‘बहुआयामी फायदा पहुंचाने वाला फैसला’

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का निर्णय लिया। फसल वर्ष 2018-19 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपये से बढ़ाकर 1840 रुपये, सरसों का समर्थन मूल्य 4000 से बढ़ाकर 4200 रुपये, चना का समर्थन मूल्य 4400 से बढ़ाकर 4620 रुपये, मसूर का समर्थन मूल्य 4250 से बढ़ाकर 4475 रुपये, कुसुम का समर्थन मूल्य 4100 से बढ़ाकर 4945 रुपये और जौ का समर्थन मूल्य 1410 से बढ़ाकर 1440 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 3 अक्टू्बर को किसानों के हित में खरीफ फसलों के बाद अब रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को हार्दिक बधाई दी और मोदी सरकार के इस कदम को किसानों की स्थिति में सुधार लाने एवं उनकी आय को दुगुना करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम करार दिया।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की कैबिनेट कमिटी की बैठक में रबी फसलों की एमएसपी को उनके लागत मूल्य से डेढ़ गुना करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जो कि देश के किसानों के उत्थान में निर्णायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निरंतर देश के किसानों की आय को दुगना कर उनके जीवन को सुगम बनाने के लिए प्रयासरत है। रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह का भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की ओर से मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूं।

श्री शाह ने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही किसानों की यह मांग थी कि उन्हें उनकी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त होना चाहिए। इसके लिए देश में कई किसान आंदोलन हुए और कई किसानों ने अपने प्राणों की आहुति भी दी, लेकिन कांग्रेस एवं उनके सहयोगियों की किसी भी सरकार ने फसल की एमएसपी को लागत मूल्य से डेढ़ गुना करने का साहस नहीं किया। उन्होंने कहा कि आज देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने खरीफ के बाद रबी फसलों की एमएसपी में भी 50% या उससे अधिक की वृद्धि कर किसानों की सात दशकों की मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों के विपरीत जिनकी योजनायें केवल फाइलों और उनके घोषणापत्रों पर ही रह जाती थी, यह मोदी सरकार अपनी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सफल हुई है।

श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के गठन के साथ ही केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने किसानों के हित में एक-के-बाद-एक कई अहम् फैसले लिए हैं। साथ ही, किसानों की भलाई के लिए किये गए अपने वादों को अक्षरशः पूर्ण करने का सार्थक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यूरिया की नीम कोटिंग की गई जिससे यूरिया की कालाबाजारी पूर्णतः रुक गई और किसानों के लिए यह सहज रूप से उपलब्ध हो पाई। इसके पश्चात् खादों/उर्वरकों के मूल्य में कटौती की गई। प्रभावी प्रधानमंत्री फसल बीमा के रूप में ‘सुरक्षित फसल, समृद्ध किसान’ की व्यापक अवधारणा को मूर्त्त रूप दिया गया, इसमें और सुधार की प्रक्रिया में शुरू है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के माध्यम से हर खेत को पानी सुलभ कराया गया है और सालों से लटकी हुई सिंचाई परियोजनाओं को भी शुरू किया गया है। स्वायल हेल्थ कार्ड के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है और कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल नुकसान के कारण मिलने वाली सहायता राशि में भी वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि ये सभी निर्णय बताते हैं कि मोदी सरकार किसानों की भलाई, उनके उत्थान एवं उनकी आय को दुगुना करने के लिए कृतसंकल्पित है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसानों की माली हालत में सुधार, कृषि को बचाने और गांवों को सक्षम बनाने में एमएसपी में डेढ़ गुने की वृद्धि मील का पत्थर साबित होगी। इससे देश के करोड़ों किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा, छोटे किसानों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने फसलों की एमएसपी में डेढ़ गुने की वृद्धि कर किसानों को उनका अधिकार दिया है, जिससे इन्हें वंचित रखा गया था।

श्री शाह ने कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों की माली हालत तो सुधरेगी ही। साथ ही, खेतिहर मजदूर की हालत में भी व्यापक सुधार होगा, गांवों को भी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि एमएसपी में डेढ़ गुने की वृद्धि किसान, खेतिहर मजदूर, गांव – सभी के लिए एक बहुआयामी फायदा पहुंचाने वाला फैसला है, जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं उनके केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सभी सदस्य हार्दिक बधाई के पात्र हैं।