‘पश्चिम बंगाल में आज संविधान का नहीं, एक “व्यक्ति विशेष” का राज है’

| Published on:

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा के संदर्भ में मानवाधिकार आयोग की टीम द्वारा कोलकाता हाईकोर्ट में सौंपे गए रिपोर्ट को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर जम कर हमला बोला।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री भाटिया ने कहा कि 02 मई को पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव का परिणाम आने के साथ ही जिस तरह राज्य में जम कर हिंसाआगजनीलूटपाटहत्या और बलात्कार की घटनाएं हुईउससे ऐसा प्रतीत होता है कि पश्चिम बंगाल में आज संविधान का नहींएक व्यक्ति विशेष का राज है। ममता बनर्जी जी ने हिंसाअपराध और दुराचार की इन घटनाओं पर आखें मूंदें रखीं और टीएमसी संरक्षित अराजक तत्वों को उपद्रव करने की खुली छूट दे दी। मुख्यमंत्री की ओर से सरेआम इस बात को कहा गया कि यदि पश्चिम बंगाल में किसी नागरिक ने टीएमसी के लिए वोट नहीं किया तो इसका परिणाम तो उन्हें भुगतना होगा। हम सब जानते हैं कि कोई भी देश या प्रदेश संविधान और कानून से चलता है लेकिन पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक यह नहीं जानते थे कि संविधान की शपथ लेने वाली एक मुख्यमंत्री देश के संविधान को तारतार करते हुए अपने कैडरों से कहेंगी कि जाओ और बदला लो।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कानून के अनुसार संज्ञेय हिंसा या अपराध होने पर पुलिस को तुरंत एफआईआर रजिस्टर करना चाहिए लेकिन पश्चिम बंगाल में एफआईआर तो दूरपुलिस एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में काम करने लगी। जब सर्वोच्च न्यायालय के सामने हिंसा, बलात्कार, हत्या और लूट के कई मामले आये तो सर्वोच्च नायालय ने और कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देशित किया कि पश्चिम बंगाल में दिल दहला देने वाली इन घटनाओं की एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अदालत को दी जाय। अदालत के निर्देश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने बंगाल में जगहजगह हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर एक विस्तृत रिपोर्ट बनिया जिसे 13 जुलाई को अदालत में सबमिट किया गया।

श्री भाटिया ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मीडिया में आये बिन्दुओं से पता चलता है कि किस तरह 02 मई को बंगाल विधान सभा चुनाव का परिणाम आते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में हिंसाहत्याबलात्कारलूट और आगजनी का तांडव मचाया गया और लोकतंत्र की हत्या की गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम को लगभग 1979 शिकायतें मिली। रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लगभग 15 हजार लोग प्रताड़ित किये गए। लगभग 8 हजार ऐसे लोगजिन्होंने हिंसाआगजनीहत्या और दुराचार कियाउनके खिलाफ कोई कार्रवाई ही नहीं हुई। इन 8 हजार आरोपियों में से केवल 3% लोगों से कुछ शुरुआती पूछताछ करके उनके खिलाफ भी मामलों को रफादफा कर दिया गयाबाकी 97% से तो कोई पूछताछ भी नहीं की गई।

श्री भाटिया ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने भी पश्चिम बंगाल जाकर ये सभी बातें उठाई थी जो आज मानवाधिकार आयोग अपनी रिपोर्ट में लिख रहा है। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने स्पष्ट कहा था कि पार्टी के हर एक नेता और देश भर के कार्यकर्तापश्चिम बंगाल की पीड़ित जनता के साथ खड़ी है और हम उन्हें इंसाफ दिलाने की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ते रहेंगे। पश्चिम बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश में मुख्य विपक्ष का जनादेश दिया है। हम हर पलहर क्षणहर सांस तक पश्चिम बंगाल की जनता की सेवा में समर्पित रहेंगे और ममता बनर्जी जीआपको आईना भी बारबार दिखाते रहेंगे। यदि आईने में आपको अपनी सरकार की सूरत सही नजर न आये तो समझ लीजियेगा कि सुधार की जरूरत है। यदि सुप्रीम कोर्टहाई कोर्टमानवाधिकार आयोगराष्ट्रीय महिला आयोग – सब कहें कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार का हनन हो रहा है तो यह बहुत ही चिंता की बात है और दुर्भाग्यपूर्ण है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज बंगाल में डर और भय का माहौल है। नागरिक डरे हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जो लोग क़ानून तोड़ रहे हैंवे टीएमसी से संबंध रखते हैं, ऐसा रिपोर्ट से पता चलता है। उन्हें टीएमसी से राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। राज्य की पुलिस अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में पूरी तरह से असमर्थ रही हैफेल रही है। रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव परिणाम आने के बाद पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हुआवह स्टेट स्पांसर्ड वायलेंस था। सरकार उन अपराधियों के साथ खड़ी हो जाती है जिन्हें जेल में डाला जाना चाहिए था। पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने भी अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

श्री भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल की धरती रबीन्द्रनाथ टैगोर की धरती है। गुरुदेव टैगोर की एक पंक्ति है – जहाँ मन निर्भय है और सिर ऊँचा लेकिन आज ऐसा प्रतीत होता है कि पश्चिम बंगाल एक ऐसी जगह है जहाँ मन में भय है और सिर शर्म से झुका हुआ है। ममता बनर्जी जी, आपको राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट पर संज्ञान लेना चाहिए। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी मामलों की एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जिससे कि जनता का विश्वास जीता जाय। चूंकि ममता जी के राज में पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं हैइसलिए मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि इन सभी मामलों की जांच या तो सीबीआई करे या फिर कोई कोर्ट मॉनिटर्ड स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की जाय ताकि सच सामने आये और आरोपी जेल जाएँ।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैंजल्द से जल्द सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। उचित होगा कि ट्रायल फास्ट ट्रैक पर हो। रिपोर्ट के अनुसार, प्रोसीक्यूट करने के लिए पब्लिक प्रोसीक्यूटर की स्पेशल टीम बनाई जाय जो राज्य सरकार के दवाब में काम न करे। जिन बहनों के साथ दुष्कर्म हुआउन्हें लगातार जान से मार देने की धमकी दी जा रही हैउनके परिजनों को डरायाधमकाया जा रहा है। ऐसी पीड़िताओं कोउनके परिजनों को और गवाहों को सुरक्षा दी जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि बिना डर के ये सभी अपनी बात न्यायालय के सामने रख सकें। पीड़ितों को हरसंभव आर्थिक और कानूनी मदद उपलब्ध कराये जाने की भी सिफारिश इस रिपोर्ट में की गई है। जिन लोगों की हत्या की गईजिनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गयाउन्हें मुआवजा भी मिलनी चाहिए।

श्री भाटिया ने ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि ममता दीदी का यह इतिहास रहा है कि उन्हें किसी भी संवैधानिक संस्था में विश्वास नहीं रहा है। संवैधानिक संस्थाओं को अनदेखा करना उनकी आदत रही है। 02 मई के बाद सुप्रीम कोर्ट हो या हाईकोर्टराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हो या राष्ट्रीय महिला आयोग – सबने ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई है और सबने माना है कि 02 मई के बाद जारी हिंसा में बंगाल पुलिस ने आँखें मूंदें रखी और वह अपने आकाओं के कहने पर काम रही थी। 02 जुलाई को हाईकोर्ट ने माना कि पश्चिम बंगाल में जम कर हिंसा हुई02 जुलाई को हाईकोर्ट ने माना। कोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को गलत ठहराया गया और कहा गया कि जब लोग मारे जा रहे थेनाबालिगों के साथ दुराचार हो रहा था तो बंगाल सरकार लगातार इसे नकार रही थी। जो सरकार अपने हिंसा और अपराध को संज्ञान में लेने से ही मना कर देवह अपनी जनता को क्या इंसाफ दिलाएगी।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हो सकता है कि ममता बनर्जी की अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा हो, हो सकता है कि वह हमारे पार्टी नेताओं से नफरत करती हों, उन्हें भाजपा कार्यकर्ता नहीं भाते हों, उन्हें जय श्री राम के नारे से नफरत हो लेकिन जिस संविधान की शपथ उन्होंने ली है, वह तो उसकी भी अवहेलना कर रही है। ममता बनर्जी जीआप पूरे बंगाल की मुख्यमंत्री हैंबंगाल के हर नागरिक की सुरक्षा के जिम्मेवारी आपकी है लेकिन आप अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करने में पूरी तरह से विफल रही हैं।