आज देश का मंत्र है– ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’: नरेन्द्र मोदी

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त 19 नवंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ में भाग लिया। श्री मोदी ने झांसी किले के प्रांगण में आयोजित ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्रालय की कई नई पहलों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ भी शामिल है। प्रधानमंत्री को इस संघ के प्रथम सदस्य के रूप में पंजीकृत किया गया। एनसीसी कैडेटों के लिए राष्ट्रीय सिमुलेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कियोस्क; राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का मोबाइल ऐप; भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए डीआरडीओ द्वारा डिजाइन एवं विकसित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट ‘शक्ति’; हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर और ड्रोन भी इन परियोजनाओं में शामिल है।

श्री मोदी ने झांसी के गरौठा में 600 मेगावाट के अल्ट्रामेगा सौर ऊर्जा पार्क की आधारशिला भी रखी। इस ऊर्जा पार्क का निर्माण 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है और यह सस्ती बिजली एवं ग्रिड स्थिरता के दोहरे लाभ प्रदान करने में मदद करेगा। उन्होंने झांसी में अटल एकता पार्क का भी उद्घाटन किया।

सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी

इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने वीरता और पराक्रम की प्रतीक रानी लक्ष्मीबाई की जयंती का उल्लेख किया और कहा कि आज झांसी की यह धरती आजादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है और आज इस धरती पर एक नया सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है।

उन्होंने कहा कि उन्हें रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली यानी काशी का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व, कार्तिक पूर्णिमा और देव-दीपावली की भी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने वीरता और बलिदान के इतिहास में योगदान के लिए कई नायकों और नायिकाओं को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि यह धरती रानी लक्ष्मीबाई की अभिन्न सहयोगी रहीं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता और सैन्य कौशल की भी साक्षी रही है। मैं 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की उस अमर वीरांगना के चरणों में भी नमन करता हूं। मैं नमन करता हूं इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएं लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया। मैं नमन करता हूं बुंदेलखण्ड के गौरव, उन वीर आल्हा-ऊदल को, जो आज भी मातृभूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं।

श्री मोदी ने कहा कि आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, ये आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की है। 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एडमिशन शुरू भी हो गए हैं। सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी। एनसीसी पूर्व छात्र संघ के पहले सदस्य के रूप में पंजीकृत प्रधानमंत्री ने साथी पूर्व छात्रों से राष्ट्र की सेवा के लिए आगे आने और हर संभव तरीके से योगदान देने का आह्वान किया।

श्री मोदी ने कहा कि मेरे पीछे ये ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन और आधुनिक हथियार होते, तो देश की आज़ादी का इतिहास शायद कुछ और होता।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है, लेकिन आज देश का मंत्र है- ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’। आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि झांसी इस उद्यम का प्रमुख क्षेत्र बनकर उभरेगा।

श्री मोदी ने कहा कि ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ जैसे आयोजन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का वातावरण तैयार करने में बेहद मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्रीय नायकों और नायिकाओं का इसी तरह भव्य तरीके से गुणगान करने की जरूरत है।