानमंत्री श्री मोदी 24 अक्टूबर को कारगिल पहुंचे और जवानों के साथ पूरे उत्साह से दिवाली मनायी।
2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से प्रधानमंत्री उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अग्रिम इलाकों में सैनिकों के साथ दिवाली मनाते आये हैं।
प्रधानमंत्री सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दीपावली उसी भावना से मनाते हैं जैसे हम और आप अपने प्रियजनों के साथ मनाते हैं। वह जवानों को मिठाई और अन्य उपहार देते हैं। प्रधानमंत्री हर साल सैनिकों के साथ यह त्योहार मनाते हैं, ताकि अपने परिवारों से दूर कुछ दूरस्थ सुरक्षा चौकियों पर तैनात इन जवानों के साथ खुशी के कुछ पल साझा किये जा सकें।
इस अवसर पर वीर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल की धरती के प्रति श्रद्धा उन्हें हमेशा सशस्त्र बलों के वीर पुत्र-पुत्रियों की ओर खींचती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्षों से, आप मेरे परिवार का एक हिस्सा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जवानों की उपस्थिति में दिवाली की मिठास बढ़ जाती है और उनके बीच मौजूद दिवाली की रोशनी उनके हौसले को बुलंद करती है।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बाहरी और आंतरिक दोनों दुश्मनों के खिलाफ संघर्ष में भारत की सफलता आपके साहस का परिणाम है। आप सरहद पर कवच बनकर खड़े हैं जबकि देश के भीतर दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करते हैं। श्री मोदी ने कहा कि देश ने आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने का सफल प्रयास किया है। कभी देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाले नक्सलवाद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका दायरा लगातार सिमट रहा है।
आधुनिक युद्ध में प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य के युद्धों का स्वरूप बदलने वाला है और इस नए युग में राष्ट्रीय रक्षा की आवश्यकताओं के अनुसार हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और बदलते परिवेश के अनुरूप तैयार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है, भारत और इसकी विकास क्षमता पर है। श्री मोदी ने कहा कि ‘आजादी का अमृत काल’ भारत की इस सामर्थ्य का, ताकत का साक्षात साक्षी बनने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसमें आपकी भूमिका बहुत बड़ी है क्योंकि आप भारत के गौरव हैं।” उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को समर्पित एक कविता पढ़कर अपने संबोधन का समापन किया।
अपनी परंपरा को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले साल नवंबर 2021 में जम्मू के नौशेरा सेक्टर में सैनिकों के साथ दिवाली मनायी। इस दौरान उन्होंने राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर नौशेरा में ड्यूटी के दौरान वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी।
2020 में उन्होंने राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला में सैनिकों के साथ दिवाली पर समय बिताया। “दिवाली एक त्योहार है जिसे हम परिवार के साथ मनाते हैं, और जिन्हें हम अपना कहते हैं… इसलिए हर साल मैं आप सभी के साथ समय बिताता हूं क्योंकि आप सभी मेरा अपना परिवार हैं। मैं आज आप सभी के लिए मिठाई लेकर आया हूं। लेकिन ये सिर्फ मेरी ओर से नहीं है, बल्कि यह सभी 130 करोड़ भारतीयों की ओर से है।”
इसी तरह, 2019 में जिस वर्ष प्रधानमंत्री श्री मोदी दूसरी बार आम चुनावों में विजयी हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात सैनिकों के साथ इस त्योहार को मनाया। 2018 में वह आईटीबीपी जवानों के साथ समय बिताने के लिए उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर से लौटते समय हरसिल स्टेशन पर रुके और वहां मौजूद जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दी।
2017 में प्रधानमंत्री ने नियंत्रण रेखा के साथ उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर का दौरा किया, जहां उन्होंने लगभग दो घंटे अग्रिम इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ समय बिताया। 2016 में उन्होंने चीनी सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के एक दूरस्थ और रणनीतिक क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों के जवानों के साथ इस त्योहार को मनाया।
इसी तरह साल 2015 में 1965 के भारत-पाक युद्ध से जुड़े पंजाब के सैन्य प्रतिष्ठान का दौरा किया, जहां श्री मोदी ने उन सैनिकों की ‘वीरता और चरित्र’ की प्रशंसा की।
2014 में प्रधानमंत्री दिवाली के अवसर पर सियाचिन में तैनात सैनिकों के बीच पहुंचे और उनके मनोबल को बढ़ाया। गौरतलब है कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा और दुर्गम युद्धक्षेत्र है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जवानों की वीरता और साहस की तारीफ की।
एक तरफ देश की संप्रभु सीमा हैं, और दूसरी ओर समर्पित सिपाही, एक ओर मातृभूमि की ममतामयी मिट्टी है तो दूसरी ओर वीर जवान। मैं कहीं और इस तरह की दिवाली की उम्मीद नहीं कर सकता था।
– नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जवानों के साथ मनाई दिवाली
2021
प्रधानमंत्री ने जम्मू के नौशेरा सेक्टर में सैनिकों के साथ दिवाली मनायी
2020
प्रधानमंत्री ने राजस्थान के जैसलमेर के लोंगेवाला में सैनिकों के साथ दिवाली पर समय बिताया
2019
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में तैनात सैनिकों के साथ इस त्योहार को मनाया
2018
प्रधानमंत्री आईटीबीपी जवानों के साथ समय बिताने हरसिल स्टेशन पहुंचे और वहां मौजूद जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दी
2017
प्रधानमंत्री ने नियंत्रण रेखा के साथ उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर का दौरा किया
2016
प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के एक दूरस्थ और रणनीतिक क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों के जवानों के बीच पहुंचे
2015
प्रधानमंत्री ने पंजाब में 1965 के भारत-पाक युद्ध से जुड़े सैन्य प्रतिष्ठान का दौरा किया
2014
प्रधानमंत्री दिवाली के अवसर पर सियाचिन में तैनात सैनिकों के बीच पहुंचे, जो दुनिया का सबसे ऊंचा और दुर्गम युद्धक्षेत्र है