‘आत्मनिर्भर भारत की कल्पना सहकारिता के सफल मॉडल के बगैर साकार नहीं हो सकती’

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने 17 दिसंबर, 2021 को लखनऊ में सहकार भारती के 7वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया और देश के विकास के साथ देश के सभी लोगों के सम-विकास में सहकारिता की उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सहकार भारती के अध्यक्ष श्री रमेश वैद्य, भारत सरकार में मंत्री श्री बी.एल. वर्मा, सहकार भारती के महामंत्री डॉ. उदय जोशी, उत्तर प्रदेश सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा, स्वागत समिति के अध्यक्ष एवं सांसद श्री संतोष गंगवार, सहकार भारती, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री रमाशंकर और सहकार भारती, उत्तर प्रदेश के महामंत्री श्री प्रवीण सिंह जादौन सहित 27 राज्यों के 600 से अधिक जिलों से आये लगभग 3000 से अधिक सहकारी प्रतिनिधि उपस्थित थे।

श्री शाह ने कहा कि वर्षों से सहकारी संगठनों, सहकारी समितियों, विशेषज्ञों और लाखों लोगों की यह मांग थी कि सहकारिता को मजबूती प्रदान करने के लिए भारत सरकार में एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाना चाहिए जो सहकारिता के आंदोलन को एक नई ऊर्जा दे, उत्साह दे और देश के विकास में योगदान दे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता के व्यापक उद्देश्य को समझते हुए जन-जन के विकास की अवधारणा के साथ सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं कि प्रधानमंत्रीजी ने मुझे देश का पहले सहकारिता मंत्री बनने का अवसर प्रदान किया। मैं यह भी बखूबी समझता हूं कि यह कोई पद नहीं, बल्कि एक विशेष जिम्मेदारी है।
श्री शाह ने कहा कि देश के अर्थतंत्र को गति देने में आने वाले दिनों में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की कल्पना भी सहकारिता के सफल मॉडल के बगैर साकार नहीं हो सकती।