प्रधानमंत्री मोदीजी की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा : ऐतिहासिक और अत्यधिक सफल

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प्रधानमंत्री की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया यात्रा

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हाल की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा इस बात का एक ठोस उदाहरण है कि पिछले 9 वर्षों में भारत के प्रति दुनिया का दृष्टिकोण और भारतीय मूल्यों, शासन व्यवस्था और प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व के प्रति सम्मान कैसे बढ़ा है। यह बात केंद्रीय मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने 24 मई, 2023 को भाजपा मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस वार्ता के प्रमुख बिंदु :

गर्मजोशी, प्रशंसा और सम्मान के क्षण

•• यह यात्रा ऐसे उदाहरणों से भरपूर है, जो वैश्विक नेताओं के बीच भारत के लिए अपार सम्मान और सद्भावना का उदाहरण देती है।
•• उस पल की विशिष्टता की कल्पना करें जब राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदीजी से ऑटोग्राफ मांगा, जब उन्होंने उनसे शिकायत की कि जब वे अमेरिका आते हैं तो रात्रिभोज में शामिल होने के लिए अनुरोधों की बाढ़ आ जाती है।
•• पीएनजी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे द्वारा हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदीजी के विशिष्ट सम्मान के महत्व की कल्पना करें।
•• प्रधानमंत्री अल्बनीज द्वारा प्रधानमंत्री मोदीजी को ‘द बॉस’ कहने और सिडनी ओपेरा हाउस को तिरंगे में रोशन करने के महत्व की कल्पना करें।
•• कल्पना कीजिए कि न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस ने प्रधानमंत्री मोदीजी से विशेष रूप से मिलने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाकर किस सद्भावना का प्रदर्शन किया।
•• ये ऐसे क्षण नहीं हैं जिन्हें इतिहास में अक्सर देखा जाता है। ये दुर्लभ घटनाएं हैं जो दूसरों की मदद करने के लिए किए गए कठिन परिश्रम और प्रयासों का परिणाम हैं।
•• ऐसा भी हो सकता है कि ये सभी देश हर बात पर एक-दूसरे से या भारत से सहमत न हों।
•• लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदीजी के महत्व की बात आती है तो इन सभी में एक आम सहमति दिखती है।

भारतीय संस्कृति, मूल्यों और लोकाचार को बढ़ावा

•• इस यात्रा के दौरान जो एक प्रमुख बात सामने आयी, वह यह थी कि प्रधानमंत्री मोदीजी ने भारतीय संस्कृति, मूल्यों और लोकाचार को साझा करने के लिए वैश्विक मंचों का कितना प्रभावी ढंग से उपयोग किया है।
•• महात्मा गांधी के लिए हिरोशिमा से अधिक उपयुक्त स्थान कोई नहीं हो सकता है और वहां गांधी की प्रतिमा का अनावरण करके प्रधानमंत्री मोदीजी ने यह सुनिश्चित किया है कि गांधीजी का अहिंसा का संदेश हिरोशिमा जाने वाले हर व्यक्ति तक पहुंचें। यह उन कई गांधी प्रतिमाओं में से एक है, जिनका उद्घाटन वैश्विक पटल पर प्रधानमंत्री मोदीजी ने किया है।
•• पापुआ न्यू गिनी के युवाओं को भारतीय मूल्यों और संस्कृति से जोड़ने के लिए टोक पिसिन भाषा में तमिल क्लासिक ‘थिरुक्कुरल’ का शुभारंभ।
•• जी-7 और एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में पुनर्नवीनीकरण वस्त्र पहनना, प्रधानमंत्रीजी के जी-20 में दिये गये मिशन लाइफ के संदेश का प्रतीक है।
•• एफआईपीआईसी नेताओं के लिए प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन में भारतीय व्यंजन और बाजरा आधारित वस्तुएं परोसी गयीं।
•• उनके उपहार, भारतीय संस्कृति और विशेष रूप से आदिवासी संस्कृति को विश्व नेताओं के बीच प्रचारित करने का एक प्रयास है।

भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण चर्चा

•• प्रधानमंत्री मोदीजी ने बातचीत के लिए उद्योग प्रमुखों से मुलाकात की और गोलमेज बैठक की। इस प्रकार प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया में सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाने के लिए अपने प्रयासों को मजबूती से आगे बढ़ाया।
•• उन्होंने वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, कलाकारों और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों से भी मुलाकात की। ऑस्ट्रेलिया में उनसे मिलने वालों में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता ब्रायन पॉल श्मिट भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदीजी मेरे जीवनकाल में भारत के सबसे सक्रिय नेताओं में से एक हैं। वह जिस व्यक्ति से भी मिलते है उससे पूर्ण दिलचस्पी से चर्चा करते है, चाहे वह संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति हो या पहली बार मिलने वाला कोई व्यक्ति हो। विश्व स्तरीय वैज्ञानिक कार्य करने की भारत की क्षमता बहुत अधिक हो गई है।”
•• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोफेसर टोबी वॉल्श ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे असाधारण लोकतंत्र है। यूपीआई इस बात का एक अद्भुत उदाहरण है कि भारत कैसे चीजों को स्वयं कर सकता है।

कूटनीति और भारतीय डायस्पोरा

• प्रधानमंत्री मोदीजी ने 3 समिट- क्वाड, एफआईपीआईसी और जी-7 में हिस्सा लिया।
• 40 से अधिक कार्यक्रमों के साथ प्रधानमंत्री के लिए यह एक व्यस्त यात्रा थी।
• प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलनों के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से 2 दर्जन से अधिक विश्व नेताओं के साथ बातचीत की।
• सिडनी में कम्युनिटी इवेंट में करीब 20 हजार लोग शामिल हुए। अन्य नेताओं के विपरीत जो दूसरों को दोष देते हैं या देश को बदनाम करते हैं, प्रधानमंत्री का भाषण पूरी तरह से भारतीय आख्यानों पर केंद्रित था।
• जापान हो या पीएनजी या ऑस्ट्रेलिया, अखबार के पहले पन्ने अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री मोदीजी से संबंधित खबरों से भरे हुए थे।

नई दिल्ली पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदीजी का भव्य स्वागत

      जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की सफल यात्रा के समापन के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का नई दिल्ली आगमन पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा, “जब भी मैं अपने देश की संस्कृति और परंपराओं के बारे में बोलता हूं, मैं विश्व नेताओं की आंखों में देख कर अपनी बात रखता हूं और इसे बड़े गर्व के साथ साझा करता हूं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस देश के लोगों ने केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी है।”

अपनी बैठकों के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्हें 40 से अधिक विश्व नेताओं के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि कैसे वे भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर उत्साहित थे। प्रधानमंत्री ने हिरोशिमा में शांति के प्रतीक के रूप में महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख भी किया। उन्होंने पापुआ न्यू गिनी की टोक पिसिन भाषा में ‘द थिरुक्कुरल’ के अनुदित संस्करण के विमोचन के बारे में भी बात की।

सिडनी में आयोजित सामुदायिक कार्यक्रम को याद करते हुए श्री मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन से दूर रहने के विपक्षी दलों के फैसले पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “कार्यक्रम को पूरी दुनिया में देखा गया। यह न केवल ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति के कारण विशेष था, बल्कि इस कार्यक्रम में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री और विपक्षी नेताओं की भागीदारी भी देखी गई। यह लोकतंत्र का शानदार प्रदर्शन था।”

विदेशों में कोविड टीके वितरित करने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इससे अनगिनत लोगों की जान बचाने में मदद मिली। उन्होंने कहा, “हमने ऐसा इसलिए किया क्योंकि हम बुद्ध और गांधी की भूमि से आते हैं। हम सद्भावना के प्रति समर्पित लोग हैं। दुनिया इसके लिए हमारा आभार व्यक्त कर रही है।”