झारखंड को योजनाओं का लांचिंग पैड बनानेवाले कर्मयोगी

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भारतीय राजनीति के देदीप्यमान नक्षत्र श्री नरेन्द्र मोदी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के शलाका पुरुष हैं। उनके राष्ट्रवाद की अवधारणा में स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की सूक्तियों, उक्तियों से लेकर लाल-बाल-पाल (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और विपिन चंद्र पाल) के सिद्धांतों और गांधी-पटेल के विचारों के साथ-साथ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और श्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों, कार्यक्रमों का अद्भुत सम्मिश्रण है। यही कारण है कि ‘अहर्निशम् सेवामहे’ के संकल्प के साथ माँ भारती की आराधना में तल्लीन यह सेवक देश, समाज के पिछड़े क्षेत्रों वंचितों, दलितों, आदिवासियों के उत्थान के लिए सदैव नये कार्यक्रम तथा योजनाओं के साथ गतिशील रहता है। अपने राज्य को ही उदाहरणस्वरूप देख लीजिए। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदीजी करीब एक दर्जन बार (चुनावी दौरे को छोड़कर) झारखंड पधार चुके हैं और जब भी आएं हैं, इस राज्य के विकास के लिए नई योजनाओं की सौगात देकर गये हैं। कई राष्ट्रीय योजनाओं की लॉचिंग तो उन्होंने झारखंड से ही की है। यानी झारखंड को ही उन्होंने लॉचिंग पैड बनाया है।

दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर योजना तथा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का शुभारंभ 23 सितंबर, 2018 को रांची में ही कर्मयोगी श्री नरेन्द्र मोदी ने किया। हमारी भारतीय परंपरा की धरोहर योग को अंतरराष्ट्रीय फलक पर स्थापित कराने वाले मोदीजी ने 21 जून, 2019 को रांची के ही प्रभाततारा मैदान में योग दिवस के सफल आयोजन में उपस्थित होकर स्वस्थ शरीर से ही स्वस्थ मानसिकता का व्यावहारिक पाठ पढ़ाया। आज आयुष्मान भारत योजना से गरीबों और पिछड़े लोगों को कितना फायदा हो रहा है, इसका अनुमान लगाने लिए उन करोड़ों लोगो से संपर्क करना होगा जो असाध्य बीमारियों से जूझ रहे थे और जिनका जीवन इलाज के अभाव में दूभर हो गया था। इसी तरह योग ने भारतीय समाज की जीवन शैली में उल्लेखनीय परिवर्तन का संकेत दिया है। लोग योग के प्रति सहज भाव से उत्सुक दिखते हैं। 02 अक्टूबर 2015 को मोदीजी ने खूंटी कोर्ट परिसर में लगाये गये सोलर प्लांट का उदघाटन किया। सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला देश का पहला व्यवहार न्यायालय खूंटी ही बना। यह वैकल्पिक ऊर्जा के प्रति प्रधानमंत्रीजी की लगन और पहल का ही प्रतिफल था। उसी दिन प्रधानमंत्रीजी ने दुमका से मुद्रा योजना की झारखंड में औपचारिक शुरुआत की। आज इस महती योजना का लाभ उठाकर देशभर के हुनरमंद तथा परिश्रमी युवक-युवतियां स्वयं तो अपनी रोजी कमा ही रहे हैं, दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

साहेबगंज का मल्टी मॉडल पोर्ट अब ऐसा जल मार्ग बन गया है जो दुनिया को झारखंड से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। इस एतिहासिक पोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्रीजी ने अप्रैल 2017 में किया और 12 सितंबर 2019 को उदघाटन भी कर दिया। दरअसल मोदी जी के राज में योजनाएं समय से ही पूरी की जातीं हैं। केवल शिलाओं का पूजन ही नहीं होता है, सृजन का कार्य भी निर्धारित समय में पूरा किया जाता है। यही मोदी जी का ध्येय है और इसके लिए वह आवश्यक पाथेय की भी व्यवस्था करते हैं। जिस दिन साहेबगंज मल्टी मॉडल पोर्ट का उदघाटन हुआ, उसी दिन जनजातीय क्षेत्रों में खोले जा रहे एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल, किसान मानधन योजना और खुदरा व्यवसायिक एवं स्वरोजगार पेंशन योजना का श्रीगणेश भी हुआ। प्रधानमंत्रीजी ने 17 फरवरी 2019 को हजारीबाग में आयोजित कार्यक्रम में हजारीबाग, दुमका और पलामू में मेडिकल कॉलेजों का उदघाटन किया। साथ ही हजारीबाग, पलामू, दुमका तथा जमशेदपुर में 500 बेड वाले अस्पतालों की आधारशिला भी रखी। रामगढ़ तथा हजारीबाग में ग्रामीण जलापूर्ति की चार योजनाओं की आधारशीला भी रखी गयी। उसी दिन पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहला और देशभर के तीसरे महिला अभियंत्रण महाविद्यालय का उदघाटन भी हुआ। झारखंड विधानसभा के नये भव्य भवन का उद्‌घाटन 12 सितंबर 2019 को यशस्वी प्रधानमंत्रीजी के कर कमलों से संपन्न हुआ। पहले हमारी विधानसभा किराये के भवन मे चलती थी। 39 एकड़ में फैले हुए इस नये विधानसभा भवन की आभा आलौकिक है।

प्रधानमंत्रीजी का मानना और कहना है “क्रियासिद्धिः सत्त्वे भवति महतां नोपकरणे” यानी क्रिया की सिद्धि सत्व (संकल्प) से होती है, केवल उपकरणों से नहीं। इसलिए प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदीजी ने हर क्षेत्र में देश को परम वैभवशाली बनाने के लिए प्राण प्रण से काम किया। आलोचनाओं, बाधाओं से बेपरवाह “मा फलेषु कदाचन” को आत्मसात करते हुए माननीय प्रधानमंत्रीजी ने देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा से लेकर आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के नये प्रतिमान गढ़े हैं। जहां तक झारखंड की बात है, मोदीजी का इस राज्य के प्रति विशेष लगाव-जुड़ाव है। हो भी क्यों नहीं, झारखंड का गठन श्रद्धेय अटलजी ने किया है, जो इसे पुष्पित, पल्लवित और छतनार बनाने का दायित्व मोदीजी का तो है ही। इसलिए वह जब भी झारखंड आते हैं, कुछ देकर ही जाते हैं। वे केवल डपोरशंखी घोषणाएं नहीं करते हैं। मां भारती की अहर्निश सेवा में जुटे निष्काम कर्मयोगी, अथक परिश्रमी नरेन्द्र मोदी जी को उनके जन्मदिवस पर अशेष शुभकामनाएं। वे इसी सक्रियता, तन्मयता के साथ सुदीर्घ स्वस्थ जीवन जीते हुए हम सब के प्रेरणास्रोत तथा मार्गदर्शक बने रहें, यही बाबा बैद्यनाथ और मां पार्वती से प्रार्थना है।

– रघुवर दास
(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं।)