‘गोवा के लोगों ने मुक्ति और स्वराज के आंदोलनों को थमने नहीं दिया’

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भारत एक ऐसा भाव है, जहां राष्ट्र ‘स्व’ से ऊपर होता है, सर्वोपरि होता है,
जहां एक ही मंत्र होता है— राष्ट्र प्रथम; जहां एक ही संकल्प होता है— ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 दिसंबर को गोवा में आयोजित गोवा मुक्ति दिवस समारोह में भाग लिया। श्री मोदी ने समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों और ‘ऑपरेशन विजय’ से जुड़े सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को सम्मानित किया। उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें प्रमुख हैं— पुनर्निर्मित फोर्ट अगुआड़ा जेल संग्रहालय, गोवा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, न्यू साउथ गोवा जिला अस्पताल, मोपा हवाई अड्डे पर विमानन कौशल विकास केंद्र और डाबोलिम-नावेलिम, मडगांव में गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन आदि। उन्होंने गोवा में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट के इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च की आधारशिला भी रखी।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गोवा की धरती को, गोवा की हवा को, गोवा के समंदर को, प्रकृति का अद्भुत वरदान मिला हुआ है और आज सभी का, गोवा के लोगों का ये जोश, गोवा की हवाओं में मुक्ति के गौरव को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे आज़ाद मैदान में शहीद मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का सौभाग्य भी मिला। शहीदों को नमन करने के बाद मैं मीरामर में सेल परेड और फ़्लाइ पास्ट का साक्षी भी बना। उन्होंने यहां आकर ऑपरेशन विजय के वीरों को, सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को देश की ओर से सम्मानित करने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

श्री मोदी ने कहा कि गोवा एक ऐसे समय पुर्तगालियों के अधीन हुआ था जब देश के दूसरे बड़े भूभाग भाग में मुगलों की सल्तनत थी। उसके बाद कितने ही सियासी तूफान इस देश ने देखे। श्री मोदी ने कहा कि समय और सत्ताओं की उठापटक के बीच सदियों की दूरी के बाद भी न तो गोवा अपनी भारतीयता को भूला और न ही भारत अपने गोवा को भूला। ये एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और सशक्त ही हुआ है। गोवा के लोगों ने मुक्ति और स्वराज के आंदोलनों को थमने नहीं दिया। उन्होंने भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक आजादी की लौ को जलाए रखा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत सिर्फ एक राजनीतिक सत्ता भर नहीं है। भारत मानवता के हितों की रक्षा करने वाला एक विचार है, एक परिवार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा भाव है, जहां राष्ट्र ‘स्व’ से ऊपर होता है, सर्वोपरि होता है, जहां एक ही मंत्र होता है— राष्ट्र प्रथम; जहां एक ही संकल्प होता है— एक भारत, श्रेष्ठ भारत।

श्री मोदी ने इस राज्य को खुले में शौच मुक्त बनाने, टीकाकरण, ‘हर घर जल’, जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण और लोगों की जिंदगी को और भी अधिक आसान बनाने के लिए शुरू की गई अन्य योजनाओं की शानदार प्रगति में गोवा का उदाहरण दिया। उन्होंने ‘स्वयंपूर्ण गोवा अभियान’ के प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने राज्य के शासन में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने इस राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न ठोस कदमों के बारे में भी बताया।

श्री मोदी ने दिवंगत श्री मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि गोवा की इन उपलब्धियों को, इस नई पहचान को जब मैं मजबूत होते देखता हूं तो मुझे मेरे अभिन्न साथी मनोहर पर्रिकर जी की भी याद आती है। उन्होंने न केवल गोवा को विकास की नई ऊंचाई तक पहुंचाया, बल्कि गोवा की क्षमता का भी विस्तार किया। आखिरी सांस तक कोई कैसे अपने राज्य, अपने लोगों के लिए लगा रह सकता है, उनके जीवन में हमने ये साक्षात देखा था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि गोवा के लोग कितने ईमानदार होते हैं, कितने प्रतिभावान और मेहनती होते हैं, देश गोवा के चरित्र को मनोहर जी के भीतर देखता था।