‘नारी शक्ति’ की गरिमा और अवसरों पर प्रधानमंत्री मोदीजी का जोर

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  मोदी स्टोरी                                                   महिला दिवस

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की प्रगति में महिलाओं की भूमिका पर बार-बार जोर दिया है। कई अवसरों पर उन्होंने अपने भाषण को भारत के लोकाचार में निहित ‘नारी शक्ति’ पर ही केंद्रित किया है। यह महिलाओं की भूमिका के प्रति उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण का ही परिणाम है कि हमारी नारी शक्ति भारत में सबसे आगे है और हर संभव क्षेत्र में नेतृत्व कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र हो या सेवा क्षेत्र या उद्यमी बनना, भारत में महिलाएं दुनिया को जीतने के लिए आगे बढ़ रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुछ दिलचस्प किस्से पेश कर रहे हैं, यह ऐसी घटनाएं हैं जो इस बात को स्पष्ट करती है कि कैसे श्री मोदी ने महिलाओं को आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया।

हरियाणा से भाजपा की पूर्व सांसद श्रीमती सुधा यादव ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया कि कैसे श्री मोदी ने उन्हें सांसद निधि के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया। श्रीमती यादव का कहना है कि जब वह सांसद बनीं, तो प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उन्हें सलाह दी कि आवंटित सांसद निधि का उपयोग अपने निर्वाचन क्षेत्र में बालिकाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए करें। वह आगे कहती हैं कि प्रधानमंत्री की सलाह के बाद उन्होंने रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों के सभी स्कूलों में शौचालय निर्माण को सुनिश्चित किया। साथ ही, उन्होंने यह भी पाया कि क्षेत्र की महिलाओं को पानी लाने के लिए सिर पर बर्तन रखकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, इसलिए उन्होंने सांसद निधि का एक हिस्सा क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के लिए उपयोग किया और अधिकांश हिस्सों में घर तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित किया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर याद करते हैं कि उन्हें नवंबर 2015 में प्रधानमंत्री श्री मोदी का फोन आया और उन्होंने हरियाणा में गिरते लिंगानुपात पर अपनी चिंता व्यक्त की। तभी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हरियाणा से शुरू किए जाने वाले ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के विचार को प्रस्तुत किया। 22 जनवरी, 2015 को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हरियाणा के पानीपत से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के व्यापक अभियान की शुरुआत की। श्री खट्टर आगे कहते हैं कि इस अभियान का न केवल हरियाणा में बल्कि पूरे देश में इतना व्यापक प्रभाव हुआ कि अब यह मोदी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। श्री खट्टर का कहना है कि यह अभियान धीरे-धीरे एक जन आंदोलन में बदल गया और परिणामस्वरुप 2014-15 में हरियाणा का लिंगानुपात जो 871 था, वह बढ़कर अब 923 हो गया है।

छत्तीसगढ़ से भाजपा सांसद सुश्री सरोज पांडे विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दौरान 2011-12 का एक किस्सा साझा कर रही हैं। सुश्री पांडे कहती हैं कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रदेश प्रवास के दौरान उन्हें उनकी सहायता करने और सभी व्यवस्थाओं को देखने का काम सौंपा गया था। सुश्री पांडे याद करती हैं कि हेलीकॉप्टर पर चढ़ने के दौरान उन्हें कठिनाई हो रही थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम में उनकी समस्या पर ध्यान दिया और प्रोटोकॉल तोड़ते हुए उन्हें उस सीट की पेशकश की जहां उन्हें खुद बैठना था। हेलीकॉप्टर की उस सीट पर चढ़ना आसान था। सुश्री सरोज पांडे प्रधानमंत्री के व्यवहार से अभिभूत थीं, जो एक महिला सहकर्मी की सुविधा के लिए प्रोटोकॉल तोड़ने की हद तक चले गये थे।