जिस भव्यता के साथ ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम संपन्न हुआ, उसे अद्भुत एवं अकल्पनीय ही कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अप्रवासी भारतीयों द्वारा भारी संख्या में जबरदस्त उत्साह से किया गया स्वागत एवं अभिनंदन विश्व के रंगमंच पर उभरते एक नये भारत की दस्तक है। ‘मोदी–मोदी’ के नारों के बीच रोमांचपूर्ण वातावरण की धमक से वहां उपस्थित अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प भी अछूते नहीं रह सके। विश्व के दो महान लोकतंत्र के शीर्ष नेतृत्व एक ओर जहां अपने दायित्वों के प्रति सजगता का परिचय दे रहे थे, वहीं वे विश्व के शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य का आश्वासन भी दे रहे थे। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से स्टेडियम में उपस्थित 50,000 से भी अधिक लोग जोश एवं उत्साह से सराबोर थे। उन्हें लग रहा था कि उनके सपनों का भारत अब तैयार हो रहा है तथा श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं दूरदर्शी नेतृत्व में असंभव सा लगने वाला हर स्वप्न अब संभव हो सकता है। यह ऐसा अवसर था जिसने इतिहास के पन्नों में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया है। अब किसी को रत्ती भर भी संदेह नहीं कि एक आत्मविश्वास से परिपूर्ण, दृढ़ निश्चयी एवं सुदृढ़ भारत का उदय हो चुका है। भारत की धमक अब विश्व पटल पर सुनाई देने लगी है।
‘हाउडी मोदी’ की जबरदस्त सफलता वहां उपस्थित भारी संख्या एवं जोश एवं उत्साह से पैदा हुए रोमांच से केवल नहीं आंका जा सकता, बल्कि इस कार्यक्रम से निकले व्यापक संदेश से आंका जाएगा, जो देश–विदेश में गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा पूरे कार्यक्रम में भागीदारी करना तथा ‘अतिवादी इस्लामी आतंकवाद’ से लड़ाई जारी रखने की दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाने का स्वागत कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट से किया गया। उन्होंने सीमा विवाद का भी जिक्र किया जो भारत के दृष्टि से महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका पर हुए 9/11 आतंकी हमला तथा भारत पर हुए 26/11 आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई के भारत के संकल्प को दोहराया। धारा 370 एवं 35ए के निरस्तिकरण का उल्लेख जब श्री नरेन्द्र मोदी ने किया, तब बहुत देर तक तालियों की गड़गड़ाहट एवं नारों से उपस्थित जनसमूह ने भरपूर समर्थन प्रदर्शित किया तथा पूरे देश का हौसला बढ़ाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धारा 370 को ‘अलविदा’ कहने का मुख्य कारण जम्मू एवं कश्मीर की जनता को शेष भारत के समान अधिकार प्रदान करने का रहा है। विशाल जनसमूह जिसमें मुख्यत: अप्रवासी भारतीय थे, उन्होंने भारत के उन सांसदों का भी जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट से अभिनंदन किया जिन्होंने इस निर्णय को दो–तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित करने में अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने यह भी अपील किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई के प्रति उनके संकल्प का अभिनंदन किया जाय। फलस्वरूप भारी तालियों की गड़गड़ाहट से उपस्थित जनसमूह ने राष्ट्रपति ट्रम्प के इस संकल्प का स्वागत एवं समर्थन किया। पूरा वातावरण उत्साह एवं रोमांच से सराबोर था। हर अप्रवासी भारतीय के मन में अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम की भावना करवटें ले रही थीं, भारी जनसमूह भारत के स्वर्णिम भविष्य के लिए अपने व्यापक समर्थन को अभिव्यक्त कर रहा था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उपस्थित जनसमूह को भारत के स्वर्णिम भविष्य के लिए आश्वस्त किया। आज भारत सरकार के पास चुनौतियों को अवसर में बदलने की क्षमता है तथा संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा करने का दृढ़ संकल्प है। यह आश्वस्त करते हुए कि भारत में सब ठीक है, उन्होंने अनेक अभिनव योजनाओं एवं पहलों को निरंतर बजते तालियों के बीच सबके समक्ष रखा। भारत के प्रति अपनी दृष्टि को रखते हुए उन्होंने अपने प्रेरणादायी संबोधन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके प्रयासों में से एक प्रयास था आतंकवाद को विश्व के एजेंडे में लाना और आज वे इसमें पूरी तरह से सफल हुए हैं। पाकिस्तान विश्व में अलग–थलग पड़ चुका है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विश्व के दो महान लोकतंत्र, भारत एवं अमेरिका के कई विषयों पर साथ आने से विश्व में शांति, सौहार्द, सहयोग, समृद्धि एवं लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। ‘हाउडी मोदी’ ने भविष्य के लिए आशा एवं विश्वास का वातावरण तैयार किया है।
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