पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़

| Published on:

     पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा जिस प्रकार से देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को खतरे में डाला गया, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक है। ध्यान देने योग्य है कि यह घटना तब घटी, जब प्रधानमंत्री हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि अर्पित करने जा रहे थे। प्रधानमंत्री का काफिला लगभग 20 मिनटों तक एक फ्लाईओवर पर फंसा रहा तथा सुरक्षा पर संभावित खतरे को देखते हुए वापस लौटने का जिस प्रकार से निर्णय लिया गया, उससे राजनीति के दिन-प्रतिदिन गिरते हुए स्तर पर कई गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं। ये प्रश्न देश की संस्थागत व्यवस्थाओं की शुचिता-निष्पक्षता से भी संबंधित है जो इस प्रकार की विद्वेषपूर्ण राजनीति पर अंकुश रखता है। क्या विद्वेषपूर्ण राजनीति के लिए देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा सकता है? इस घटना से देश की संघीय व्यवस्था, राजनैतिक शुचिता तथा बहुदलीय लोकतंत्र के मानदंडों पर बड़े प्रश्नचिह्न खड़े हुए हैं। यह केवल राजनीतिक क्षेत्र के लिए चिंता का विषय नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्न है। यदि यह एक राजनैतिक खेल है, तब इसमें कोई दोमत नहीं कि यह एक खतरनाक खेल है।

एक ओर जहां पंजाब की कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री के काफिले को सुरक्षा देने के अपने संवैधानिक दायित्वों में असफल रही, वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जिस तरह की सफाई पेश की, वे अत्यंत संदिग्ध एवं शर्मनाक हैं। यह सर्वविदित है कि एसपीजी की सुरक्षा घेरे में प्रधानमंत्री के आवागमन की योजना बहुत पहले तैयार की जाती है और वैकल्पिक मार्गों पर भी सुरक्षा चाक-चौबंद होती है। पंजाब के मुख्यमंत्री का यह कहना कि प्रधानमंत्री के काफिले का मार्ग अंतिम समय में बदला गया, एक सफेद झूठ है। साथ ही, यह दावा कि प्रधानमंत्री पर कोई खतरा नहीं था, अत्यंत निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। सारा देश जानता है कि पूरे विश्व में आतंकवाद के विरुद्ध निरंतर लड़ाई लड़ने के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अनेक अंतरराष्ट्रीय आतंकी गुटों के निशाने पर हैं तथा पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब प्रदेश में हाल के महीनों में भी विभिन्न आतंकी गुटों ने शांति भंग करने के कुत्सित प्रयास किए हैं। परंतु यह अत्यंत शर्मनाक है कि पंजाब के मुख्यमंत्री को देश के प्रधानमंत्री पर कोई खतरा नजर नहीं आता। इन बयानों से पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वे अपने पद की गरिमा के साथ न्याय करने में असमर्थ हैं।

इस पूरी घटना की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनटों तक फंसा रहा, वह पाकिस्तान के फायरिंग दायरे में आता है। इसे ‘सुरक्षा में चूक’ नहीं कहा जा सकता, यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ एक सुनियोजित षड्यंत्र था। ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री के काफिले की सुरक्षा किसी भी प्रदेश में राज्य पुलिस के हाथों में होती है जो एसपीजी से समन्वय स्थापित करते हुए काफिले के रूट को सुरक्षा प्रदान करती है। प्रधानमंत्री के काफिले के लिए तय ‘रूट’ के साथ वैकल्पिक ‘रूटों’ को अत्यंत गोपनीय रखा जाता है तथा उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन मार्गों पर सुरक्षा पूर्वाभ्यास भी किया जाता है। इस प्रकार की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था एवं गोपनीयता के उच्च मानदंडों के कारण किसी भी बाहरी व्यक्ति को इसकी भनक तक लगना असंभव है। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री के काफिले का ‘रूट’ पंजाब कानून-व्यवस्था के उच्च स्तर के उकसावे पर बाधित किया गया और राज्य पुलिस ने जान-बूझकर ‘रूट’ को बाधित होने दिया। यह न केवल अत्यंत घटिया राजनीति थी, बल्कि एक खतरनाक खेल भी था।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी स्वयं को इस आपराधिक कृत्य से दोषमुक्त नहीं कर सकते। इसके अलावा, इस दौरान फोन कॉल का उत्तर नहीं देना, प्रधानमंत्री के प्रदेश में आगमन पर न तो स्वयं उनके स्वागत के लिए आना और न ही अपने उच्च पदस्थ अधिकारियों को आने देना तथा अपने झूठे दावों से देश को दिग्भ्रमित करने के भी वे दोषी हैं। ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री देश के बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने एवं पंजाब के लिए कई विकास परियोजनाओं का उपहार लेकर गए थे और साथ में फिरोजपुर में भाजपा की एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले थे। पंजाब के मुख्यमंत्री के ये कृत्य न केवल देश के संघीय ढांचे पर हमला है, बल्कि देश के बलिदानियों का अपमान और प्रदेश की जनता के विकास के विरोध में है। उन्होंने न केवल अपने पद की गरिमा को गिराया है, बल्कि संस्थागत व्यवस्थाओं, संवैधानिक मान्यताओं एवं राजनैतिक मूल्यों पर गहरी चोट की है। आज जबकि पूरा देश प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंतित है और इस प्रकार की विद्वेषपूर्ण राजनीति की निंदा कर रहा है, इस घटना की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। कांग्रेस को आने वाले दिनों में देश की जनता इस कृत्य के लिए निश्चय ही कड़े दंड देगी।

                                    shivshaktibakshi@kamalsandesh.org