प्रधानमंत्री द्वारा सात जून, 2021 को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में लोकहित में की गई घोषणा तथा कोविड-19 के संदर्भ में आर्थिक पहलों के हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 नवंबर को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण पांच) को और चार महीने यानी दिसंबर, 2021 से मार्च, 2022 तक विस्तार देने को मंजूरी दे दी। इसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) सहित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिकता प्राप्त घरों) के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो अनाज निःशुल्क प्राप्त होता रहेगा।
इस योजना का पहला और दूसरा चरण क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 में परिचालन में था। योजना का तीसरा चरण मई से जून, 2021 तक परिचालन में रहा। योजना का चौथा चरण इस समय जुलाई-नवंबर, 2021 के दौरान चल रहा है।
पीएजीकेएवाई योजना का पांचवां चरण दिसंबर, 2021 से मार्च, 2022 तक चलेगा, जिसमें अनुमानित रूप से 53344.52 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी दी जायेगी। पीएमजीकेएवाई के पांचवें चरण के लिये खाद्यान्न का कुल उठान लगभग 163 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है।
यह याद रहे कि पिछले वर्ष देश में अप्रत्याशित रूप से कोविड-19 महामारी फैलने के कारण आने वाली आर्थिक अड़चनों को मद्देनजर रखते हुये केंद्र सरकार ने मार्च, 2020 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रति व्यक्ति, प्रति माह के हिसाब से पांच किलोग्राम अतिरिक्त रूप से निःशुल्क अनाज (चावल/गेहूं) दिया जायेगा।
अब तक पीएम-जीकेएवाई (एक से चार चरण तक) के तहत विभाग ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कुल मिलाकर लगभग 600 लाख मीट्रिक टन का आवंटन किया है, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है।
पीएमजीकेएवाई-चौथे चरण के अंतर्गत वितरण इस समय चल रहा है और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक अब तक 93.8 प्रतिशत अनाज उठा लिया गया है और लगभग 37.32 एलएमटी (जुलाई, 2021 का 93.9 प्रतिशत), 37.20 एलएमटी (अगस्त, 2021 का 93.6 प्रतिशत), 36.87 एलएमटी (सितंबर, 2021 का 92.8 प्रतिशत), 35.4 एलएमटी (अक्टूबर, 2021 का 89 प्रतिशत) और 17.9 एलएमटी (नवंबर, 2021 का 45 प्रतिशत) अनाज क्रमशः लगभग 74.64 करोड़, 74.4 करोड़, 73.75 करोड़, 70.8 करोड़ और 35.8 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किया गया।