प्रधानमंत्री मोदीजी गांधीजी के सपने को कर रहे साकार : जगत प्रकाश नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद गांधी के आदर्शों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी साकार करने में जुटे हैं। चाहे मेक इन इंडिया हो या स्वच्छ भारत अभियान, ये तमाम कार्य बापू के आदर्शों पर ही आधारित हैं। अब समय आ गया है कि जब उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। गत 2 अक्टू्बर को नजफगढ़ के खैरा गांव में आयोजित गांधी संकल्प यात्रा की शुरुआत पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बापू के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन पूरे साल चलेगा।

उन्होंने कहा कि जिन बातों व सिद्धांतों पर गांधीजी जीवनपर्यंत चले उन बातों को हमें अपनी जीवनशैली में आत्मसात करें, यही इन कार्यक्रमों का लक्ष्य है। महात्मा गांधी सिर्फ राजनीतिक नेता नहीं थे। उनका नेतृत्व अध्यात्मवाद व सामाजिकता से भरा था।

गांधी दर्शन पर आधारित सात बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बिना काम का धन, विवेकरहित खुशी, बिना चरित्र के ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान व त्याग के बिना धन व सिद्धांत के बिना राजनीति कभी नहीं करनी चाहिए। यह संदेश गांधी ने दुनिया को दिया। सत्याग्रह व अहिंसा की राह दिखाई। उनके बताए रास्ते पर चलकर दुनिया में कई देशों ने स्वतंत्रता पाई। दक्षिण अफ्रीका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। नेल्सन मंडेला गांधी से प्रेरणा लेने वालों में से थे। आज के समय की बात करें तो दुनिया में विचारों की दृष्टि से उनका गांधी का महान योगदान है। स्वदेशी, स्वराज्य, स्वावलंबन, स्वच्छता, सत्याग्रह, अहिंसा जैसी बातें उनके जीवन दर्शन में समाहित थी। इन बातों के गहरे मायने थे। वे यदि स्वदेशी की बात करते थे तो इसलिए क्योंकि उन्हें पता था कि अंग्रेजों को कमजोर करने के लिए हमें उनके देश में निर्मित वस्तुओं पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यदि हम विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं तो इसका लाभ हमें नहीं बल्कि विदेशियों को होगा।

श्री नड्डा ने कहा कि यदि हम देश में बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं तो इसका लाभ हमारे गांव, हमारे किसान, यहां के लोगों को मिलेगा। आजादी के संघर्ष में उन्होंने अहिंसा की बात की, क्योंकि वे जानते थे यदि हम हिंसा का सहारा लेंगे तो अंग्रेजों को दमन का बहाना मिल जाएगा। वे रक्तपात पर उतर आएंगे। उन्होंने दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय स्वावलंबन की बात कही। उन्होंने चरखा को बढ़ावा दिया।

श्री नड्डा ने कहा कि गांधीजी स्वच्छता की बात करते थे। स्वच्छता को लेकर वे खुद भी सजग रहते थे। वे जहां भी जाते, यदि उन्हें गंदगी नजर आती तो खुद ही सफाई में जुट जाते थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्वच्छता के क्षेत्र के किए गए कार्यों के लिए ग्लोबल गोलकीपर का पुरस्कार दिया गया है। गांधी पर्यावरण की बात करते थे। आज हमारी कोशिश है कि हम एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करें। भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यालय में अब सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा।

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, भाजपा नेताओं से उम्मीद की जाती है:
1. पदयात्रा: 15 दिनों में न्यूनतम 75 किलोमीटर और अधिकतम 225 किलोमीटर

2. पहनावा: केवल खादी के कपड़े और केवल खादी के बैग को ही तरजीह दी जानी चाहिए।

3. बातचीत: गांधी के आदर्शों के बारे में और जनता को भाजपा सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, ग्रामीण आवास योजना, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान से कैसे जुड़ते हैं, इस बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

4. नारों में: भारत माता की जय सहित महात्मा गांधी से संबंधित उद्घोष को महत्व दिया जाना चाहिए।

5. खानपान: जिस गांव का भी दौरा करें, वहां स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत करते हुए वहां के स्थानीय भोजन को ही ग्रहण किया जाना चाहिए। दिन के अंत में नेता जिस गांव का भ्रमण करते हैं, उनसे उपेक्षा है कि वह उस गांव में रात्रिवास करें।

6. निर्देशों में कहा गया है कि यदि कोई भी पार्टी नेता 15 किलोमीटर के लक्ष्य को पूरा करने में असमर्थ हैं, तो उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए जो इसे पूरा करने में सक्षम हो।

7. पदयात्रा के दौरान, नेता के साथ 50 से 100 पार्टी कार्यकर्ताओं का समूह अपेक्षित है।