प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के सिस्सू गांव में आयोजित ‘आभार समारोह’ में हुए शामिल

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के सिस्सू गांव में आयोजित ‘आभार समारोह’ में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वे एक कार्यकर्ता के रूप में यहां पर काम करने के लिए रोहतांग के लम्बे रास्ते से आया-जाया करते थे तथा सर्दियों में रोहतांग दर्रे के बंद होने के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों को देखते थे।

श्री मोदी ने उन दिनों श्री ठाकुर सेन नेगी के साथ हुई अपनी बातचीत को भी याद किया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी इन परेशानियों से पूरी तरह वाकिफ थे। इसलिए उन्होंने वर्ष 2000 में सुरंग के निर्माण की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 किलोमीटर सुरंग के माध्यम से लगभग 45-46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस सुरंग के परिवर्तनकारी प्रभाव से इस क्षेत्र के लोगों के जीवन में बदलाव आने वाला है। यह सुरंग लाहौल-स्पीति और पांगी के लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। इससे किसान, बागवानी और पशुपालन से जुड़े लोग, छात्र तथा व्यापारी भी लाभान्वित होंगे।

श्री मोदी ने कहा कि यह सुरंग इस क्षेत्र की कृषि उपज को बर्बाद होने से रोकेगी, क्योंकि इससे ये उपज तेजी से बाजारों तक पहुंच सकेंगी। इससे इस क्षेत्र के चन्द्रमुखी आलू को नये बाजार और नये खरीदार उपलब्ध होंगे। इस सुरंग से लाहौल-स्पीति में उगने वाले हर्बल औषधीय पौधों और मसालों की पहुंच और इस क्षेत्र की विश्वस्तर पर पहचान बनेगी। इसके अलावा यह सुरंग अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बाहर निकलने वाले परिवारों को जरूरतों को पूरा करेगी।

पर्यटन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र की जबर्दस्त पर्यटन संभावनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देवदर्शन और बुद्ध दर्शन के संगम के रूप में लाहौल-स्पीति में अब नया आयाम जुड़ने वाला है। अब स्पीति घाटी में स्थित ताबो मठ तक पहुंचने के लिए दुनियाभर के लोगों को आसानी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र न केवल पूर्वी एशिया के बल्कि दुनिया के अन्य देशों के बौद्धों के लिए भी एक बड़ा केन्द्र बन जाएगा। पर्यटन बढ़ने से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अटल सुरंग सरकार की इस प्रतिबद्धता का सूचक है कि विकास का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले लाहौल-स्पीति और ऐसे ही अनेक क्षेत्रों को उनके ही भरोसे छोड़ दिया जाता था, क्योंकि ये क्षेत्र कुछ लोगों की राजनीतिक इच्छाओं को पूरा नहीं करते थे। लेकिन अब देश नयी सोच के साथ काम कर रहा है और नीतियां अब वोटों की संख्या के आधार पर तैयार नहीं की जाती हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहता है कि कोई भी भारतीय पीछे न छूटे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति इस परिवर्तन का एक बड़ा उदाहरण है। यह इससे भी स्पष्ट है कि यह उन जिलों में से है, जहां हर घर पाइप से जल की व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है।

प्रधानमंत्री ने दलितों, आदिवासियों, पीड़ितों और वंचितों के लिए सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने ग्रामीण विद्युतीकरण, एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने, शौचालयों जैसी सुविधाओं का निर्माण, आयुष्मान भारत योजना के तहत कराने के लिए सरकार के प्रयासों को भी सूचीबद्ध किया। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ सतर्क रहें।

प्रधानमंत्री ने सोलंग में अभिनंदन कार्यक्रम में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के सोलंग घाटी में अभिनंदन कार्यक्रम में भाग लिया। इससे पहले उन्होंने रोहतांग स्थित दुनिया के सबसे लम्बे अटल सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया और हिमाचल प्रदेश के सिस्सू में आभार समारोह में भाग लिया।

साथ ही, प्रधानमंत्री ने हमीरपुर में 66 मेगावाट के धौलासिध जलविद्युत परियोजना के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे न केवल बिजली मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि देश में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण, विशेष रूप से ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, बिजली परियोजनाओं, रेल कनेक्टिविटी और वायु कनेक्टिविटी के सरकार के प्रयासों में हिमाचल प्रदेश एक महत्वपूर्ण हितधारक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कीरतपुर-कुल्लू-मनाली रोड कॉरिडोर, जीरकपुर-परवाणू-सोलन-कैथलीघाट रोड कॉरिडोर, नांगल बांध-तलवाड़ा रेल मार्ग, भानुपाली-बिलासपुर रेल मार्ग में काम तेज गति से चल रहा है और इन परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रयास जारी हैं, ताकि हिमाचल के लोगों के इन सेवाओं का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि सड़क, रेल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी भी लोगों के जीवन को आरामदायक बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।