सुश्री श्यामा शर्मा : निःस्वार्थ सेवा की कहानी

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हिमाचल प्रदेश के नाहन की निवासी सुश्री श्यामा शर्मा पेशे से वकील थीं। उन्होंने सक्रिय रूप से विभिन्न सामाजिक मुद्दों के लिए काम किया। सुश्री श्यामा ने यमुना हाइड्रो प्रोजेक्ट के लिए काम करने वाले मजदूरों के लिए वेज बोर्ड की मांग की। सर्द दिसंबर में सिरमौर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन वह टोंस नदी में कूद गई और रात में नदी पार करके जौनसार बाबर पहुंच गई थी।

इसके बाद वह दिल्ली चली गईं और एक साल तक भूमिगत रहीं। उन्हें आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था और एक वर्ष से अधिक समय तक सेंट्रल जेल, नाहन में रखा गया था। वह हिमाचल की एकमात्र महिला थीं जिन्हें आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने राज्य मंत्री (स्वतंत्र) का दायित्व संभाला।