किसानों की आय दोगुना करेगा बजट


Posted in:
13 Feb, 2020
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13 Feb, 2020

केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को जो बजट पेश किया है, उसमें कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सन् 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के अपने वादे को लेकर कितना गंभीर है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार नए-नए तरीकों से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को गति दे रहे हैं।

इस बजट में सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नये तरीकों का जो प्रावधान किया है, उससे साफ है कि किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य अब ज्यादा दूर नहीं है। किसानों की खाली पड़ी जमीन पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे और उनकी बिजली राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ दी जाएगी। इसके अलावा किसानों को सोलर पावर पंप दिए जाएंगे। उनको भी नेशनल ग्रिड से जोड़ा जाएगा, जिससे खाली समय में इनकी उर्जा देश को मिलेगी। इससे किसान अन्नदाता से अब ऊर्जादाता भी बन सकता है। इसके लिए 20 लाख किसानों को ऑफ ग्रिड सोलर पंप और 15 लाख किसानों को ऑन ग्रिड सोलर पंप देने का काम इस वित्तीय वर्ष में किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी किसान सम्मान निधि योजना के लिए फिर 75 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इससे किसानों को सीधे खाते में 6000 रुपये सालाना मिलता रहेगा। किसानों की आय को बढ़ाने में इसका योगदान महत्वपूर्ण है।

समुद्र तटीय राज्यों में सागर मित्रों की सहायता से मछली का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। उम्मीद है कि 2023 तक मछली उत्पादन दोगुना हो जाएगा और मछली का निर्यात बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। देश में सब्जी और फल का का उत्पादन बढ़कर अनाज से भी अधिक 311  मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा हो चुका है। इसके प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यह सड़ता है और इनकी अनुपलब्धता से महंगाई भी बढ़ती है।

सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए पूरे देश में कोल्ड स्टोरेज चेन बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना को हाथ में लिया है। इसे फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की मदद से पूरा किया जाएगा। ऐसा होने पर फलों और सब्जियों जैसे उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखकर बेचा जा सकेगा। इससे किसानों को इन चीजों को बेचने में जल्दबाजी नहीं करनी पड़ेगी और उनकी आय निश्चित तौर पर बढ़ेगी।  

फल, सब्जी और मांस, मछली के पूरे देश में तेज परिवहन की सुविधा के लिए किसान उड़ान और किसान रेल शुरू करने की घोषणा भी की गई है। इससे पूरे देश में इनका परिवहन सुविधाजनक बनेगा। पूर्वोत्तर राज्यों में इन सुविधाओं के विकास पर विशेष बल दिया जाएगा। जिससे वहां के लोगों को अपना सामान पूरे देश में भेजने में सुविधा हो। वर्ष 2025 तक मिल्क प्रोसेसिंग क्षमता को भी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। पशुओं के मुंहपका और खुरपका जैसी बीमारियों के उन्मूलन का लक्ष्य भी वर्ष 2025 तक रखा है। पशुधन और डेयरी उद्योग का देश के किसानों की आय को बढ़ाने में बड़ी भूमिका है। 

केंद्र सरकार ने कृषि सुधार अधिनियमों जैसे-मॉडल कृषि भूमि पट्टा अधिनियम 2016, मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2017 और मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन संविदा कृषि और सेवाएं (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2018 बनाया है। जिन राज्यों में इनको लागू किया जा रहा है, उन राज्यों में किसानों की स्थिति निश्चित ही सुधरी है। इससे किसानों को बाजार की बदलती मांग के हिसाब से खुद के उत्पादन को बदलने में सहायता मिलेगी।

इस बजट में उन 100 जिलों पर विशेष ध्यान देने का वादा किया गया है जो पानी की कमी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे राज्यों में ड्रिप सिंचाई इरिगेशन के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना से किसानों को मदद देने का प्रबंध किया गया है। इससे पानी के साथ ही कीमती ऊर्जा की भी बचत होती है। पानी की खपत घटने से कुछ समय बाद जल स्तर बढ़ने लगता है।

सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इसके साथ किसानों को जीरो बजट खेती अपनाने और सिखाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके पर्यावरण अनुकूल होने से प्राकृतिक संपत्ति को कम क्षति होती है। इससे बहुमूल्य जैव विविधता का संरक्षण होता है। किसानों को जैविक खेती की तरफ मोड़ने के लिए सरकार ने फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाने के कई सहूलियतें दी हैं। जैविक खेती और जीरो बजट प्राकृतिक खेती की लागत कम होने से किसानों की आय भी बढ़ेगी जो कि मोदी सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। पूरे देश की कृषि मंडियों को इंटरनेट से जोड़ देने से इससे जुड़े 6 करोड़ से ज्यादा किसानों को लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी ई-नैम योजना ने पूरे देश में किसानों को उपजों का एक समान और अच्छा दाम दिलाने में मदद की है। तकनीक का उपयोग बढ़ने के साथ-साथ यह किसानों की उपजों की बिक्री का एक भरोसेमंद प्लेटफार्म बनकर उभर रहा है। मोदी सरकार के इन सभी प्रयासों से वर्ष 2022 तक किसानों की आय के निश्चित रूप से दोगुना होने की आशा की जा सकती है।