‘समग्र जनजातीय समाज के विकास का ख़ाका खींचने का काम ये अनुसंधान संस्थान करेगा’

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राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का शुभारंभ

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सात जून को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजीजू, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता और जनजातीय कार्य एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री विश्वेश्वर टुडु सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार आज ये राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान अस्तित्व में आ रहा है।

श्री शाह ने कहा कि ये संस्थान विभिन्न विषयों पर अनुसंधान और उनका मूल्यांकन करेगा, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य संस्थानों का क्षमता निर्माण करेगा, डेटा संग्रह भी करेगा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अच्छी बातों का प्रचार-प्रसार भी करेगा। जनजातीय त्यौहारों को उनकी मूल भावना को संजोए रखते हुए आधुनिक स्वरूप देकर लोकप्रिय बनाने का काम भी करेगा। मोदी जी द्वारा कल्पित जनजातीय संग्रहालयों की विविधता, रखरखाव पर भी काम करेगा। एक प्रकार से समग्र जनजातीय समाज के विकास का ख़ाका खींचने का काम ये अनुसंधान संस्थान करेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुरुआत से ही अनुसंधान संस्थान और जनशिक्षा पर बहुत बल दिया है। पिछली सरकार के समय वर्ष 2014 में इसके लिए बजट सात करोड़ रुपए था, जिसे 2022 के बजट में बढ़ाकर 150 करोड़ रुपए कर दिया गया। श्री शाह ने कहा कि स्वीकृत ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की संख्या में भी बहुत बढ़ोतरी करके 27 बनाए गए हैं। 49 प्रतिष्ठान आज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में सर्टिफाइड हैं।