देबदत्त बरकाताकी नहीं रहे

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     प्रसिद्ध शिक्षाविद्, असम ज्ञान विज्ञान समिति के संस्थापक, असमिया बीजेपी बार्ता (असम भाजपा का मुखपत्र) के संपादक, सामाजिक कार्यकर्ता और असम भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. देबदत्त बरकाताकी का 23 नवंबर, 2021 को कोविड-19 की बीमारी के कारण स्वर्गवास हो गया। रामकृष्ण मिशन, गुवाहाटी के पास बीरुबारी श्मशान घाट में उसी दिन शाम लगभग 4:30 बजे उनके परिवार के सदस्यों, असम भाजपा के सचिव श्री फणींद्र नाथ सरमा और पार्टी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में कोविड मानदंडों के अनुरूप उनका अंतिम संस्कार किया गया।

श्री देबदत्त बरकाताकी का जन्म 1 जनवरी, 1951 को गुवाहाटी में हुआ था। वह स्वर्गीय दुर्गादत्त बरकाताकी और बिली बरकाताकी के इकलौते पुत्र थे।

उन्होंने असमिया भाषा में ब्याबोहारिक रसायन (प्रैक्टिकल केमिस्ट्री), रसायन आदिपथ (रसायन विज्ञान की पहली किताब / गाइड), शिशु अरु आइना (बच्चा और दर्पण), गोलकीकरणर जन्मकोठा (वैश्वीकरण का इतिहास), मोटबिनिमॉय (संचार), सख्यारता ने स्वाख्यारता (साक्षरता पर) जैसी कई किताबें लिखीं। डावर आरे आरे— अंग्रेजी से असमिया भाषा में अनूदित पुस्तक उनकी आखिरी कृति थी, जिसे रानांगन प्रकाशन ने 2020 में प्रकाशित किया था।

वह 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और भाजपा के आईटी संयोजक के रूप में अपना काम शुरू किया। उसके बाद उन्हें भाजपा पत्रिका और प्रकाशन विभाग के संयोजक के रूप में असोमिया बीजेपी बार्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई। पिछले 5 वर्षों से बरकाताकी ने लगभग अकेले ही बीजेपी बार्ता को हर महीने समय पर प्रकाशित करने का काम किया।

ऐसे समर्पित पार्टी कार्यकर्ता का निधन एक बहुत बड़ी क्षति है और कमल संदेश पत्रिका शोक संतप्त परिवार और उनके शुभिचंतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।