‘कारगिल में हमारे बहादुर जवानों ने देश के इतिहास में शौर्य गाथा का एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ा’

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 26 जुलाई, 2022 को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में भारतीय सेना के शौर्य, साहस, पराक्रम व राष्ट्र के प्रति समर्पण के प्रतीक कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इस अवसर उपस्थित गणमान्य अतिथियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में सेना के कई अधिकारी (रिटायर्ड), वीर चक्र और गैलेंट्री अवार्ड विजेता जवान (रिटायर्ड) एवं उनके परिजन उपस्थित थे। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कारगिल विजय के अनुभव भी साझा किये। साथ ही, कारगिल विजय के संबंध में एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद श्री अरुण सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मेजर जनरल (रिटायर्ड) श्री एम. श्रीवास्तव ने किया। ज्ञात हो कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में हर वर्ष 26 जुलाई को सेना के अभूतपूर्व शौर्य को सलाम करते हुए उनकी शहादत के सम्मान में ‘कारगिल विजय दिवस समारोह’ आयोजित किया जाता है और जवानों की वीरगाथा का स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाती है।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथियों को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अत्यंत ही गर्व का विषय है। यह देश के वीर जवानों के शौर्य, त्याग और बलिदान का दिवस है। आज के दिन हम अपने आप को समर्पित करते हैं उन वीर जवानों के सम्मान के प्रति जिन्होंने अपना सर्वस्व देश की रक्षा के लिए अर्पित कर दिया। कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में हमारे बहादुर जवानों ने देश के इतिहास में शौर्य की अमर गाथा का एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ा है। मैं नम आंखों से सभी शहीद अमर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं। वे लड़ते-लड़ते देश के लिए शहीद हो गए, लेकिन दुश्मनों के पांव से भारत माता की भूमि को पददलित नहीं होने दिया।

भारत के वीर जवानों जैसा देश के लिए मर
मिटने का जज्बा शायद ही दुनिया की किसी
और फ़ौज में है

उन्होंने कहा कि भारत की सेना का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों मजबूत है। हमारे जवान वीरता और कौशल, दोनों में दुनिया के मुकाबले कहीं आगे हैं। आत्मबल और साहस के मामले में हमारे जवानों का कोई सानी नहीं है। भारत के वीर जवानों जैसा देश के लिए मर मिटने का जज्बा शायद ही दुनिया की किसी और फ़ौज में है। इसलिए देश की रक्षा के लिए लड़ी गई हर लड़ाई में सदैव हमारी विजय, विजय और विजय ही होगी। उन्होंने कहा कि कारगिल की विजय गाथा को अमर बनाने वाले हमारे जवान सभी 135 करोड़ देशवासियों के दिल में बसते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि निर्णायक नेतृत्व का देश की सुरक्षा पर कितना व्यापक प्रभाव पड़ता है। सही मायनों में ‘Pride’ और ‘Proud’ को लीडरशिप से सोल्जर तक जोड़ने का प्रयास यदि किसी ने किया है तो श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीजी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। 2014 तक हमारी सेना तकनीक, एम्युनेशन, फाइटर प्लेन और इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में लगभग 20 वर्ष पीछे चल रही थी, क्योंकि कांग्रेस की यूपीए सरकार के 10 वर्षों में इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया। सेना के आधुनिकीकरण के लिए कांग्रेस की यूपीए सरकार ने कुछ भी नहीं किया। कांग्रेस की सरकार में एक रक्षा मंत्री तो भारत-चीन सीमा पर इसलिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नहीं बनाना चाहते थे, क्योंकि वे कहते थे कि यदि हमने सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया तो इससे चीन नाराज हो जाएगा। यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री कहते थे कि हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते इसलिए कोई भी रक्षा सौदा नहीं करेंगे। कांग्रेस की सरकार में ‘डिफेंस डील्स’ का दूसरा नाम ‘स्कैंडल एंड स्कैम्स’ बन गया था। कांग्रेस की सरकार में हर रक्षा सौदे में स्कैम और स्कैंडल की एक अलग ही कहानी है।

उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने सेना के तीनों अंगों का आधुनिकीकरण किया है, देश की सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में काफी काम हुआ है। आज हमारे पास राफेल का बेड़ा है, मारक अपाचे है, चिनूक है, सर्फेस टू एयर मिसाइल है, होवित्जर है, वज्र आर्टिलरी गन है और बुलेट प्रूफ जैकेट्स का तो हम अब निर्यात करने लगे हैं। मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम का निर्माण हो रहा है। हमारी सरकार में सीमा पर अब तक हजारों मीटर रोड और ऑल वेदर डबल लेन ब्रिज बन चुके हैं। सीमा पर सड़क, स्ट्रेटजिक ब्रिज और कम्युनिकेशन इन्फ्रा पर तेज गति से काम हो रहा है। सीमावर्ती राज्यों में रेल लाइन और रोपवे का भी विस्तार किया जा रहा है।

मैं अपनी सरकार की ओर से देश के हर जवान
को आश्वस्त करते हुए कहना चाहता हूं कि
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदैव आपके
साथ चट्टान की तरह खड़े हैं

उन्होंने कहा कि निर्णायक नेतृत्व का क्या असर होता है, इसका एक और उदाहरण मैं आपके सामने रखता हूं। मेरे कई रिश्तेदार आर्मी में हैं। मुझे पता है और आप भी भलीभांति जानते हैं कि पहले बॉर्डर पर दुश्मनों के हमले के बावजूद एक गोली चलाने हेतु परमिशन के लिए भी कितना इंतजार करना पड़ता था। जब दिल्ली तक बात पहुंचती भी थी तो केंद्र सरकार की ओर से ‘Wait and Watch’ की सलाह दी जाती थी। आप समझ सकते हैं कि उस वक्त बॉर्डर पर देश की सीमा पर खड़े जवानों की क्या मनोदशा होती होगी, जब उन्हें कुछ न करने के लिए बोला जाता होगा। आज जब केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब सेना को खुली छूट है स्थिति का आकलन कर निर्णय लेने के लिए। अब उन्हें दिल्ली से परमिशन की कोई जरूरत नहीं है। आज सेना पहले कार्रवाई करती है और दिल्ली को कार्रवाई की रिपोर्ट देती है। यह होता है नेतृत्व के बदलने का असर।

श्री नड्डा ने एक और ऐतिहासिक घटना को उद्धृत करते हुए निर्णायक नेतृत्व के प्रभाव को उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ युद्ध विराम की भीख मांगने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के पास गए थे, तो बिल क्लिंटन ने वार्ता के लिए हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीजी को बुलाया था लेकिन तब हमारे प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयीजी ने अमेरिका जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हमारे जवान मोर्चे पर लड़ रहे हैं। जब तक हमारी सीमा दुश्मनों के चंगुल से मुक्त नहीं हो जाती, मैं देश छोड़कर नहीं जा सकता। यह होती है निर्णायक नेतृत्व की विशेषता। जब केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो आतंकी गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाया गया।

उन्होंने कहा कि उरी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के ठीक बाद केरल में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक थी। इस बैठक के दौरान कालीकट में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत दुश्मन की इस गलती पर चुप नहीं बैठेगा। कुछ ही दिन में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया और पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया गया। विपक्ष ने तब सेना के शौर्य पर सवाल उठाये थे। उनसे उनकी वीरता का सर्टिफिकेट मांगा था, लेकिन देश की जनता को पता था कि इतिहास रचा जा चुका है। पुलवामा में जब फिर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने कायराना हरकत की तो हमारे प्रधानमंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी है, इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कुछ ही दिनों में हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक किया और आतंकवादियों के हौसले पस्त कर दिए, लेकिन विपक्ष ने एक बार फिर हमारे जवानों की वीरता पर सवाल उठाये।

नेशनल वॉर मेमोरियल का जिक्र करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल का कांसेप्ट आया था। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2006 में इस पर एक कमिटी बनाई थी, लेकिन 8 साल तक कांग्रेस की यूपीए सरकार इसकी डिजाइन तक नहीं बना पाई। 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने तो इस पर तेज गति से काम शुरू हुआ। डिजाइन बना, बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया और 2019 में यह बनकर तैयार हो गया। यह होता है कमिटमेंट।

श्री नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हर एक कार्यकर्ता के लिए सदैव ‘राष्ट्र प्रथम’ होता है। मैं अपनी सरकार की ओर से देश के हर जवान को आश्वस्त करते हुए कहना चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदैव आपके साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। वे अपनी हर दिवाली सीमा पर देश के जवानों के साथ मनाते हैं। हम जानते हैं कि हम सभी भारतवासी ख़ुशी से अपने अपने घरों में दिवाली इसलिए मना पाते हैं क्योंकि हमारे जवान हर दिन चौबीसों घंटे देश की सीमा की सुरक्षा में लगे रहते हैं। मैं अपनी ओर से और पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से एक बार पुनः कारगिल के सभी योद्धाओं को नमन करता हूं और अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले अमर सेनानियों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।