दुनिया को राह दिखाता नया भारत

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 अमित  शाह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने केंद्र में अपने आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवधि को मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं। नए भारत का अर्थ एक सशक्त, सक्षम, समर्थ और आत्मनिर्भरता की भावना युक्त भारत है। यह सुखद है कि पिछले आठ वर्षों में इस भारत की आधारशिला रखने का काम मोदी जी ने किया है। इस दौरान देश के समक्ष कोविड संकट सहित अनेक बाधाएं और चुनौतियां आईं, लेकिन मोदीजी के कुशल नेतृत्व में देश ने मजबूती से उनका सामना किया और नए भारत के निर्माण की यात्रा सतत जारी रही। कोविड महामारी ने पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाया और अभी भी तमाम देश उससे उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों के चलते यह महामारी हमारी अर्थव्यवस्था को अधिक प्रभावित नहीं कर पाई। जब दुनिया के बड़े-बड़े देश कोविड के समक्ष घुटने टेक चुके थे, तब मोदीजी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान करते हुए स्पष्ट किया कि यदि संकल्प दृढ़ हो तो आपदा को भी अवसर में बदला जा सकता है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा से जहां हताश हो रहे भारतीय जनमानस में आशा का संचार हुआ, वहीं इसके तहत घोषित बीस लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने का काम किया। सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि कोविड संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। भारत आज छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ में भारत 2015 में जहां 142वें स्थान पर था, वहीं अब 63वें स्थान पर है। भारत दुनिया का इन्वेस्ट डेस्टिनेशन बन गया है। मोदीजी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की राह पर चलता भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

भारत आज छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ में भारत 2015 में जहां 142वें स्थान पर था, वहीं अब 63वें स्थान पर है। भारत दुनिया का इन्वेस्ट डेस्टिनेशन बन गया है। मोदीजी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की राह पर चलता भारत विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है

जनधन योजना के माध्यम से करोड़ों गरीबों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें देश के अर्थतंत्र में शामिल करते हुए मोदी जी ने यह प्रकट किया कि उनकी सरकार समावेशी विकास के माडल को लेकर आगे बढ़ने वाली है। मोदी शासन का मूलमंत्र ‘सबका साथ-सबका विकास’ ही सर्वस्पर्शी एवं सर्वसमावेशी माडल को लेकर आगे बढ़ने वाला है। इसका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाते हुए उसके जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, मुद्रा, पीएम किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत, सौभाग्य, आवास, डीबीटी इत्यादि योजनाओं के माध्यम से मोदी सरकार ने गरीबों का न सिर्फ आर्थिक सशक्तीकरण किया, बल्कि उन्हें सम्मान से जीने का अवसर देने का सफल भी प्रयास किया है। योजनाएं पिछली सरकारों में भी बनती थीं, लेकिन उनके क्रियान्वयन की गति मोदी सरकार की विशेषता रही है। अब योजनाओं को किसी सीमा में बांधे बिना सभी के लिए बनाया जाता है। पिछले आठ वर्षों में स्वतंत्रता के बाद पहली बार गरीब और पिछड़े सरकार में हितधारक (स्टेकहोल्डर) बने और अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जुड़े।

मोदीजी के शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा को भी अभूतपूर्व मजबूती मिली है। आतंकवाद के प्रति यह सरकार जीरो टालरेंस का रवैया अपनाते हुए आगे बढ़ रही है। अब आतंकी हमलों पर कांग्रेस सरकारों की तरह केवल निंदा-भर्त्सना करके ही कर्तव्यों की इतिश्री नहीं की जाती, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक द्वारा आतंकियों को उनके घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। यह परिवर्तन देश के नेतृत्व की मजबूती के कारण ही संभव हुआ। कांग्रेस सरकारों के समय अक्सर ऐसा भी सुनने को मिलता था कि भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की कमी हो गई है, लेकिन अब सैन्य बलों को सभी अत्याधुनिक संसाधनों एवं उपकरणों से लैस रखने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

आज देश की वायु सीमा की रक्षा राफेल जैसा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान कर रहा है तो एस-400 जैसी सर्वश्रेष्ठ मिसाइल रक्षा प्रणाली देश का कवच बनकर तैनात हो चुकी है। रक्षा सामग्री के लिए विदेशी निर्भरता वाले भारत ने 2019 में 10 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया और 2025 तक इसका लक्ष्य 35 हजार करोड़ रुपये करने का है। यह सब इसीलिए संभव हुआ, क्योंकि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीति नहीं, राष्ट्रहित का विषय है। हमारी सरकार इससे कोई समझौता नहीं कर सकती।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर पर तो देश को सुदृढ़ किया ही है, विश्व पटल पर भारत के गौरव को बढ़ाने का भी काम किया है। जलवायु संकट पर दुनिया को राह दिखाना हो या कोविड के विरुद्ध भारत की लड़ाई को विश्व के लिए मिसाल बनाना हो, उन्होंने विश्व पटल पर भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। प्रधानमंत्री जब किसी भी देश या वैश्विक मंच पर जाते हैं, तो उनके वक्तव्यों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भरपूर उल्लेख होता है। इससे वह विश्व को भारत के प्रति एक नई दृष्टि देते हैं। अब भारत किसी महाशक्ति के सामने झुके बिना देशहित में अपना मत स्वतंत्रतापूर्वक रखता है। मोदीजी को संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के कई मंच और देश सम्मानित कर चुके हैं। यह भी विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का ही द्योतक है। पिछले आठ वर्षों में भारत की महान संस्कृति और परंपराओं को पुनर्स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से भारतीय संस्कृति को वैश्विक सम्मान भी मिला है। योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना इसका एक उदाहरण है।

यदि मोदीजी देशहित में बड़े और कड़े निर्णय लेते हैं तो इसका एक प्रमुख कारण उनके प्रति जनता का अपार विश्वास है। आज उनके नेतृत्व पर जनता का ऐसा विश्वास है कि लोग उनके निर्णयों को स्वयं आगे बढ़ाने में लग जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान हो, गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील हो, नोटबंदी का निर्णय हो या कोविड के दौरान लाकडाउन की घोषणा, इन सभी मामलों में मोदी जी के आह्वान पर जनता ने जिस तरह से सरकार का सहयोग किया वह उनके प्रति लोगों के विराट विश्वास को ही दर्शाता है। मोदी सरकार एक ऐसे समय अपने कार्यकाल के आठ वर्ष पूरी कर रही है, जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। ये आठ वर्ष अगले 25 वर्षों के लिए देश को आगे ले जाने की दशा-दिशा तैयार करने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन आठ वर्षों में नए भारत की जो मजबूत आधारशिला तैयार की है, उस पर विश्व का नेतृत्व करने वाला एक सक्षम, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत आकार लेगा।

                                    (लेखक केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री हैं)