प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर, 2021 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाए जाने से जुड़े समारोह की अगुवाई की। प्रारंभ में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए वर्चुअल ढंग से रांची में बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया।
श्री मोदी ने जनजातीय विद्यार्थियों के लिए बेहतरीन शिक्षा का मजबूत परिसर बनाने के मिशन को जारी रखते हुए भोपाल से वर्चुअल ढंग से 7 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के 27 जिलों में 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के निर्माण की आधारशिला रखी। इस समारोह में गणमान्यजनों, राजनीतिक नेताओं और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले प्रति विद्यार्थी व्यय को लगभग 40,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये से भी अधिक कर दिया गया है, जिससे जनजातीय विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय पूरे भारत में भारतीय आदिवासियों (अनुसूचित जनजातियों) के लिए मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख कदमों में से एक है और इसकी शुरुआत दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा सुलभ कराने के लिए वर्ष 1997-98 में की गई थी। वित्त वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई थी कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय लोगों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। सरकार ने देश भर में 452 नए विद्यालय खोलने का फैसला किया है।
जनजातीय विद्यार्थियों की आदिवासी संस्कृति और भाषा की सराहना एवं सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव (भारत @75) के तहत जनजातीय विद्यार्थियों की शिक्षा में आवश्यक सहयोग देने के लिए लगभग 750 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने का संकल्प लिया गया है। इनमें से बड़ी संख्या में विद्यालय पहले ही खोले जा चुके हैं।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले प्रति विद्यार्थी व्यय को लगभग 40,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये से भी अधिक कर दिया गया है, जिससे जनजातीय विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावना को जीवंत या बरकरार रखते हुए जनजातीय विद्यार्थियों की क्षेत्रीय भाषा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय न केवल अकादमिक शिक्षा, बल्कि जनजातीय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर देते हुए जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण या बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से खोले जा रहे हैं। इन विद्यालयों में छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते हैं। प्रत्येक विद्यालय में 480 विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने की क्षमता है।
वर्तमान में देश भर में इस तरह के 367 विद्यालयों में शिक्षा प्रदान की जा रही है जो नवोदय विद्यालय जैसे ही हैं और जहां खेल एवं कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा स्थानीय कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष अत्याधुनिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इन विद्यालयों में भोजन एवं आवास नि:शुल्क होने के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है।