प्रधानमंत्री ने हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को दिखाई हरी झंडी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मोदी ने जोका-एस्प्लेनेड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने बोन्ची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना, निमतिता-न्यू फरक्का दोहरी लाइन और अंबारी फलाकाटा-न्यू मयनागुरी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना सहित चार रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह बंगाल की भूमि को नमन करने का दिन है, क्योंकि बंगाल के हर हिस्से में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस धरती से वंदे मातरम् का जयघोष हुआ, वहां से ही वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।

‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड सेनीटेशन’ राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को ‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड सेनीटेशन’ का उद्घाटन किया, जिसे लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से जोका, डायमंड हार्बर रोड, कोलकाता में विकसित किया गया है। यह संस्थान देश में जल, सफाई और स्वच्छता (वॉश) पर प्रमुख निकाय के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के लिये सूचना व जानकारी का केंद्र-स्थल बनेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव के समारोह के दौरान 475 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का संकल्प लिया था और आज हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होने वाली यह ट्रेन उनमें से ही एक है।

आधुनिक रेलवे बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश

श्री मोदी ने भारतीय रेलवे के सुधारों और विकास को देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार आधुनिक रेलवे बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के कायाकल्प के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। श्री मोदी ने इस आधुनिकीकरण के उदाहरणों के रूप में वंदे भारत, तेजस, हम सफर और विस्टाडोम कोच जैसी आधुनिक ट्रेनों और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और विद्युतीकरण को सूचीबद्ध किया।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पिछले 8 वर्षों में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है और आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे आधुनिकीकरण की एक नई यात्रा की शुरुआत करेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले 70 वर्षों में जहां केवल 20 हजार रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था, वहीं 2014 से अब तक 32 हजार रूट किलोमीटर से अधिक मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

श्री मोदी ने कहा कि मेट्रो रेल प्रणाली भारत की गति और पैमाने का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मेट्रो नेटवर्क 2014 से पहले 250 किलोमीटर से भी कम था और उसकी दिल्ली-एनसीआर में ही सबसे अधिक हिस्सेदारी थी। पिछले 7-8 वर्षों में मेट्रो का 2 दर्जन से अधिक शहरों में विस्तार हो चुका है। आज देश के विभिन्न शहरों में लगभग 800 किलोमीटर लंबे मेट्रो ट्रैक पर मेट्रो दौड़ रही है। 1000 किलोमीटर से ज्यादा मेट्रो मार्गों पर काम चल रहा है।