देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने इस बार 341.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीददारी की। पिछले साल यह आंकड़ा 341.31 लाख मीट्रिक टन था।
- आमतौर पर गेहूं की कटाई मार्च के अंत तक शुरू हो जाती है और अप्रैल के पहले सप्ताह में सरकारी एजेंसियों द्वारा इनकी खरीद भी शुरू हो जाती है। लेकिन लॉकडाउन शुरू हो जाने की वजह से ये गतिविधियां रुक गई थीं। इस बीच फसल तब तक पक चुकी थी और कटाई के लिए तैयार थी। ऐसे में भारत सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कृषि और उससे संबंधित गतिविधियां आरंभ करने की छूट दे दी।
- महामारी के दौरान समूची गेहूं खरीद प्रक्रिया सुरक्षित तरीके से क्रियान्वित किया जाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती से निपटने के लिए सुनियोजित बहुस्तरीय रणनीति बनाई गई। प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों को संक्रमण से बचाव के उपायों तथा परस्पर दूरी बनाए रखने के नियमों के प्रति जागरूक बनाया गया। खरीद केन्द्रों पर किसानों की भीड़ न जुटे, इसके लिए ऐसे केन्द्रों की संख्या बढ़ाई गई।