गुजरात की ‘डबल इंजन’ सरकार दोगुनी गति से काम कर रही है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को गुजरात के गांधीनगर में लगभग 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें शहरी विकास विभाग, जल आपूर्ति विभाग, सड़क व परिवहन विभाग और खान व खनिज विभाग से संबंधित 2,450 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन शामिल है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने लगभग 1950 करोड़ रुपये की पीएम-आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।

साथ ही, इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने योजना के लाभार्थियों को चाबियां सौंपकर योजना के तहत निर्मित लगभग 19,000 घरों के गृह प्रवेश में हिस्सा लिया। वहीं, उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए लाभार्थियों से बातचीत भी की।

इस अवसर पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया और लाभार्थियों को बधाई दी। श्री मोदी ने बताया कि उनके लिए राष्ट्र निर्माण निरंतर चलने वाला एक ‘महायज्ञ’ है। उन्होंने हालिया चुनाव के बाद सत्तारूढ़ सरकार के अधीन गुजरात में विकास की गति पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। श्री मोदी ने हाल ही में 3 लाख करोड़ रुपए के गरीब समर्थक गुजरात के बजट का उल्लेख किया। उन्होंने ‘वंचितों को प्राथमिकता देने’ की भावना को आगे बढ़ाने के लिए राज्य की सराहना की।

श्री मोदी ने राज्य में 25 लाख आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से 2 लाख माताओं को सहायता, 4 नए मेडिकल कॉलेज और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए हजारों करोड़ रुपये के कार्यों जैसी कुछ हालिया पहलों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पता चलता है कि गुजरात की डबल इंजन सरकार दोगुनी गति से काम कर रही है।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में लोगों ने अभूतपूर्व विकास को देखा है। उन्होंने उस समय को याद किया जब नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी दुर्लभ थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश उस निराशा से बाहर आ रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर व्यक्ति तक योजनाओं का सौ फीसदी लाभ पहुंचाया जा सके। श्री मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय तब होता है, जब सरकार समाज में सभी के लाभ के लिए काम करती है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 32,000 घरों का निर्माण पूरा करने के साथ लाभार्थियों को सौंप दिया गया है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि गरीबों के आत्मविश्वास में काफी बढ़ोतरी होती है, जब वे जीवन की बुनियादी जरूरतों के बारे में कम से कम चिंतित होते हैं।